देहरादून: कानपुर एनकाउंटर के बाद उत्तराखंड पुलिस प्रदेश में मौजूद गैंग्स पर शिकंजा कसने की तैयारी में जुट गई है. उत्तराखंड पुलिस के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में फिलहाल 31 गैंग्स रजिस्टर्ड हैं. पुलिस के पुराने रिकॉर्ड यह बताते हैं कि प्रदेश के 5 दर्जन से गिरोह थे. इन गैंग्स में शामिल 384 अपराधियों में 56 की मौत हो गई है. 144 सदस्य निष्क्रिय हो चुके हैं और 130 बदमाश कभी-कभी सक्रिय दिखाई देते हैं.
उत्तराखंड में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 4-5 गैंग्स सबसे अधिक सक्रिय चल रहे हैं. जिसके बाद पुलिस सभी गैंग्स की मूवमेंट पर नजर रखी हुई है. पुलिस मुख्यालय के मुताबिक, 2019 में हुए विशेष अभियान के दौरान पूरे राज्य में 43 गैंग्स मौजूद थे. कई गैंग के घटनाओं में दूर होने की वजह से पुलिस उन्हें रिकॉर्ड से बाहर कर चुकी है. ऐसे में 31 रजिस्टर्ड गैंग पर एसटीएफ शिकंजा कसने में जुटी हुई है. उत्तराखंड पुलिस ने इस वर्ष 9 नए गैंग्स को पुलिस रिकॉर्ड में अपडेट कराया है.
उत्तराखंड पुलिस के मुख्यालय के मुताबिक, 100 सक्रिय बदमाश प्रदेश के विभिन्न जेलों में बंद हैं. पुलिस कई बदमाशों के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई कर चुकी है और 4 दर्जन से अधिक सक्रिय अपराधियों में 34 को गिरफ्तार कर चुकी है.
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डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार के मुताबिक नए आपराधिक गैंग्स को रजिस्टर्ड करते हुए पुलिस उन पर शिकंजा कसने की तैयारी में है. ऐसे में बदमाशों की सक्रियता न के बराबर है. पिछले 5 से 7 वर्षों की बात करें तो राज्य में प्रमुख तौर पर 4 से 5 गैंग सक्रिय थे.
इन सभी के बढ़ते वर्चस्व को देखते हुए बीते तीन वर्षों में उत्तराखंड पुलिस द्वारा इन पर भी शिकंजा कसा गया है, ऐसे में कोई भी बड़ा गैंग प्रदेश में खास भूमिका में नजर नहीं आ रहा है. लेकिन इन सबके बावजूद कुछ गैंग समय-समय पर छिटपुट घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में रहते हैं. लेकिन पुलिस की कार्रवाई की वजह से निष्क्रिय होते जा रहे हैं.