देहरादून: बेहतर योजनाओं के जरिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा लाभ देना अफसरों की कार्य प्रणाली पर निर्भर करता है. लेकिन यदि अधिकारी नए क्रिएटिव आइडियाज पर ही काम ना करें और बेहतर प्रोजेक्ट्स से जुड़े प्रस्ताव दे पाने में ही अक्षम दिखें तो सरकार का कोई भी प्रयास जनहित के लिहाज से सफल नहीं हो सकता.
कुछ ऐसी ही स्थिति पूंजीगत निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना में भी दिखाई दे रही है. इसके तहत विभाग की जिम्मेदारी संभालने वाले अधिकारी अच्छे प्रोजेक्ट्स से जुड़े प्रस्ताव ही नहीं दे रहे हैं. जिसको लेकर अब मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने गहरी नाराजगी जाहिर कर दी है. देहरादून सचिवालय में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पूंजीगत निवेश हेतु राज्यों को विशेष सहायता योजना की प्रगति समीक्षा की गई. मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने समीक्षा बैठक करते हुए अफसरों को बेहतर प्रोजेक्ट्स पर काम करने की सलाह दी. खास बात यह है कि राज्य में विशेष सहायता योजना के तहत अधिकारी अच्छे प्रोजेक्ट से जुड़े प्रस्ताव नहीं दे पा रहे हैं. जिसके कारण राज्य को मिले लक्ष्य के अनुरूप प्रस्ताव ही सरकार को नहीं मिल पा रहे हैं. समीक्षा के दौरान इस महत्वपूर्ण बिंदुओं के सामने आने के बाद मुख्य सचिव ने अधिकारियों के सामने नाराजगी जाहिर की.
मुख्य सचिव ने अफसरों से दो टूक कहा कि अच्छे प्रोजेक्ट तैयार करें. साथ ही प्रस्ताव को लेकर जो स्थिति बनी हुई है उसे उन्होंने ठीक नहीं बताया. मुख्य सचिव ने अधिकारियों को कहा कि प्रदेश भर में जितने भी बड़े शहर हैं, वहां आउटडोर स्टेडियम, इंडोर स्टेडियम और ऑडिटोरियम बनाए जाएं. साथ ही खेल सुविधाओं के लिए भी पूरे प्रदेश का एक मास्टर प्लान तैयार कर लिया जाए जिसे अगले 10 सालों के लिहाज से बनाया जाए.
मुख्य सचिव ने इस दौरान पर्यटन विभाग को भी रिवरफ्रंट डेवलपमेंट के कार्यों को पर्यटन की दृष्टि से तैयार करने के लिए कहा. साथ ही शिक्षा विभाग को भी स्कूलों में प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय और स्कूलों के भवन तेजी से बनाए जाने के लिए जल्द से जल्द प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए. इसके अलावा योजनाओं की अगली किस्त के लिए उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के लिए भी कहा गया.
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