देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संवैधानिक पद पर रहते हुए 20 साल का कार्यकाल पूरा हो गया है. ऐसे में तमाम कैबिनेट मंत्रियों को राज्यों में प्रवास करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसी क्रम में केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल इन दिनों उत्तराखंड प्रवास पर हैं. इस प्रवास के दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने देहरादून के तमाम जगहों पर भ्रमण किया और सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का निरीक्षण किया.
मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल ने इस बात पर जोर दिया कि आगामी 2022 तक जल शक्ति अभियान को पूरा कर लिया जाएगा. प्रह्लाद पटेल ने कहा कि भाजपा के कार्यकाल में असंभव से दिखने वाले काम समय सीमा के भीतर पूरे हो रहे हैं. बताते चलें कि केंद्रीय राज्य जल शक्ति मंत्री दो दिवसीय उत्तराखंड प्रवास पर हैं, इस दौरान जल शक्ति मंत्री प्रह्लाद पटेल ने उत्तराखंड में जल जीवन मिशन के तहत हुए कामों की समीक्षा की.
इसके साथ ही ऋषिकेश- हरिद्वार में सीवर लाइन एक प्रोजेक्ट को लेकर भी जानकारी ली. दो दिवसीय प्रवास के दौरान कामों की समीक्षा के बाद केंद्रीय राज्य जल शक्ति मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर कैबिनेट मंत्री हिमालयी राज्यों के प्रवास पर हैं, जहां वह केंद्र और राज्य सरकार के कामों की समीक्षा कर रहे हैं. देहरादून पहुंचे केंद्रीय राज्य मंत्री पह्लाद पटेल ने भाजपा मुख्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि साल 2019 में जल शक्ति अभियान की शुरूआत की गई थी.
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उस समय राज्य में मात्र 8 फीसदी, जगहों पर जल की सुविधा उपलब्ध थी, लेकिन 15 अगस्त 2019 के बाद से वर्तमान समय तक प्रदेश के 47 फीसदी लोगों तक स्वच्छ जल पहुंचाया जा चुका है. हालांकि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की दस्तक के बाद इस अभियान में थोड़ी कमी जरूर आई है, लेकिन जो लक्ष्य भारत सरकार ने रखा है उस लक्ष्य को तय समय पर पूरा किया जाएगा. इसके लिए राज्य सरकार लगातार काम कर रही है.
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स्वच्छता मिशन को लेकर प्रह्लाद पटेल ने बताया कि उत्तराखंड खुले में शौच से मुक्त होने की ओर अग्रसर है और 2022 के अंत तक यह लक्ष्य उत्तराखंड में पूरा कर लिया जाएगा. इसके साथ ही जल शक्ति मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में चुनाव होने जा रहे हैं ऐसे में जल शक्ति अभियान के तहत चलने वाले कार्यक्रमों को रोका न जाए, और उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग को इस संबंध में पत्र लिखकर अनुरोध किया जाएगा. वहीं ड्यूटी पर लगे कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी में न लगाया जाए, ताकि जल शक्ति मिशन के तहत जो काम उत्तराखंड में चल रहे हैं उनको समय पर पूरा किया जा सके.