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महिला कांग्रेस ने निकाला कैंडल मार्च, छावला गैंगरेप की पीड़िता को न्याय देने की मांग

छावला पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए देहरादून में महिला कांग्रेस ने घंटाघर से गांधी पार्क तक कैंडल मार्च निकाला. इस दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत, गणेश गोदियाल, विधायक अनुपमा रावत और महिला कांग्रेस की वरिष्ठ उपाध्यक्ष आशा मनोरमा सहित कई कार्यकर्ताओं ने सरकार से अपराधी को दंड दिलाने के लिए न्यायिक विकल्पों को तलाशने को कहा.

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Published : Nov 10, 2022, 9:48 PM IST

Updated : Nov 10, 2022, 9:54 PM IST

देहरादून: प्रदेश महिला कांग्रेस ने छावला रेप केस की पीड़िता और उत्तराखंड की बेटी अनामिका (काल्पनिक नाम) को न्याय दिलाने के लिए घंटाघर से गांधी पार्क तक कैंडल मार्च निकाला. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार से अनामिका को आत्मा को न्याय दिलाने के लिए कोई विकल्प तलाशने का अनुरोध किया. कैंडल मार्च में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, विधायक अनुपमा रावत भी शामिल हुईं.

इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा केवल उत्तराखंड की सभी बेटियां और बहने पूरी मानवता और इंसानियत के साथ देश से पूछ रही है कि आखिर अनामिका का कोई तो हत्यारा है, जिसने इतने जघन्य अपराध को अंजाम दिया. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर वह कौन है? जिसने अनामिका को तड़पा-तड़पा कर मार डाला. इस प्रकरण से सारी बेटियां अपने आपको आहत महसूस कर रही हैं. इसलिए हम लोग कैंडल मार्च निकालकर केदार बाबा से पूछ रहे हैं कि अनामिका का आखिर कौन है वह हत्यारा, जिसको देश फांसी पर चढ़ता हुआ देखेगा.

महिला कांग्रेस ने निकाला कैंडल मार्च.
ये भी पढ़ें: पूर्व सीएम त्रिवेंद्र बोले- 'उत्तराखंड में ब्लैकमेलिंग की पॉलिटिक्स नहीं चलनी चाहिए'

वहीं, विधायक अनुपमा रावत ने कहा आज बेटियां उत्तराखंड में अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही हैं. चाहे अंकिता भंडारी हो या फिर अनामिका नेगी, जिस राज्य को महिलाओं ने अग्रिम भूमिका निभाते हुए प्राप्त किया हो, उसी राज्य में आज बेटियां असुरक्षित हैं. गणेश गोदियाल ने भी अनामिका प्रकरण में राज्य सरकार से न्यायिक विकल्पों को तलाशने की मांग की. उन्होंने कहा पहले अंकिता और अब अनामिका के साथ हुए अन्याय से हम बहुत उद्वेलित हैं. ऐसे में हमारी बेटियों के साथ हुए इन वीभत्स अपराध के दोषियों को सजा दिलाने के लिए राज्य सरकार को आगे आना चाहिए.

महिला कांग्रेस की वरिष्ठ उपाध्यक्ष आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा ने कहा हम न्यायालय का सम्मान करते हैं. फिर भी लगता है कि पुलिस ने कहीं ना कहीं सबूतों को न्यायालय में नहीं रखा. ऐसे में उत्तराखंड सरकार को स्वयं पहल कर कोई विकल्प तलाशना चाहिए और अपराधी को दंड दिलाने में न्यायिक विकल्पों के आधार पर विधिक कार्रवाई अमल में लानी चाहिए.

देहरादून: प्रदेश महिला कांग्रेस ने छावला रेप केस की पीड़िता और उत्तराखंड की बेटी अनामिका (काल्पनिक नाम) को न्याय दिलाने के लिए घंटाघर से गांधी पार्क तक कैंडल मार्च निकाला. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार से अनामिका को आत्मा को न्याय दिलाने के लिए कोई विकल्प तलाशने का अनुरोध किया. कैंडल मार्च में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, विधायक अनुपमा रावत भी शामिल हुईं.

इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा केवल उत्तराखंड की सभी बेटियां और बहने पूरी मानवता और इंसानियत के साथ देश से पूछ रही है कि आखिर अनामिका का कोई तो हत्यारा है, जिसने इतने जघन्य अपराध को अंजाम दिया. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर वह कौन है? जिसने अनामिका को तड़पा-तड़पा कर मार डाला. इस प्रकरण से सारी बेटियां अपने आपको आहत महसूस कर रही हैं. इसलिए हम लोग कैंडल मार्च निकालकर केदार बाबा से पूछ रहे हैं कि अनामिका का आखिर कौन है वह हत्यारा, जिसको देश फांसी पर चढ़ता हुआ देखेगा.

महिला कांग्रेस ने निकाला कैंडल मार्च.
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वहीं, विधायक अनुपमा रावत ने कहा आज बेटियां उत्तराखंड में अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही हैं. चाहे अंकिता भंडारी हो या फिर अनामिका नेगी, जिस राज्य को महिलाओं ने अग्रिम भूमिका निभाते हुए प्राप्त किया हो, उसी राज्य में आज बेटियां असुरक्षित हैं. गणेश गोदियाल ने भी अनामिका प्रकरण में राज्य सरकार से न्यायिक विकल्पों को तलाशने की मांग की. उन्होंने कहा पहले अंकिता और अब अनामिका के साथ हुए अन्याय से हम बहुत उद्वेलित हैं. ऐसे में हमारी बेटियों के साथ हुए इन वीभत्स अपराध के दोषियों को सजा दिलाने के लिए राज्य सरकार को आगे आना चाहिए.

महिला कांग्रेस की वरिष्ठ उपाध्यक्ष आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा ने कहा हम न्यायालय का सम्मान करते हैं. फिर भी लगता है कि पुलिस ने कहीं ना कहीं सबूतों को न्यायालय में नहीं रखा. ऐसे में उत्तराखंड सरकार को स्वयं पहल कर कोई विकल्प तलाशना चाहिए और अपराधी को दंड दिलाने में न्यायिक विकल्पों के आधार पर विधिक कार्रवाई अमल में लानी चाहिए.

Last Updated : Nov 10, 2022, 9:54 PM IST
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