देहरादून: बिजली खरीदने वाली एक निजी कंपनी पर मेहरबानी जताना उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी यूपीसीएल के कई अधिकारी और कर्मचारियों पर भारी पड़ सकता है. दरअसल, एक निजी कंपनी ने यूपीसीएल से बिजली तो खरीदी लेकिन करार के अनुसार पूरा पैसा नहीं दिया. ऐसे में अब इस पूरे मामले पर ऊर्जा सचिव राधिका झा काफी सख्त नजर आ रही हैं. उन्होंने यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक नीरज खैरवाल को एक सप्ताह में इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
फंसेंगे यूपीसीएल के कई अफसर
गौरतलब है कि इस पूरे मामले की अगर सही तरह से जांच होती है तो बिजली खरीदने वाली बकायेदार कंपनी पर मेहरबानी बरसाने के मामले में कई अफसर और कर्मचारियों का नाम सामने आएगा. इसमें यूपीसीएल के पूर्व एमडी बीसीके मिश्रा समेत वित्त, कमर्शियल और लेखा अनुभाग से जुड़े कई अफसर और कर्मचारी भी जांच के दायरे में आएंगे.
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निजी कंपनी पर है 70 करोड़ बकाया
आपको बता दें ये पूरा मामला बिजली खरीदने वाली दिल्ली की एक कंपनी से जुड़ा है, जिस पर साल 2016 से करीब ₹70 करोड़ की बकायदारी है. आरोप है कि कंपनी ने यूपीसीएल से बिजली तो खरीदी लेकिन करार के अनुसार पूरा पैसा नहीं दिया. इसके बावजूद कंपनी पर करोड़ों का बकाया पैसा लौटने का दबाव बनाने के बजाय यूपीसीएल के अधिकारी और कर्मचारी मेहरबानी बरसाते रहे.