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हरिद्वार के उत्तम सिंह ने लिया देह दान का निर्णय, हिमालयन अस्पताल को भेजा पत्र

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Published : Feb 14, 2021, 4:07 PM IST

हरिद्वार निवासी उत्तम सिंह ने मरने के बाद अपनी देह दान का निर्णय लिया है.

Uttam Singh of Haridwar will donate body after death
हरिद्वार के उत्तम सिंह ने लिया देह दान का निर्णय

ऋषिकेश: आजकल के दौरा में जहां युवा वर्ग नशे की लत में फंसता जा रहा है, वहीं कुछ युवा ऐसे भी हैं जो मानव जाति के उत्थान के लिए काम कर रहे हैं. साथ ही कुछ युवा मरने के बाद भी जनहित में कुछ कर गुजरने की चाह रखते हैं. जिनमें से एक नाम है हरिद्वार निवासी उत्तम सिंह का, जो वर्तमान समय में जीते हुए बढ़चढ़ कर रक्तदान करते हैं, तो वहीं अब उन्होंने मरने के बाद अपनी देह दान का निर्णय लिया है.

हरिद्वार के उत्तम सिंह ने लिया देह दान का निर्णय

ऋषिकेश में देह दान करने के प्रति लोगों को जागरूक करने के प्रयास में लगे गोपाल नारंग से उत्तम सिंह ने आज मुलाकात की. इस दौरान उत्तम ने मरने के बाद देह दान करने का अपना निर्णय सुनाया. यही नहीं देह दान करने के लिए परिजनों की रजामंदी और संबंधित कोर्ट के कागज भी गोपाल नारंग को सौंपे.

पढ़ें-आंध्र प्रदेश में भीषण सड़क हादसा, 14 लोगों की मौत, पीएम मोदी ने जताया शोक

बता दें कि देह दान हिमालयन इंस्टीट्यूट को किया जाता है. जहां इंस्टीट्यूट की टीम बॉडी पर रिसर्च कर मानव जाति की रक्षा के लिए एक्सपेरिमेंट करती है. 30 साल की उम्र में इतना बड़ा निर्णय लेने पर उत्तम सिंह बताते हैं कि जीते जी हम लोगों की मदद तो करते हैं, मगर अब वे मरने के बाद भी वे लोगों के काम आना चाहते हैं. जिसके कारण उन्होंने ये निर्णय लिया है.

ऋषिकेश: आजकल के दौरा में जहां युवा वर्ग नशे की लत में फंसता जा रहा है, वहीं कुछ युवा ऐसे भी हैं जो मानव जाति के उत्थान के लिए काम कर रहे हैं. साथ ही कुछ युवा मरने के बाद भी जनहित में कुछ कर गुजरने की चाह रखते हैं. जिनमें से एक नाम है हरिद्वार निवासी उत्तम सिंह का, जो वर्तमान समय में जीते हुए बढ़चढ़ कर रक्तदान करते हैं, तो वहीं अब उन्होंने मरने के बाद अपनी देह दान का निर्णय लिया है.

हरिद्वार के उत्तम सिंह ने लिया देह दान का निर्णय

ऋषिकेश में देह दान करने के प्रति लोगों को जागरूक करने के प्रयास में लगे गोपाल नारंग से उत्तम सिंह ने आज मुलाकात की. इस दौरान उत्तम ने मरने के बाद देह दान करने का अपना निर्णय सुनाया. यही नहीं देह दान करने के लिए परिजनों की रजामंदी और संबंधित कोर्ट के कागज भी गोपाल नारंग को सौंपे.

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बता दें कि देह दान हिमालयन इंस्टीट्यूट को किया जाता है. जहां इंस्टीट्यूट की टीम बॉडी पर रिसर्च कर मानव जाति की रक्षा के लिए एक्सपेरिमेंट करती है. 30 साल की उम्र में इतना बड़ा निर्णय लेने पर उत्तम सिंह बताते हैं कि जीते जी हम लोगों की मदद तो करते हैं, मगर अब वे मरने के बाद भी वे लोगों के काम आना चाहते हैं. जिसके कारण उन्होंने ये निर्णय लिया है.

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