देहरादूनः उत्तराखंड में राज्य कर्मचारियों को एमएसीपीएस यानी संशोधित सुनिश्चित कैरियर प्रगति योजना का लाभ दिए जाने को लेकर एक नया आदेश जारी किया गया है. जिसमें वित्तीय अपग्रेडेशन के अनुमन्यता को लेकर स्पष्ट आदेश दिए गए हैं. जिसका लाभ खासतौर पर उन महिलाओं को मिलेगा. जो प्रसूति अवकाश के कारण गोपनीय प्रविष्टि से वंचित रह जाती हैं. इसके अलावा बाध्य प्रतीक्षा में रह रहे कर्मियों के लिए फायदेमंद साबित होगा.
बता दें कि उत्तराखंड में संशोधित सुनिश्चित कैरियर प्रगति योजना का लाभ दिए जाने में कुछ ऐसे कर्मचारियों को दिक्कतें आ रही थी, जो बाध्य प्रतीक्षा में रहे हो या फिर जिन्होंने विभिन्न कारणों से लंबी छुट्टी ली हो. इसी कड़ी में 2 महीने पहले अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की तरफ से एसीएस वित्त को भी एक पत्र लिखा था. जिसमें खासतौर पर ऐसी महिलाओं को लेकर एमएसीपीएस का लाभ न मिल पाने की बात कही गई थी. जो प्रसूति अवकाश या बाल्य देखभाल अवकाश पर गईं हों. ऐसी महिला कर्मियों की एसीआर उपलब्ध न होने के कारण महिलाओं को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था.
लिहाजा, शासन ने आज एक आदेश जारी करते हुए इसको लेकर स्थिति स्पष्ट की है. इसके तहत जहां एक तरफ वित्तीय अपग्रेड की अनुमन्यता के लिए बाह्य सेवा देने वालों के लिए बाह्य सेवा योजक से दी जाने वाली गोपनीय प्रविष्टि को आधार माना जाएगा. वहीं दूसरी तरफ बाध्य प्रतीक्षा या लंबी छुट्टी पर जाने वाले कर्मियों की 3 महीने से कम की अवधि के कार्यकाल के कारण गोपनीय प्रविष्टि न लिखे जाने पर 5 साल पूर्व की वार्षिक उपस्थिति की गणना में निर्धारित वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि का संज्ञान लिया जाएगा.
यदि इस अवधि में भी उत्तम वार्षिक प्रविष्टि का मानक पूरा नहीं होता है तो एसीपी की देयता की तिथि को आगे बढ़ाया जाएगा. शासन के इस नए आदेश के बाद बाध्य प्रतीक्षा पर रहने वाले कर्मियों और लंबी छुट्टी पर जाने वाले कर्मियों को राहत मिलेगी. खासतौर पर उन महिलाओं को जो प्रसूति अवकाश के कारण गोपनीय प्रविष्टि से वंचित रह जाती हैं.
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