देहरादूनः उत्तराखंड कांग्रेस में भले ही हरक सिंह रावत चुनाव न लड़ रहे हो, लेकिन उन्होंने चुनावी प्रक्रिया से बाहर रहकर भी अपनी ताकत का एहसास करा दिया है. मामले के तहत 2 दिन पहले ही हरक सिंह रावत की बेहद करीबी मानी जाने वाली लक्ष्मी राणा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निष्कासित किया गया था. लेकिन 2 दिन बाद ही पार्टी ने निष्कासन के फरमान पर रोलबैक किया है.
उत्तराखंड कांग्रेस ने 2 दिन पहले ही प्रदेश महामंत्री लक्ष्मी राणा के अलावा रुद्रप्रयाग के आधा दर्जन नेताओं को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था. निष्कासन के दौरान कहा गया था कि उनके द्वारा न केवल पार्टी विरोधी गतिविधियां की गई हैं, बल्कि घोर अनुशासन हीनता भी की गई है. लेकिन ऐसा न जाने क्या हुआ कि 2 दिन बाद ही पार्टी को लगने लगा कि उनके द्वारा लिया गया यह निर्णय गलत था और पार्टी को लक्ष्मी राणा को नहीं निकालना चाहिए था. लिहाजा, पार्टी ने 2 दिन बाद एक और आदेश जारी किया जिसमें लक्ष्मी राणा को न केवल पार्टी में वापस ले लिया है. बल्कि लक्ष्मी राणा को लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी के प्रचार-प्रसार की भी जिम्मेदारी दी गई है.
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बता दें कि लैंसडाउन से हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गुसाईं चुनाव लड़ रही हैं और लक्ष्मी राणा को हरक सिंह रावत का बेहद करीबी माना जाता है. माना जा रहा है कि हरक सिंह रावत के दबाव के बाद ही पार्टी ने लक्ष्मी राणा पर की गई कार्रवाई को वापस लिया है. हालांकि, पार्टी के प्रदेश महामंत्री मथुरा दत्त जोशी ने किसी भी दबाव के होने की बात से इनकार किया है.