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कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने की तैयारियां तेज, मुख्य सचिव ने दिए निर्देश

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Published : Jun 25, 2021, 7:32 AM IST

Updated : Jun 25, 2021, 8:45 AM IST

उत्तराखंड में कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए राज्य सरकार ने बच्चों पर होने वाले इसके असर को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसके लिए मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने भी स्वास्थ्य से जुड़े अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

मुख्य सचिव
मुख्य सचिव

देहरादून: प्रदेश में कोरोना का कहर अभी भी जारी है. उत्तराखंड में कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए राज्य सरकार ने बच्चों पर होने वाले इसके असर को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसके मद्देनजर बच्चों की देखभाल के लिए पर्याप्त स्वास्थ्य सेंटर स्थापित करने के आदेश भी दिए गए. इसके लिए मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने भी स्वास्थ्य से जुड़े अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं.

प्रदेश में कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए शासन स्तर पर अधिकारियों को तैयारियों के मद्देनजर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. इसको लेकर वैज्ञानिक संस्थानों और मेडिकल एक्सपर्ट की राय के आधार पर तीसरी लहर की रोकथाम के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी हुए हैं.

मुख्य सचिव ओमप्रकाश की तरफ से दिए गए निर्देशों के क्रम में 18 साल की आयु वर्ग के मरीजों के लिए सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को कोविड केयर सेंटर के रूप में चिन्हित करते हुए ऑक्सीजन बेड, आईसीयू, एचडीयू बेड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है. तीसरी लहर को देखते हुए सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेवल वन में कोविड केयर सेंटर के रूप में नामित होंगे. जो 18 साल तक के बच्चे किसी और बीमारी से ग्रसित हो गए हैं उनकी भी लिस्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं.

इस दौरान कम से कम 1,000 लीटर प्रति मिनट वाली क्षमता वाले ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक की व्यवस्था करने के लिए भी कहा गया है. बाल रोग चिकित्सकों और स्टाफ नर्सों की उपलब्धता और प्रशिक्षण के भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं. साथ ही इस की कमी को देखते हुए सुविधाएं आउट सोर्स पर स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती करने को कहा गया है. 18 साल की आयु वर्ग वाले आबादी में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए स्टेट टास्क फोर्स की संस्तुति पर मल्टीविटामिन और जिंक सप्लीमेंटेशन दिए जाने के लिए कहा गया है. 18 साल तक की आयु वर्ग के बच्चों के लिए दवाइयों के भंडारण किए जाने के लिए उपकेंद्रों को डिपो के रूप में उपयोग के लिए कहा गया है.

चिंतित राजकीय और निजी चिकित्सालय में रैपिड एंटीजन टेस्ट किए जाने की सुविधा उपलब्ध की जाए. साथ ही बच्चों की जांच प्रतिशत को बढ़ाए जाने के भी निर्देश हुए हैं. जिंदगी चिकित्सालय में बाल रोग विशेषज्ञ कार्यरत है वहां पर रैपिड एंटीजन टेस्ट की जांच को अधिकृत किए जाने के निर्देश दिए गए हैं. संभावित परिस्थितियों के लिए एंबुलेंस को आरक्षित करें सभी जरूरी सामग्री और उपकरणों की खरीद करने के लिए भी कहा गया है.

पढ़ें:अच्छी खबर: दून अस्पताल में 28 जून से भर्ती होंगे सामान्य मरीज, कोरोना केस कम होने पर बहाल की सेवाएं

बता दें कि, राज्य में 277 आईसीयू एचडीयू बेड रिक्वायर्ड किए गए हैं. पीडियाट्रिक के लिए 693 बेड ऑक्सीजन सहित रिक्वायर्ड है. राज्य में अब तक 25,211 बच्चे संक्रमित हो चुके हैं. इसमें गंभीर स्थिति वाले 6,107 बच्चे हैं और 19,104 बच्चे सामान्य स्थिति वाले हैं. बच्चों की संख्या की बात करें तो 1 साल तक के प्रदेश में 1,83,856 बच्चे हैं. उधर 1 साल से 18 साल तक की उम्र के प्रदेश में 36 लाख 66 हजार 79 बच्चे हैं.

