देहरादून: उत्तराखंड फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में हुई धांधली की जांच रिपोर्ट अब सार्वजनिक कर दी गई है. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने रिपोर्ट सार्वजनिक करते हुए परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थियों से 3 दिन में परीक्षा को स्थगित किए जाने से संबंधित राय मांगी है. उधर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आयोग की इस कार्रवाई की तारीफ की है.
रिपोर्ट में साफ किया गया है कि परीक्षा में सीमित परीक्षा केंद्रों पर नकल करवाई गई. इसमें कुल 57 परीक्षार्थियों ने ब्लूटूथ के जरिए नकल की, जिसमें से 31 अभ्यर्थियों की पहचान की जा चुकी है, जबकि 26 अभ्यर्थियों की अब तक भी पहचान नहीं हुई है.
इसी साल फरवरी में वन आरक्षी पद के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग परीक्षाएं आयोजित करवाई थीं. इस परीक्षा में कुल 1,56,046 युवाओं ने आवेदन किया था, जबकि 99 हजार 400 युवाओं ने इस में परीक्षा दी थी. यह परीक्षा फॉरेस्ट गार्ड के कुल 1218 पदों के लिए करवाई गई थी.
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लिखित परीक्षा होने के एक दिन बाद ही इस पर सवाल खड़े होने लगे थे. यही नहीं, हरिद्वार और पौड़ी जनपद में तो परीक्षा में धांधली को लेकर पुलिस में शिकायत भी दर्ज करवाई गई थी.
परीक्षा में हुई धांधली पर सवाल खड़े होने के बाद युवाओं ने भी इस पर जमकर आंदोलन किया और फिर सरकार को मामले को लेकर एसआईटी जांच के आदेश करने पड़े थे. इस मामले में जांच पूरी होने के बाद एसआईटी ने आयोग को रिपोर्ट सौंप दी थी, जिसको अब आयोग ने अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिया है.