देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग पेपर लीक मामला (UKSSC paper leak case) जहां सरकार के लिए सिर दर्द बना हुआ है. वहीं, यूकेएसएसएससी परीक्षा पास अभ्यर्थियों (UKSSSC Exam Passed Candidates) को अब एग्जाम रद्द होने का डर सताने लगा है. हर दिन यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में नये नाम और कनेक्शन जुड़ रहे हैं. अभी तक 19 लोगों की गिरफ्तार हो चुकी है. जिसकी वजह से यूकेएसएसएससी स्नातक परीक्षा परिणाम (UKSSSC Undergraduate Exam Result) में अपनी मेरिट पर चयनित अभ्यर्थियों को अब एग्जाम निरस्त होने का डर सता रहा है.
परीक्षार्थियों का कहना है कि नकलचियों के अपराध की सजा मेहनत से पास होने वालों को क्यों मिले. करे कोई और भरे कोई यह कहां का इंसाफ है. देहरादून एसटीएफ मुख्यालय में पहुंचे कई अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिनका मेरिट सूची में नाम है. उनका कहना है कि एसटीएफ की जांच में उन्हें क्लीन चिट मिल चुकी है, लेकिन जिस तरह से एक के बाद एक गिरोह के लोगों की गिरफ्तारी और नकलचियों का पर्दाफाश हो रहा हैं. उसके चलते सरकार की तरफ से परीक्षा निरस्त करने की चर्चाएं जोरों पर है. अगर ऐसा होता है तो लंबी तैयारी और मेहनत से चयनित हुए बेरोजगार अभ्यर्थियों के साथ बहुत बड़ी नाइंसाफी होगी. ऐसे में सरकार को उनके बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए.
ईटीवी भारत से बातचीत में यूकेएसएसएससी 2021 स्नातक परीक्षा पास अभ्यर्थियों ने कहा कि अगर यह परीक्षा सरकार निरस्त करती है तो 2015 से विवादों में रही एलटीटी, वीडीओ, वन दारोगा, समीक्षा अधिकारी जैसे सभी परीक्षाओं को निरस्त करना होगा. अगर ऐसा होता है तो तभी उनको इस बात की संतुष्टि होगी कि आखिर उनकी मेहनत भी औरों की तरह विफल हुई.
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यूकेएसएसएससी 2021 स्नातक परीक्षा में चयनित होने वाले दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों के अभ्यर्थी एसटीएफ कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि एसटीएफ की जांच इस केस में जिस तरह से हो रही है. उसको लेकर वह लोग पूरी तरह से संतुष्ट है, लेकिन इस पेपर लीक मामले में जो गिरोह सामने आया है. वह पहले की परीक्षाओं में भी पूरी तरह से सक्रिय थे. ऐसे में इसी परीक्षा को निरस्त करने का क्या सवाल है. अगर ऐसा हुआ तो वे न्यायालय की शरण में जाने को मजबूर होंगे.
अभ्यर्थियों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि मेहनत से परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले बेरोजगारों के साथ अन्याय ना हो. ऐसे कई युवा हैं, जो गरीबी की हालात में बमुश्किल किसी तरह से अपनी पढ़ाई लिखाई कर इस परीक्षा में उत्तीर्ण हुए है. उनको इस बात का डर सता रहा है कि बाकी परीक्षाओं को छोड़ यह परीक्षा निरस्त हो जाती है, तो उनका करियर अंधकार में चला जाएगा. ऐसे में सरकार जो भी निर्णय ले, उसमें ईमानदारी से चयनित होने वाले युवाओं को लेकर गंभीरता से विचार करें.
बता दें कि यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में अभी तक एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए 19 लोगों को जेल भेज चुकी है. जबकि 50 से अधिक ऐसे नकलची अभ्यर्थी का सत्यापन हो चुका है, जो पैसों के दम पर परीक्षा में उत्तीर्ण होकर मेरिट में चयनित हुए हैं. ऐसे में इस बात की भी चर्चा है कि अगर नकलचियों संख्या इसी तरह से बढ़ती है तो 2021 स्नातक परीक्षा निरस्त हो सकती है.