देहरादून: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ऑनलाइन धोखाधड़ी के खिलाफ CFCFRMS (Citizen Financial Cyber Fraud Reporting and Management System) आरम्भ किया है. उत्तराखंड में साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए 17 जून से साइबर हेल्पलाइन नंबर 155-260 की शुरुआत की गई. साइबर वित्तीय हेल्पलाइन 155-260 पर 50 दिन में प्राप्त साइबर धोखाधड़ी की शिकायतों पर पीड़ितों के 38,55,137 रुपए वापस कराए गए हैं. साथ ही पिछले 10 दिनों में साइबर वित्तीय हेल्पलाइन-155260 और अन्य माध्यमों से प्राप्त शिकायतों में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन द्वारा तत्काल कार्रवाई कर 11,26,539 रुपय की धनराशि साइबर ठगों से बचायी गयी है.
देहरादून निवासी अशोक खण्डूरी ने साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि अज्ञात व्यक्ति द्वारा कस्टमर केयर अधिकारी बनकर Anydesk App डाउनलोड कराकर पीड़ित के खाते से ऑनलाइन पांच लाख, दस हजार रुपये की साइबर ठगी की गयी. जिस पर साइबर क्राइम पुलिस ने सम्बंधित बैंक और वॉलेट के नोडल अधिकारी से सम्पर्क करते हुये पीड़ित के 88,960 रुपये की धनराशि वापस करायी. 48,616 रुपये बैंक में होल्ड कराये. बाकी धनराशि के लिए प्रयास जारी हैं.
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साइबर हेल्पलाइन 155260 के माध्यम से आकाश कुमार द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई कि अज्ञात व्यक्ति द्वारा कॉल कर उनके साथ पच्चीस हजार रुपए की साइबर ठगी की गयी. जिस पर साइबर हेल्पलाइन 155260 द्वारा संबंधित बैंक के नोडल अधिकारी से संपर्क करते हुए पीड़ित के सम्पूर्ण पच्चीस हजार रुपये बचाये.
अनिल सिंह की शिकायत पर भी कार्रवाई करते हुए उनके 49,000 रुपये की धनराशि बचायी गई. संदीप कुमार के 68,000 रुपये, प्रदीप सिंह के 36,000 रुपये, राधिका धामी के 25,000 रुपये की धनराशि भी साइबर पुलिस ने अपनी तत्परता से बचाई.
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एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि गूगल या अन्य किसी सर्च इंजन पर किसी कंपनी या फिर बैंक का कस्टमर केयर नम्बर न ढूंढें. कस्टमर केयर का नम्बर सम्बन्धित कम्पनी और बैंक की अधिकारिक वैबसाइट से ही देखें. कस्टमर केयर से बातकर फोन करने वाले व्यक्ति की बातों में न आयें. उससे अपने वॉलेट और बैंक संबंधी को जानकारी साझा करें.
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ऑनलाइन प्लेटफार्म पर खरीदारी या सामान बेचते वक्त द्वितीय पार्टी में तत्काल विश्वास ना करें. सामान को भौतिक रूप से देखने व विक्रेता और क्रेता से व्यक्तिगत रूप में मिलकर ही भुगतान करें. साथ ही किसी भी सोशल साइट्स पर कम कीमत पर सामान खरीदने के विज्ञापन देखकर लालच में न आयें, अधिकृत और विश्वसनीय वेबसाइटो से ही ऑनलाइन सामान खरीदें.