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खत्म होगा उत्तराखंड कांग्रेस में घमासान!, पर्यवेक्षक की रिपोर्ट, हाईकमान के फैसले पर टिकी नजर - उत्तराखंड कांग्रेस में घमासान

उत्तराखंड कांग्रेस अंतर्द्वंद के कारण परेशानियों में घिरी दिखाई दे रही है. इसके लिए ही हाईकमान ने पीएल पुनिया को पर्यवेक्षक बनाकर उत्तराखंड भेजा. अब पीएम पुनिया वापस दिल्ली जा चुके हैं. उत्तराखंड कांग्रेस को अब पर्यवेक्षक की रिपोर्ट और हाईकमान के फैसले का इंतजार है. वहीं, कांग्रेस की इस गुटबाजी पर बीजेपी भी तंज कस रह है.

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Published : Apr 21, 2023, 4:00 PM IST

Updated : Apr 21, 2023, 10:15 PM IST

खत्म होगा उत्तराखंड कांग्रेस में घमासान!,

देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस में स्थिति इन दिनों कुछ खास ठीक नहीं है. पार्टी के भीतर प्रदेश प्रभारी को लेकर रार मची हुई है. यही नहीं, कांग्रेस के भीतर चल रही गुटबाजी के चलते राष्ट्रीय नेतृत्व भी परेशान नजर आ रहा है. यही वजह है कि इस पूरे मामले को निपटाने के लिए हाईकमान ने पीएल पुनिया को पर्यवेक्षक बना कर उत्तराखंड भेजा. पुनिया के दौरे के बाद उम्मीद की जा रही है कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी को सुलझाया जा सकेगा.

साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद से ही पार्टी में घमासान मचा हुआ है. पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह समेत कई विधायक प्रदेश प्रभारी के खिलाफ कई बार मोर्चा खोल चुके हैं. साथ ही नेताओं ने इस बात का जिक्र भी किया था जब प्रदेश अध्यक्ष को बदला गया तो प्रदेश प्रभारी को क्यों नहीं बदला गया? साथ ही नेताओं ने प्रदेश प्रभारी पर एक तरफा निर्णय लेने का भी आरोप लगाया. इसी के कारण ये पूरा मामला बढ़ता चला गया.

पढे़ं- 'तिलक' के तेवरों का साइड इफेक्ट, करीब आई बीजेपी, 'बहकने' पर बढ़े कांग्रेस के 'हाथ'


प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष भी है नाराजगी का मुद्दा: उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के दो नेता जो सर्वोच्च पदों पर हैं वह दोनों ही कुमाऊं क्षेत्र से आते हैं. रानीखेत से पूर्व विधायक करण महरा, प्रदेश अध्यक्ष और बाजपुर विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक यशपाल आर्य नेता प्रतिपक्ष हैं. जिसके चलते नेताओं के बीच इस बात को नाराजगी भी है. उत्तराखंड की राजनीति में क्षेत्रवाद और जातिवाद हमेशा से ही हावी रहा है. जिसके तहत अगर प्रदेश अध्यक्ष कुमाऊं से होता है तो नेता प्रतिपक्ष गढ़वाल का बनाया जाता है. यह समीकरण इस बार उत्तराखंड कांग्रेस में देखने को नहीं मिल रहा है. जिसके कारण कई नेताओं में नाराजगी है.

नेताओं की नाराजगी दूर करने आये पर्यवेक्षक: उत्तराखंड कांग्रेस में नेताओं की नाराजगी को दूर किए जाने को लेकर हाईकमान ने पीएल पूनिया को पर्यवेक्षक बनाकर उत्तराखंड भेजा. पीएल पुनिया ने देहरादून आने के बाद प्रदेश अध्यक्ष से लेकर विधायकों, पूर्व विधायकों समेत तमाम नेताओं से बंद कमरे में मुलाकात की. जिसमें उन्होंने तमाम मुद्दों पर चर्चा की. इस मुलाकात के बाद भी कई नेताओं के विरोध में बयान आये.

पढे़ं- गुटबाजी के बीच देवेंद्र यादव के समर्थन में उतरे करन माहरा, प्रीतम सिंह और बेहड़ को सुनाई खरी-खोटी

क्षेत्रवाद से नेताओं की नाराजगी को किया जा सकता है संतुलित: कांग्रेस में चल रही कलह पर वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत से बात की गई. उन्होंने कहा कांग्रेस में यह शुरू से ही चलता रहा है. जिसकी वजह से ही कांग्रेस की ये दुर्दशा हुई है. राज्य गठन के बाद से ही कांग्रेसी नेताओं के बीच शुरू से ही घमासान देखा गया है. वर्तमान समय में क्षेत्रीय संतुलन को लेकर ही बड़ा घमासान मचा हुआ है. दो बड़े पदों पर कुमाऊं क्षेत्र के नेताओं को ही जिम्मेदारी दी है. साथ ही प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर भी नेताओं ने मोर्चा खोला. उन पर गंभीर आरोप लगाये गये. उन्होंने कहा अगर कांग्रेस को भाजपा से मुकाबला करना है तो कांग्रेस को खुद को संगठित करना होगा.


