देहरादूनः हुनर कलाकार का ऐसा गहना होता है जो उसे एक खास पहचान दिलाता है. इसका जीता-जागता उदाहरण हैं उत्तराखंड के शिक्षक हेमंत सिंह बिष्ट. अपनी मधुर आवाज से प्रदेशवासियों के दिलों पर राज करने वाले हेमंत किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. उनकी आवाज ही उनकी पहचान है, जो हर किसी के दिल पर राज करती है. हेमंत सिंह को उत्तराखंड का उद्घोषक भी कहा जाता है. ईटीवी भारत ने हेमंत सिंह बिष्ट से खास बातचीत की.
तीन दशकों से दिलों पर राज
मूल रूप से उत्तराखंड के नैनीताल जिले से ताल्लुक रखने वाले हेमंत सिंह बिष्ट वर्षों से गणतंत्र दिवस जैसे राष्ट्रीय स्तर के हर बड़े सरकारी व गैर सरकारी कार्यक्रमों का आंखों देखा हाल कमेंट्री के रूप अपनी मधुर व ठहराव वाले जादुई वाली आवाज से बयान कर रहे हैं. वहीं, दूरदर्शन के विशेष कार्यक्रमों के साथ ही क्रिकेट जैसे खेल का आंखों देखा हाल भी हेमंत बिष्ट बड़े पेशेवर तरीके से सुनाते हैं.
राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित
शिक्षक के साथ-साथ प्रोफेशनल ढंग से लाइव कमेंट्री करने के अलावा हेमंत बिष्ट ने उत्तराखंड का राज्य गीत और कई कुमाउंनी लोकगीत भी लिखे हैं. 2005 में उन्होंने प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में पठन-पाठन पुस्तकों के लिए हिंदी व विज्ञान विषय में कक्षा 1 से 8 की किताबें भी लिखी हैं. इसके अलावा उन्होंने कुमाउंनी भाषा में कक्षा 1 से कक्षा 5 तक पठन-पाठन पुस्तकें भी लिखी हैं. अपनी आवाज से लोगों के दिलों पर राज करने वाले शिक्षक हेमंत सिंह बिष्ट को शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम शिक्षक पुरस्कार से भी नवाज चुके हैं.
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हस्तियों को सुनकर खुद को तराशा
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में हेमंत सिंह बिष्ट ने बताया कि बचपन से ही उनको आवाज की दुनिया से जुड़े कई हस्तियों के बारे में पढ़ने का शौक था. उनकी बारीक जानकारी जुटाना और हर कार्यक्रम में उनकी तरह आवाज निकालना वे अक्सर किया करते थे. हेमंत सिंह बिष्ट बताते हैं कि अलग-अलग जगह कार्यक्रमों का उद्घोष करने के दौरान उनको कई तरह के ज्ञानवर्धक विषयों से अपने आवाज के हुनर को निखारने में फायदा मिला. वहीं उनके पेशे से जुड़ी जो बातें उनको नई-नई पता चलती गईं वह उसे अपनाते गए. वर्तमान समय में उनको सरकारी और गैर सरकारी के बड़े-बड़े विशेष कार्यक्रमों में कमेंट्री उद्घोष के लिए बुलाया जाता है.
डॉक्यूमेंट्री से लेकर पिक्चर फिल्म में भी अहम योगदान
आवाज के कलाकार हेमंत सिंह बिष्ट ने लोक गायक माया उपाध्याय के लिए भी कई गीत लिखे हैं. उनमें से एक चुनाव के लिए ऊपर लिखा "संचेतना गीत" है. इसके साथ-साथ नशे के खिलाफ लिखे गए लोकगीत, स्वच्छता अभियान के लिए लिखे गए कई गीत हेमंत बिष्ट की खास पहचान हैं. नैनीताल जू के लिए भी स्क्रिप्ट और वॉयस ओवर हेमंत सिंह बिष्ट का ही कमाल है. कई डॉक्यूमेंट्री में उनकी आवाज और उनका स्वर दिया गया है. फीचर फिल्म फील्ड में छोलिया नृत्य पर बनी फिल्म में हेमंत बिष्ट ने दो गीत लिखे हैं, जिन्हें उत्तराखंड के नवोदित संगीतकार पवनदीप ने गाया है.
युग मंच नाट्यशाला कार्यक्रम में अहम योगदान
नैनीताल में होने वाले कई नाटकों और प्रेमचंद के लिखे उपन्यास ईदगाह जैसे अन्य विषयों पर कार्यक्रम का नाट्य रूपांतरण भी हेमंत सिंह बिष्ट द्वारा किया जाता रहा है. प्रतिवर्ष नैनीताल युग मंच नाट्यशाला का आयोजन करती है. इस नाट्यशाला में भी आवाज की छटा बिखेरने वाले हेमंत सिंह बिष्ट का महत्वपूर्ण योगदान रहता है.