देहरादून: केंद्र सरकार ने उड़ान योजना के तहत उत्तराखंड में एक फिक्स्ड विंग हवाई सेवा समेत 14 स्थानों के लिए हेली सेवाओं के संचालन को अनुमति दी है. मगर इसके संचालन के लिए डबल इंजन का हेलीकॉप्टर होना अनिवार्य है. उत्तराखंड में निजी हेली कंपनियों के पास डबल इंजन का हेलीकाप्टर न होने के कारण उड़ान योजना के तहत हेली सेवाओं का संचालन नहीं हो पा रहा है. जिसे देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने केंद्र सरकार से उड़ान योजना के तहत सिंगल इंजन हेलीकाप्टर से ही हवाई सेवाओं के संचालन की अनुमति मांगी है, ताकि हेली सेवाएं व्यवस्थित ढंग से संचालित की जा सकें.
फिक्स्ड विंग हवाई सेवा के तहत देहरादून-पिथौरागढ़-देहरादून-हिंडन-पिथौरागढ़ मार्ग पर हवाई सेवा शुरू से ही बाधित रही है. क्योंकि, उड़ान योजना के तहत फिक्स्ड विंग हवाई सेवा के संचालन का जिम्मा हेरिटेज एविएशन को सौंपा गया है. मगर 20 मार्च 2020 के बाद हेरिटेज एविएशन इन हवाई सेवाओं का संचालन नहीं कर पा रही है. बता दें कि शुरुआत में ही कुछ सेवाएं संचालित करने के बाद हवाई जहाज में खराबी आ गई थी. इसके बाद इसे कई बार उड़ाने का प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई.
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प्रदेश के मात्र दो स्थानों सहस्रधारा-चिन्यालीसौड़, सहस्रधारा-गौचर-सहस्रधारा में हेली सेवाओं को शुरू किया गया था. लेकिन ये मौजूदा समय में बाधित चल रही हैं. उड़ान योजना के मानकों के अनुसार, हेली सेवाओं का संचालन सिर्फ दो इंजन वाले हेलीकॉप्टर से ही किया जा सकता है. मगर उत्तराखंड राज्य में किसी भी निजी हेली कंपनियों के पास डबल इंजन का हेलीकॉप्टर उपलब्ध नहीं है. जिसके चलते हेरिटेज एविएशन ने 20 मार्च से हेली सेवा को बंद किया गया है.
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हालांकि, राज्य सरकार ने हेली सेवाओं को शुरू करने के लिए अन्य हेली ऑपरेटरों से संपर्क भी किया था, लेकिन किसी भी निजी हेलीकॉप्टरों के पास डबल इंजन का हेलीकॉप्टर उपलब्ध नहीं है. जिसके चलते राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि इन मार्गों पर पहले की तरह हेली सेवाओं को शुरू करने के लिए सिंगल इंजन हेलीकॉप्टर को अनुमति दे. जिससे इस रूट पर फैली सेवाओं का संचालन शुरू हो सके.