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उत्तराखंड: कंपाउंडिंग की दरों में हो सकता है इजाफा, परिवहन विभाग ने भेजा प्रस्ताव - उत्तारखंड समाचार

प्रदेश सरकार ने  कंपाउंडिंग की नई दरों को लेकर शासनादेश जारी नहीं किया है. ऐसे में अभियुक्त संबंधित विभाग में जा कर  पुरानी कंपाउंडिंग फीस जमाकर दोषमुक्त हो सकता है. नए मोटरयान अधिनियम के तहत वाहनों के 51 प्रकार के अपराधों के लिए नए कंपाउंडिंग शुल्क का उल्लेख है.

उत्तराखंड सचिवालय
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Published : Sep 8, 2019, 6:17 PM IST

देहरादून:सूबे में राज्य कैबिनेट की बैठक 11 सितंबर को होने वाली है. इस बैठक में नए मोटरयान अधिनियम के तहत वाहनों के कंपाउंडिंग शुल्क पर फैसला लिया जा सकता है. वहीं, परिवहन विभाग ने वाहनों की कंपाउंडिंग शुल्क की नई दरों का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है. सूत्रों के हवाले से कंपाउंडिंग शुल्क में 2 से 3 गुना की बढ़ोतरी हो सकती है.

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बता दें कि मोटरयान अधिनियम की धारा 200 के तहत भारत सरकार ने प्रदेश सरकार को यातायात उल्लंघन से जुड़े कुछ अपराधों को कंपाउंडिंग के दायरे में रखने का अधिकार दिया है. ऐसे में अभियुक्त द्वारा किया गया अपराध कंपाउंडिंग के दायरे में आता है तो अभियुक्त पुलिस महकमे या परिवहन विभाग में कंपाउंडिंग शुल्क देकर दोषमुक्त हो सकता है . वहीं, अभियुक्त द्वारा किया गया अपराध कंपाउंडिंग के दायरे में नहीं आता है तो आरोपी को न्यायालय में मोटर यान अधिनियम के तहत निर्धारित की गई जुर्माना राशि ही चुकानी पड़ेगी.

गौरतलब है कि भारत सरकार के नए मोटरयान अधिनियम के तहत जुर्माने की नई निर्धारित धनराशि केवल न्यायालय ही मान्य करेगी. यह जुर्माना राशि परिवहन विभाग या पुलिस महकमे के लिए मान्य नहीं होती है. उस स्थिति में जुर्माने की नई निर्धारित धनराशि के लिए चालान को न्यायालय भेजा जाता है. न्यायालय ही जुर्माने की नई निर्धारित धनराशि तय करती है.

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प्रदेश सरकार ने कंपाउंडिंग की नई दरों को लेकर शासनादेश जारी नहीं किया है. ऐसे में अभियुक्त संबंधित विभाग में जाकर फिलहाल पुरानी कंपाउंडिंग फीस जमाकर दोषमुक्त हो सकता है. नए मोटरयान अधिनियम के तहत वाहनों के 51 प्रकार के अपराधों के लिए नए कंपाउंडिंग शुल्क का उल्लेख हो सकता है.

देहरादून:सूबे में राज्य कैबिनेट की बैठक 11 सितंबर को होने वाली है. इस बैठक में नए मोटरयान अधिनियम के तहत वाहनों के कंपाउंडिंग शुल्क पर फैसला लिया जा सकता है. वहीं, परिवहन विभाग ने वाहनों की कंपाउंडिंग शुल्क की नई दरों का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है. सूत्रों के हवाले से कंपाउंडिंग शुल्क में 2 से 3 गुना की बढ़ोतरी हो सकती है.

