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2000 Rupee Note Ban: 2000 की नोटबंदी पर उत्तराखंड कांग्रेस हमलावर, उठाये गंभीर सवाल

उत्तराखंड कांग्रेस ने केंद्र के नोटबंदी के फैसले पर सवाल खड़े किये हैं. केंद्र ने 2000 के नोट को चलन से बाहर करने का फैसला लिया. जिस पर कांग्रेस ने हमला बोलते हुए कई सवाल खड़े किये हैं. साथ ही नोटबंदी को सीपीआई ने भी केंद्र के पास नीतियों का अभाव बताया.

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2000 की नोटबंदी पर उत्तराखंड कांग्रेस हमलावर
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Published : May 20, 2023, 3:18 PM IST

Updated : May 20, 2023, 10:01 PM IST

2000 की नोटबंदी

देहरादून: देशभर में 2000 रुपए की नोटबंदी कर दी गई है. आरबीआई ने नोटों को वापस लिए जाने का फैसला लिया है. सरकार के इस फैसले पर विपक्षी दलों ने जमकर हमला बोला है. उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने केंद्र सरकार के इस कदम को कर्नाटक चुनाव की हार का नतीजा बताया है. वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने भी इस फैसले पर केंद्र सरकार को घेरा है.

हरीश रावत ने ट्वीट करते हुए लिखा आज सरकार ने डबल इंजन के शीर्ष ने ₹2000 के नोट को प्रतिबंधित करने का ऐलान किया है. इस फैसले को लेकर ठीक वही तर्क दिए हैं जो तर्क आम नोटबंदी के वक्त दिए थे‌. तब भी हमने कहा था कि इन तर्कों में से कोई भी मंशा पूरी नहीं होने जा रही है. यह अर्थव्यवस्था के साथ एक खिलवाड़ होगा. इस निर्णय से भी अर्थव्यवस्था की अस्थिरता जाहिर होगी. उन्होंने कहा इससे एक बात की पुष्टि हो गई कि नोटबंदी का जो फैसला था और उसमें जो ₹2000 के नोट का प्रचलन था जिसकी तब भी कांग्रेस ने आलोचना की थी, उससे काला धन बढ़ा है.

  • आज #सरकार ने, डबल इंजन के शीर्ष ने "₹2000 के नोट" को #प्रतिबंधित करने का ऐलान किया है! ठीक वही तर्क दिए हैं इस फैसले को लेकर जो तर्क आम नोटबंदी के वक्त दिए थे‌। तब भी हमने कहा था कि इन तर्कों में से कोई भी मंशा पूरी नहीं होने जा रही है, यह #अर्थव्यवस्था के साथ एक ..1/2 pic.twitter.com/Jmzl5ehwie

    — Harish Rawat (@harishrawatcmuk) May 20, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कर्नाटक चुनाव की हार के बाद भाजपा सरकार की स्थिति खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे जैसी हो गई है. उन्होंने कहा सरकार की ओर से इससे पहले की गई नोटबंदी के कारण लोगों का कारोबार बंद हो गया था. उस समय की नोटबंदी से मिडिल क्लास और लोअर क्लास फैमिली को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. करन माहरा ने कहा इस वक्त 2000 रुपए के नोटों को बंद किए जाने का कोई औचित्य समझ नहीं आ रहा है, क्योंकि आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है 500 रुपए के ज्यादा नोट पकड़े गए हैं, 2000 रुपए के नोटों की संख्या कम है.

पढ़ें- राजाजी नेशनल पार्क हरिद्वार भेजी गई एक और मादा बाघिन, पर्यटकों को करेगी आकर्षित

करन माहरा ने कहा पिछली बार की गई नोटबंदी में भी काला धन कहीं नजर नहीं आया. उन्होंने सवाल उठाया इस बार फिर 2000 रुपए के नोट बंद करके सरकार क्या साबित करना चाहती है. उन्होंने 1 दिन में सिर्फ 20 हजार रुपए वापस किए जाने के सरकार के फैसले पर सवाल भी उठाए हैं.

2000 रुपए के नोट वापस लिए जाने पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का भी बयान सामने आया है. उन्होंने सरकार के इस फैसले पर कई सवाल खड़े करते हुए निशाना साधा है. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा जनता सरकार से यह जानना चाहती है कि 2016 में 2000 रुपए के नोट लाने के बाद अब सरकार 2000 के नोटों के प्रचलन को क्यों हटा रही है? उन्होंने कहा 2016 में नोटबंदी के समय पीएम मोदी ने बड़े-बड़े दावे किए थे, लेकिन, सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं. पीएम मोदी ने उस समय 500 और हजार रुपए के नोटों के प्रचलन से बाहर करते हुए यह दावा किया था कि उनका यह निर्णय देश से काले धन और आंतकवाद को जड़ से खत्म करेगा. नेता प्रतिपक्ष ने कहा आंकड़े बता रहे हैं ठीक इसका उलट हुआ है. इन सालों में देश में काला धन और बढ़ा है. उन्होंने कहा उस समय सरकार ने एक और दावा किया था की इन दोनों करेंसी के रूप में देश में बड़ी मात्रा में काला धन छुपा हुआ है. नोटबंदी के बाद काला धन बर्बाद हो जाएगा, लेकिन बाद में आरबीआई की रिपोर्ट में क्या कुछ आया सबको पता है.