पर्यवेक्षक रिपोर्ट के आधार पर पार्टी हित में होगा निर्णय: वहीं, कांग्रेस में मचे इस पूरे घमासान के बीच पर्यवेक्षक पीएल पुनिया का दौरा अहम है. पीएल पुनिया ने उत्तराखंड कांग्रेस के नेताओं से बंद कमरे में बातचीत की. पूरे मामले को लेकर चर्चा की. वे अब इसकी विस्तृत रिपोर्ट हाईकमान को देंगे. उम्मीद लगाई जा रही है कि इस रिपोर्ट के बाद हाईकमान कोई न कोई ऐसा फैसला लेगा जिससे उत्तराखंड कांग्रेस की कलह खत्म होगी. इस पूरे मामले पर प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने कहा पीएल पुनिया ने जिला अध्यक्षों, विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व सांसदों समेत लगभग तमाम नेताओं से बातचीत की. ऐसे में इस पूरे बातचीत का क्या निष्कर्ष निकलता है यह आने वाले वक्त में ही पता चलेगा.

पढे़ं- देहरादून पहुंचे पर्यवेक्षक पीएल पुनिया, क्या कांग्रेस नेताओं के बीच मिटेंगी दूरियां?


अंतर्द्वंद के चलते मुद्दा विहीन हो गई कांग्रेस: राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस में अंतर्द्वंद और गुटबाजी को समाप्त करने के लिए पर्यवेक्षक पीएल पूनिया, देहरादून आकर नेताओं से मुलाकात कर जा चुके हैं. उसके पांच दिन बाद भी अभी तक कांग्रेस में विरोधाभास देखा जा रहा है. अभी भी उत्तराखंड कांग्रेस के नेता प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को लेकर सवाल उठा रहे हैं. कुल मिलाकर कहे तो विपक्षी दल के रूप में काम करने वाली कांग्रेस सरकार और भाजपा को घेरने की बजाय अपनी गुटबाजी में ही फंसी दिख रही है. इस मामले पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कांग्रेस का वातावरण अब ठीक नहीं रहा है. जहां पर प्रदेश प्रभारी के खिलाफ ही अविश्वास चल रहा हो, वहां पर कुछ ठीक नहीं हो सकता. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा इन दिनों कांग्रेस के नेता गलत ट्रैक पर चल रहे हैं. यही वजह है कि उनके प्रदेश अध्यक्ष की तरफ से भी पार्टी पदाधिकारियों को गलत लाइन देने का काम किया जा रहा है.

खत्म होगा उत्तराखंड कांग्रेस में घमासान!,

देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस में स्थिति इन दिनों कुछ खास ठीक नहीं है. पार्टी के भीतर प्रदेश प्रभारी को लेकर रार मची हुई है. यही नहीं, कांग्रेस के भीतर चल रही गुटबाजी के चलते राष्ट्रीय नेतृत्व भी परेशान नजर आ रहा है. यही वजह है कि इस पूरे मामले को निपटाने के लिए हाईकमान ने पीएल पुनिया को पर्यवेक्षक बना कर उत्तराखंड भेजा. पुनिया के दौरे के बाद उम्मीद की जा रही है कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी को सुलझाया जा सकेगा.

साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद से ही पार्टी में घमासान मचा हुआ है. पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह समेत कई विधायक प्रदेश प्रभारी के खिलाफ कई बार मोर्चा खोल चुके हैं. साथ ही नेताओं ने इस बात का जिक्र भी किया था जब प्रदेश अध्यक्ष को बदला गया तो प्रदेश प्रभारी को क्यों नहीं बदला गया? साथ ही नेताओं ने प्रदेश प्रभारी पर एक तरफा निर्णय लेने का भी आरोप लगाया. इसी के कारण ये पूरा मामला बढ़ता चला गया.

