देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत (Former Chief Minister Trivendra Singh Rawat) ने विधानसभा भर्ती मामले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वित्त मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल को कटघरे में खड़ा कर दिया है. त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Rawat in back door recruitment case) ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने परीक्षा के जरिए भर्ती करवाने के आदेश दिए थे, लेकिन उनके हटते ही कुछ और हो गया. उन्होंने स्पष्ट कहा कि दूसरी सरकार के घोटाले को बताकर आप अपने काम को जायज नहीं ठहरा सकते.
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Former Chief Minister Trivendra Singh Rawat) ने स्पष्ट किया कि उन्होंने विधानसभा में भर्ती के लिए आयोग से परीक्षा करवाने की नोटिंग संबंधित फाइल पास की थी. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने कैसे विधानसभा सचिवालय की फाइल को इस तरह मनमर्जी की नियुक्ति के लिए मंजूरी दे दी. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयानों से साफ लगता है कि वह परीक्षा के जरिए ही विधानसभा में भर्ती करवाना चाहते थे, लेकिन उनके हटने के बाद भाजपा की सरकार ने चहेतों को नियुक्ति दिलवा दी गई.
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त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा उन्होंने विधानसभा में भर्ती की फाइल पर स्पष्ट रूप में आयोग के माध्यम से ही भर्ती किए जाने की बात लिखी थी, लेकिन इसके बाद वह मुख्यमंत्री पद से हट गए. फिर उन्हें पता नहीं की इस तरह कैसे भर्ती कर दी गई. जाहिर है कि उनके इस बयान से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कटघरे में हैं. इसके बाद इस फाइल पर मंजूरी उन्हीं के स्तर से दी गई होगी.
इतना ही नहीं त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वित्त मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल के उस बयान को भी आड़े हाथों लिया जिसमें उन्होंने पूर्व की सरकार में भी इसी तरह भर्ती होने की बात कहकर मौजूदा सरकार की भर्तियों को सही ठहराने की कोशिश की थी. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा किसी भी नियुक्ति पर सब का समान अधिकार होता है. राष्ट्रपति भवन हो या राजभवन सभी जगह पारदर्शिता होनी चाहिए. सरकारी पैसे का दुरुपयोग तो बिल्कुल नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा पूर्व में यदि कोई गलत काम हुआ है तो उसका उदाहरण देकर हम कोई घोटाला नहीं कर सकते.
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उन्होंने कहा यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि जो अभ्यर्थी पैसा देकर भर्ती होगा वह भी बाद में रिश्वत लेने का ही काम करेगा. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गोविंद सिंह कुंजवाल के बयान पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा जिस तरह गोविंद सिंह कुंजवाल ने अपने बेटे और बहू को लगाने की बात को मीडिया के सामने रखा है .उससे उनका अहंकार दिखाई देता है, जो कि बिल्कुल भी उचित नहीं है.