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बता दें कि मोटरयान अधिनियम की धारा 200 के तहत भारत सरकार ने प्रदेश सरकार को यातायात उल्लंघन से जुड़े कुछ अपराधों को कंपाउंडिंग के दायरे में रखने का अधिकार दिया है. ऐसे में अभियुक्त द्वारा किया गया अपराध कंपाउंडिंग के दायरे में आता है तो अभियुक्त पुलिस महकमे या परिवहन विभाग में कंपाउंडिंग शुल्क देकर दोषमुक्त हो सकता है . वहीं, अभियुक्त द्वारा किया गया अपराध कंपाउंडिंग के दायरे में नहीं आता है तो आरोपी को न्यायालय में मोटर यान अधिनियम के तहत निर्धारित की गई जुर्माना राशि ही चुकानी पड़ेगी.

गौरतलब है कि भारत सरकार के नए मोटरयान अधिनियम के तहत जुर्माने की नई निर्धारित धनराशि केवल न्यायालय ही मान्य करेगी. यह जुर्माना राशि परिवहन विभाग या पुलिस महकमे के लिए मान्य नहीं होती है. उस स्थिति में जुर्माने की नई निर्धारित धनराशि के लिए चालान को न्यायालय भेजा जाता है. न्यायालय ही जुर्माने की नई निर्धारित धनराशि तय करती है.

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प्रदेश सरकार ने कंपाउंडिंग की नई दरों को लेकर शासनादेश जारी नहीं किया है. ऐसे में अभियुक्त संबंधित विभाग में जाकर फिलहाल पुरानी कंपाउंडिंग फीस जमाकर दोषमुक्त हो सकता है. नए मोटरयान अधिनियम के तहत वाहनों के 51 प्रकार के अपराधों के लिए नए कंपाउंडिंग शुल्क का उल्लेख हो सकता है.

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देहरादून- आगामी 11 सितंबर को होने जा रही प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में नए मोटरयान अधिनियम के तहत वाहनों के कंपाउंडिंग शुल्क पर फैसला लिया जा सकता है । परिवहन विभाग ने वाहनों की कंपाउंडिंग शुल्क की नई दरों का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार परिवहन विभाग की ओर से कंपाउंडिंग शुल्क को लेकर जो प्रस्ताव शासन को भेजा गया है उसमें 51 प्रकार के अपराधों के लिए नए कंपाउंडिंग शुल्क का उल्लेख है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार परिवहन विभाग ने शासन को भेजे गए इस प्रस्ताव में कंपाउंडिंग शुल्क में 2 से 3 गुना तक की बढ़ोतरी की है।





Body:क्या है वाहन कंपाउंडिंग शुल्क ?

मोटरयान अधिनियम की धारा 200 के तहत भारत सरकार ने प्रदेश सरकार को यातायात उल्लंघन से जुड़े कुछ अपराधों को कंपाउंडिंग के दायरे में रखने का अधिकार दिया हुआ है । ऐसे में यदि अभियुक्त द्वारा किया गया अपराध कंपाउंडिंग के दायरे में आता है तो अभियुक्त पुलिस महकमें या परिवहन विभाग में कंपाउंडिंग शुल्क देकर दोषमुक्त हो सकता है । वहीं यदि अभियुक्त द्वारा किया गया अपराध कंपाउंडिंग के दायरे में नहीं आता तो अभियुक्त को न्यायालय में मोटर यान अधिनियम के तहत निर्धारित की गई जुर्माना राशि ही चुकानी पड़ेगी ।


बता दें कि भारत सरकार के नए मोटरयान अधिनियम के तहत जुर्माने की नई निर्धारित धनराशि केवल न्यायालय के लिए मान्य है । यह जुर्माना राशि परिवहन विभाग या पुलिस महकमे के लिए मान्य नहीं होती । जुर्माने की नई निर्धारित धनराशि उस स्थिति में अभियुक्त को चुकानी होती है जब उसका चालान न्यायालय को भेज दिया जाए ।




Conclusion:गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने अब तक कंपाउंडिंग की नई दरों को लेकर शासनादेश जारी नही किया है । ऐसे में अभियुक्त संबंधित विभाग में जा कर फिलहाल पुरानी कंपाउंडिंग फीस जमाकर दोषमुक्त हो सकता है ।
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