पढ़ें- कॉर्बेट की बाघिन को सीएम धामी ने राजाजी के मोतीचूर रेंज में छोड़ा, नोटबंदी का किया स्वागत

वहीं, केंद्र सरकार के 2000 रुपए के नोट वापस लिए जाने के फैसले पर सीपीआई के राज्य सचिव समर भंडारी ने भी जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा पहले केंद्र की भाजपा सरकार ने नोटबंदी का फैसला लिया. तब तर्क दिया कि इससे काला धन वापस आएगा. उसके बाद सरकार ने 2000 रुपए के नोट निकाल दिए, लेकिन 5 साल भी नहीं हो पाए थे सरकार ने 2000 रुपए का नोट भी बंद कर दिया. भंडारी ने कहा भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई नहीं बल्कि पूरा कन्फ्यूजन है. उन्होंने कहा केंद्र सरकार के पास एक सही और स्पष्ट नीति का अभाव बना हुआ है.

2000 की नोटबंदी

देहरादून: देशभर में 2000 रुपए की नोटबंदी कर दी गई है. आरबीआई ने नोटों को वापस लिए जाने का फैसला लिया है. सरकार के इस फैसले पर विपक्षी दलों ने जमकर हमला बोला है. उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने केंद्र सरकार के इस कदम को कर्नाटक चुनाव की हार का नतीजा बताया है. वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने भी इस फैसले पर केंद्र सरकार को घेरा है.

हरीश रावत ने ट्वीट करते हुए लिखा आज सरकार ने डबल इंजन के शीर्ष ने ₹2000 के नोट को प्रतिबंधित करने का ऐलान किया है. इस फैसले को लेकर ठीक वही तर्क दिए हैं जो तर्क आम नोटबंदी के वक्त दिए थे‌. तब भी हमने कहा था कि इन तर्कों में से कोई भी मंशा पूरी नहीं होने जा रही है. यह अर्थव्यवस्था के साथ एक खिलवाड़ होगा. इस निर्णय से भी अर्थव्यवस्था की अस्थिरता जाहिर होगी. उन्होंने कहा इससे एक बात की पुष्टि हो गई कि नोटबंदी का जो फैसला था और उसमें जो ₹2000 के नोट का प्रचलन था जिसकी तब भी कांग्रेस ने आलोचना की थी, उससे काला धन बढ़ा है.

  • आज #सरकार ने, डबल इंजन के शीर्ष ने "₹2000 के नोट" को #प्रतिबंधित करने का ऐलान किया है! ठीक वही तर्क दिए हैं इस फैसले को लेकर जो तर्क आम नोटबंदी के वक्त दिए थे‌। तब भी हमने कहा था कि इन तर्कों में से कोई भी मंशा पूरी नहीं होने जा रही है, यह #अर्थव्यवस्था के साथ एक ..1/2 pic.twitter.com/Jmzl5ehwie

    — Harish Rawat (@harishrawatcmuk) May 20, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कर्नाटक चुनाव की हार के बाद भाजपा सरकार की स्थिति खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे जैसी हो गई है. उन्होंने कहा सरकार की ओर से इससे पहले की गई नोटबंदी के कारण लोगों का कारोबार बंद हो गया था. उस समय की नोटबंदी से मिडिल क्लास और लोअर क्लास फैमिली को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. करन माहरा ने कहा इस वक्त 2000 रुपए के नोटों को बंद किए जाने का कोई औचित्य समझ नहीं आ रहा है, क्योंकि आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है 500 रुपए के ज्यादा नोट पकड़े गए हैं, 2000 रुपए के नोटों की संख्या कम है.

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करन माहरा ने कहा पिछली बार की गई नोटबंदी में भी काला धन कहीं नजर नहीं आया. उन्होंने सवाल उठाया इस बार फिर 2000 रुपए के नोट बंद करके सरकार क्या साबित करना चाहती है. उन्होंने 1 दिन में सिर्फ 20 हजार रुपए वापस किए जाने के सरकार के फैसले पर सवाल भी उठाए हैं.

2000 रुपए के नोट वापस लिए जाने पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का भी बयान सामने आया है. उन्होंने सरकार के इस फैसले पर कई सवाल खड़े करते हुए निशाना साधा है. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा जनता सरकार से यह जानना चाहती है कि 2016 में 2000 रुपए के नोट लाने के बाद अब सरकार 2000 के नोटों के प्रचलन को क्यों हटा रही है? उन्होंने कहा 2016 में नोटबंदी के समय पीएम मोदी ने बड़े-बड़े दावे किए थे, लेकिन, सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं. पीएम मोदी ने उस समय 500 और हजार रुपए के नोटों के प्रचलन से बाहर करते हुए यह दावा किया था कि उनका यह निर्णय देश से काले धन और आंतकवाद को जड़ से खत्म करेगा. नेता प्रतिपक्ष ने कहा आंकड़े बता रहे हैं ठीक इसका उलट हुआ है. इन सालों में देश में काला धन और बढ़ा है. उन्होंने कहा उस समय सरकार ने एक और दावा किया था की इन दोनों करेंसी के रूप में देश में बड़ी मात्रा में काला धन छुपा हुआ है. नोटबंदी के बाद काला धन बर्बाद हो जाएगा, लेकिन बाद में आरबीआई की रिपोर्ट में क्या कुछ आया सबको पता है.

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वहीं, केंद्र सरकार के 2000 रुपए के नोट वापस लिए जाने के फैसले पर सीपीआई के राज्य सचिव समर भंडारी ने भी जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा पहले केंद्र की भाजपा सरकार ने नोटबंदी का फैसला लिया. तब तर्क दिया कि इससे काला धन वापस आएगा. उसके बाद सरकार ने 2000 रुपए के नोट निकाल दिए, लेकिन 5 साल भी नहीं हो पाए थे सरकार ने 2000 रुपए का नोट भी बंद कर दिया. भंडारी ने कहा भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई नहीं बल्कि पूरा कन्फ्यूजन है. उन्होंने कहा केंद्र सरकार के पास एक सही और स्पष्ट नीति का अभाव बना हुआ है.

Last Updated : May 20, 2023, 10:01 PM IST
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