देहरादूनः राजधानी देहरादून को एजुकेशनल हब के रूप में जाना जाता है. यहां कई उच्च शिक्षण संस्थान और कोचिंग सेंटर हैं, जहां छात्र तमाम सरकारी विभागों में निकलने वाली भर्तियों के लिए परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. यहां उत्तराखंड के सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों से आकर छात्र मेहनत करते हैं, लेकिन UKSSSC में हुए घोटाले ने लंबे समय से अपने एग्जाम की तैयारी कर रहे छात्रों का मनोबल तोड़ा है. साथ ही उन्हें तैयारी कराने वाले शिक्षकों को हतोत्साहित किया है.
बता दें कि बीते साल 2021 में 4 और 5 दिसंबर को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से 916 पदों के लिए ग्रेजुएट लेवल की परीक्षा आयोजित करवाई गई थी. जिसमें प्रदेश के तकरीबन 2 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी. जिसका परीक्षा परिणाम भी घोषित हो चुका है और डॉक्यूमेंटेशन की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन इसी बीच पेपर लीक के खुलासे के बाद अभ्यर्थियों के साथ-साथ उत्तराखंड में तमाम कोचिंग सेंटर चला रहे शिक्षण संस्थानों को भी इससे गहरा धक्का लगा है.
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जहां एक तरफ छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं तो वहीं कोचिंग सेंटर में लगातार छात्रों पर मेहनत करने वाले शिक्षकों के जेहन में भी विश्वसनीयता को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. कोचिंग सेंटर संचालकों और शिक्षकों का कहना है कि जब इस तरह की घटनाएं सुनने में आती है तो उससे बच्चों का मनोबल तो टूटता ही है. साथ ही उन शिक्षकों पर भी बुरा असर पड़ता है, जो मेहनत से अपने छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा (Competitive Exam) के लिए तैयार करते हैं.
कोचिंग शिक्षक ओम प्रकाश पाठक ने बताया कि वो पिछले लंबे समय से देहरादून में परीक्षाओं की तैयारी के संबंध में छात्रों को ट्यूशन दे रहे हैं. देहरादून में कोचिंग के साथ-साथ स्टडी को लेकर एक बेहद अच्छा माहौल है, लेकिन अब जिस तरह से पेपर लीक की घटनाएं सामने आ रही हैं और उनमें कोचिंग सेंटर की संलिप्तता की बात भी सामने आ रही है. इससे कहीं न कहीं उनकी साख पर भी सवाल खड़ा हो रहा है.
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UKSSSC पेपर लीक मामले में 6 आरोपी गिरफ्तारः गौर हो कि बीती 24 जुलाई को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में फर्जीवाड़े को लेकर बड़ा खुलासा हुआ था. इस मामले में उत्तराखंड एसटीएफ की टीम 6 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. जिनमें परीक्षा करवाने वाली कंपनी के टेक्निकल स्टाफ, आयोग के होमगार्ड, कोचिंग संचालक और कुछ मुन्नाभाई शामिल थे. जिसमें जयजीत दास, मनोज जोशी, कुलवीर सिंह चौहान, मनोज जोशी, शूरवीर सिंह चौहान और गौरव नेगी शामिल हैं. उनके पास से 37 लाख की नकदी भी बरामद की गई थी.
CM धामी बोले-भ्रष्टाचारियों को पकड़ना पहली प्राथमिकताः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूकेएसएसएससी (UKSSSC) में हुए भ्रष्टाचार को लेकर बड़ा बयान देते हुए सरकार की रणनीति व पारदर्शिता को पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है. सीएम ने कहा है कि अभी और भी कई शिकायतें मिल रही हैं, जिन पर सरकार कार्रवाई के लिए तैयार है. सरकार पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष होकर काम कर रही है.
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