मसूरी: उत्तराखंड में क्राइम के बढ़ते ग्राफ को लेकर कांग्रेस (Uttarakhand Congress State President) ने बीजेपी सरकार (CM Pushkar Singh Dhami) और पुलिस दोनों पर हमला बोला है. प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा (Karan Mahara) ने तो डीजीपी अशोक कुमार (DGP Ashok Kumar) से इस्तीफ देने की मांग की है.
करण माहरा ने कहा कि अंकिता भंडारी के साथ कई ऐसे अपराध प्रदेश में हुए जिनका खुलासा आज तक नहीं हो पाय. यह सब बीजेपी की विफलता है, जिसके आधार पर सरकार को डीजीपी से तत्काल इस्तीफा ले लेना चाहिए. डीजीपी ने अपराधियों के साथ आंदोलनकारियों को भी जोड़ दिया है. आंदोलनकारी अपनी मांगों को लेकर जो आंदोलन कर रहे हैं, उससे निपटने के लिए पुलिस को सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए है.
पढ़ें- गुजरात चुनाव परिणाम को सीएम धामी ने राहुल की यात्रा का फेल्योर बताया, हिमाचल पर साधी चुप्पी
करण माहरा ने आरोप लगाया कि डीजीपी की ओर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को धमकी दी जा रही है. करण माहरा ने कहा कि लोकतंत्र में जुलूस निकालना, अपनी बात करना और लोगों को समझाने का अधिकार है और अगर इसे रोकने की कोशिश की जाएगी तो उसका पुरजोर विरोध किया जाएगा. इस देश में हिटलर शाही नहीं हैं, यहां लोकतंत्र है. करण माहरा ने कहा कि पुलिस को अगर सबसे पहले किसी की गिरफ्तारी करनी है, तो सबसे पहले करण माहरा की कीजिए. पुलिस की लाठी और बर्बरता का जवाब कांग्रेस गुलाब से देगी.
पढे़ं- हिमाचल में कांग्रेस की जीत से गदगद हुए करन माहरा, गुजरात में वोट शेयर का गणित रखा सामने
करण माहरा ने डीजीपी को नकारा बताते हुए उनसे इस्तीफे की मांग की है. साथ ही आरोप लगाते हुए कहा कि डीजीपी ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को चौपट कर दिया है. करण माहरा ने नेशनल क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि 2021 में प्रदेश के अंदर 3431 महिला उत्पीड़न के केस दर्ज किए गए है. उत्तर प्रदेश की पुलिस उत्तराखंड में आकर आतंकवादी को पकड़ती है, लेकिन यहां की पुलिस को खबर तक भी नहीं लगती है. उत्तराखंड में आकर यूपी की पुलिस ज्येष्ठ प्रमुख की पत्नी की हत्या कर देती है. अंकिता भंडारी हत्याकांड में लिप्त वीआईपी को सबूत मिटाकर बचाया जा रहा है.
सीएम धामी और बीजेपी को भी लपेटा: करण माहरा ने कहा कि कांग्रेस का नारा नफरत छोड़ो भारत जोड़ो का है, लेकिन बीजेपी उसके उल्ट वोटों के लिए ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है. लोगों को हिंदू-मुस्लिमों में बाट रही है. जबरन धर्मांतरण कानून लाया जा रहा है. परंतु अंकिता भंडारी और पिंकी की हत्या का सब मौन हो जाते है. ये सरकार बेरोजगारी की बात नहीं करती है.
चिंतन शिविर पर किया कटाक्ष: बीते दिनों उत्तराखंड सरकार ने मसूरी में जो तीन दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन किया था, उस पर भी करण माहरा ने कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि खुद मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव ने माना है कि प्रदेश में ब्यूरोक्रेसी सही तरीके से काम नहीं कर रही है. तेरी मेरी फाइल में जनता को परेशान किया जा रहा है. ब्यूरोक्रेट मुख्यमंत्री की बात सुनने को तैयार नहीं है. प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है. खुद भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री ने इस बात को स्पष्ट कर रहे है.