देहरादून: प्रदेश में कोरोना का कहर अभी भी जारी है. उत्तराखंड में कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए राज्य सरकार ने बच्चों पर होने वाले इसके असर को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसके मद्देनजर बच्चों की देखभाल के लिए पर्याप्त स्वास्थ्य सेंटर स्थापित करने के आदेश भी दिए गए. इसके लिए मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने भी स्वास्थ्य से जुड़े अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं.

प्रदेश में कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए शासन स्तर पर अधिकारियों को तैयारियों के मद्देनजर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. इसको लेकर वैज्ञानिक संस्थानों और मेडिकल एक्सपर्ट की राय के आधार पर तीसरी लहर की रोकथाम के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी हुए हैं.

मुख्य सचिव ओमप्रकाश की तरफ से दिए गए निर्देशों के क्रम में 18 साल की आयु वर्ग के मरीजों के लिए सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को कोविड केयर सेंटर के रूप में चिन्हित करते हुए ऑक्सीजन बेड, आईसीयू, एचडीयू बेड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है. तीसरी लहर को देखते हुए सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेवल वन में कोविड केयर सेंटर के रूप में नामित होंगे. जो 18 साल तक के बच्चे किसी और बीमारी से ग्रसित हो गए हैं उनकी भी लिस्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं.

इस दौरान कम से कम 1,000 लीटर प्रति मिनट वाली क्षमता वाले ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक की व्यवस्था करने के लिए भी कहा गया है. बाल रोग चिकित्सकों और स्टाफ नर्सों की उपलब्धता और प्रशिक्षण के भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं. साथ ही इस की कमी को देखते हुए सुविधाएं आउट सोर्स पर स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती करने को कहा गया है. 18 साल की आयु वर्ग वाले आबादी में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए स्टेट टास्क फोर्स की संस्तुति पर मल्टीविटामिन और जिंक सप्लीमेंटेशन दिए जाने के लिए कहा गया है. 18 साल तक की आयु वर्ग के बच्चों के लिए दवाइयों के भंडारण किए जाने के लिए उपकेंद्रों को डिपो के रूप में उपयोग के लिए कहा गया है.

चिंतित राजकीय और निजी चिकित्सालय में रैपिड एंटीजन टेस्ट किए जाने की सुविधा उपलब्ध की जाए. साथ ही बच्चों की जांच प्रतिशत को बढ़ाए जाने के भी निर्देश हुए हैं. जिंदगी चिकित्सालय में बाल रोग विशेषज्ञ कार्यरत है वहां पर रैपिड एंटीजन टेस्ट की जांच को अधिकृत किए जाने के निर्देश दिए गए हैं. संभावित परिस्थितियों के लिए एंबुलेंस को आरक्षित करें सभी जरूरी सामग्री और उपकरणों की खरीद करने के लिए भी कहा गया है.

पढ़ें:अच्छी खबर: दून अस्पताल में 28 जून से भर्ती होंगे सामान्य मरीज, कोरोना केस कम होने पर बहाल की सेवाएं

बता दें कि, राज्य में 277 आईसीयू एचडीयू बेड रिक्वायर्ड किए गए हैं. पीडियाट्रिक के लिए 693 बेड ऑक्सीजन सहित रिक्वायर्ड है. राज्य में अब तक 25,211 बच्चे संक्रमित हो चुके हैं. इसमें गंभीर स्थिति वाले 6,107 बच्चे हैं और 19,104 बच्चे सामान्य स्थिति वाले हैं. बच्चों की संख्या की बात करें तो 1 साल तक के प्रदेश में 1,83,856 बच्चे हैं. उधर 1 साल से 18 साल तक की उम्र के प्रदेश में 36 लाख 66 हजार 79 बच्चे हैं.

Last Updated : Jun 25, 2021, 8:45 AM IST
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