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प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष भी है नाराजगी का मुद्दा: उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के दो नेता जो सर्वोच्च पदों पर हैं वह दोनों ही कुमाऊं क्षेत्र से आते हैं. रानीखेत से पूर्व विधायक करण महरा, प्रदेश अध्यक्ष और बाजपुर विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक यशपाल आर्य नेता प्रतिपक्ष हैं. जिसके चलते नेताओं के बीच इस बात को नाराजगी भी है. उत्तराखंड की राजनीति में क्षेत्रवाद और जातिवाद हमेशा से ही हावी रहा है. जिसके तहत अगर प्रदेश अध्यक्ष कुमाऊं से होता है तो नेता प्रतिपक्ष गढ़वाल का बनाया जाता है. यह समीकरण इस बार उत्तराखंड कांग्रेस में देखने को नहीं मिल रहा है. जिसके कारण कई नेताओं में नाराजगी है.

नेताओं की नाराजगी दूर करने आये पर्यवेक्षक: उत्तराखंड कांग्रेस में नेताओं की नाराजगी को दूर किए जाने को लेकर हाईकमान ने पीएल पूनिया को पर्यवेक्षक बनाकर उत्तराखंड भेजा. पीएल पुनिया ने देहरादून आने के बाद प्रदेश अध्यक्ष से लेकर विधायकों, पूर्व विधायकों समेत तमाम नेताओं से बंद कमरे में मुलाकात की. जिसमें उन्होंने तमाम मुद्दों पर चर्चा की. इस मुलाकात के बाद भी कई नेताओं के विरोध में बयान आये.

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क्षेत्रवाद से नेताओं की नाराजगी को किया जा सकता है संतुलित: कांग्रेस में चल रही कलह पर वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत से बात की गई. उन्होंने कहा कांग्रेस में यह शुरू से ही चलता रहा है. जिसकी वजह से ही कांग्रेस की ये दुर्दशा हुई है. राज्य गठन के बाद से ही कांग्रेसी नेताओं के बीच शुरू से ही घमासान देखा गया है. वर्तमान समय में क्षेत्रीय संतुलन को लेकर ही बड़ा घमासान मचा हुआ है. दो बड़े पदों पर कुमाऊं क्षेत्र के नेताओं को ही जिम्मेदारी दी है. साथ ही प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर भी नेताओं ने मोर्चा खोला. उन पर गंभीर आरोप लगाये गये. उन्होंने कहा अगर कांग्रेस को भाजपा से मुकाबला करना है तो कांग्रेस को खुद को संगठित करना होगा.


पर्यवेक्षक रिपोर्ट के आधार पर पार्टी हित में होगा निर्णय: वहीं, कांग्रेस में मचे इस पूरे घमासान के बीच पर्यवेक्षक पीएल पुनिया का दौरा अहम है. पीएल पुनिया ने उत्तराखंड कांग्रेस के नेताओं से बंद कमरे में बातचीत की. पूरे मामले को लेकर चर्चा की. वे अब इसकी विस्तृत रिपोर्ट हाईकमान को देंगे. उम्मीद लगाई जा रही है कि इस रिपोर्ट के बाद हाईकमान कोई न कोई ऐसा फैसला लेगा जिससे उत्तराखंड कांग्रेस की कलह खत्म होगी. इस पूरे मामले पर प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने कहा पीएल पुनिया ने जिला अध्यक्षों, विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व सांसदों समेत लगभग तमाम नेताओं से बातचीत की. ऐसे में इस पूरे बातचीत का क्या निष्कर्ष निकलता है यह आने वाले वक्त में ही पता चलेगा.

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अंतर्द्वंद के चलते मुद्दा विहीन हो गई कांग्रेस: राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस में अंतर्द्वंद और गुटबाजी को समाप्त करने के लिए पर्यवेक्षक पीएल पूनिया, देहरादून आकर नेताओं से मुलाकात कर जा चुके हैं. उसके पांच दिन बाद भी अभी तक कांग्रेस में विरोधाभास देखा जा रहा है. अभी भी उत्तराखंड कांग्रेस के नेता प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को लेकर सवाल उठा रहे हैं. कुल मिलाकर कहे तो विपक्षी दल के रूप में काम करने वाली कांग्रेस सरकार और भाजपा को घेरने की बजाय अपनी गुटबाजी में ही फंसी दिख रही है. इस मामले पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कांग्रेस का वातावरण अब ठीक नहीं रहा है. जहां पर प्रदेश प्रभारी के खिलाफ ही अविश्वास चल रहा हो, वहां पर कुछ ठीक नहीं हो सकता. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा इन दिनों कांग्रेस के नेता गलत ट्रैक पर चल रहे हैं. यही वजह है कि उनके प्रदेश अध्यक्ष की तरफ से भी पार्टी पदाधिकारियों को गलत लाइन देने का काम किया जा रहा है.

Last Updated : Apr 21, 2023, 10:15 PM IST
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