ETV Bharat / state

ट्रांसपोर्ट कंपनी ने प्रवासियों को मसूरी से छत्तीसगढ़ ले जाने के लिए की 1 लाख 20 हजार की मांग

मसूरी से छत्तीसगढ़ के लिए एक ट्रांसपोर्ट द्वारा एक बस का किराया करीब 1 लाख 20 हजार रुपए मांगने की बात सामने आई है, जिसमें 20 लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ले जाने को कहा गया है.

author img

By

Published : May 11, 2020, 9:31 PM IST

mussoorie to chhsttisgarh
ट्रांस्पोर्ट की मनमानी

मसूरी: जिले में फंसे विभिन्न प्रदेशों के प्रवासी लोगों को लाॅकडाउन के कारण अपने घर वापस जाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. राज्य सरकारों की ओर से लगातार कोशिश की जा रही है कि लोगों को रेल और बस सहति अन्य वाहनों के जरिए उनके गृह जनपद पहुंचाया जाए. इसी कड़ी में सरकार ने लोगों को अपने निजी वाहनों से जाने की भी छूट दी है. वहीं, छत्तीसगढ़ के करीब 40 मजदूर मसूरी से घर जाना चाहते हैं.

ट्रांसपोर्टरों की मनमानी से मजदूर परेशान.

मसूरी से छत्तीसगढ़ के लिए एक ट्रांसपोर्ट द्वारा एक बस का किराया करीब 1 लाख 20 हजार रुपए मांगने की बात सामने आई है, जिसमें 20 लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ले जाने को कहा गया है. जबकि लाॅकडाउन से पहले यही किराया प्रति व्यक्ति एक हजार रुपए था. ऐसे में ट्रांसपोर्ट की मनमानी साफ तौर पर देखी जा सकती है, जिसकी वजह से प्रवासी लोग काफी परेशान हैं.

ये भी पढ़ें: दिल्ली-गुड़गांव बस स्टैंड पर उत्तराखंड रोडवेज बस से उतारे गये युवा, ये है VIRAL VIDEO का सच

मजदूर विक्रम, मुकेश और वृजलाल का कहना है कि एक तरफ वो लाॅकडाउन की वजह से परेशान हैं. इस समय उन लोगों के पास खाने तक का पैसा नहीं है. ऐसे में वो इतने पैसों का इंतजाम कहां से करेंगे. उन्होने कहा कि उनके द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार से भी मदद करने की मांग की गई है. लेकिन वहां की सरकार ने कोई सकारत्मक कदम नहीं उठाया है. ऐसे में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: कोरोना: सरकार के लिए चुनौती के साथ मौका भी, आबाद हो सकते हैं भूतिया गांव

वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सतीश ढौंडियाल का कहना है कि सरकार द्वारा विभिन्न राज्यों को जाने वाले मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था करनी चाहिए. इसके अलावा जो मजदूर किराए के वाहनों से पैसे देकर जाना चहाते हैं. उनके लिए कम दामों में वाहनों का इंतजाम करना चाहिए. साथ ही सरकार ट्रांसपोर्टर के विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में जाने वाले वाहनों की दरें निधारित करनी चाहिए, जिससे इस आपात स्थिति में उनकी मनमानी ना चल सके.

मसूरी: जिले में फंसे विभिन्न प्रदेशों के प्रवासी लोगों को लाॅकडाउन के कारण अपने घर वापस जाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. राज्य सरकारों की ओर से लगातार कोशिश की जा रही है कि लोगों को रेल और बस सहति अन्य वाहनों के जरिए उनके गृह जनपद पहुंचाया जाए. इसी कड़ी में सरकार ने लोगों को अपने निजी वाहनों से जाने की भी छूट दी है. वहीं, छत्तीसगढ़ के करीब 40 मजदूर मसूरी से घर जाना चाहते हैं.

ट्रांसपोर्टरों की मनमानी से मजदूर परेशान.

मसूरी से छत्तीसगढ़ के लिए एक ट्रांसपोर्ट द्वारा एक बस का किराया करीब 1 लाख 20 हजार रुपए मांगने की बात सामने आई है, जिसमें 20 लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ले जाने को कहा गया है. जबकि लाॅकडाउन से पहले यही किराया प्रति व्यक्ति एक हजार रुपए था. ऐसे में ट्रांसपोर्ट की मनमानी साफ तौर पर देखी जा सकती है, जिसकी वजह से प्रवासी लोग काफी परेशान हैं.

ये भी पढ़ें: दिल्ली-गुड़गांव बस स्टैंड पर उत्तराखंड रोडवेज बस से उतारे गये युवा, ये है VIRAL VIDEO का सच

मजदूर विक्रम, मुकेश और वृजलाल का कहना है कि एक तरफ वो लाॅकडाउन की वजह से परेशान हैं. इस समय उन लोगों के पास खाने तक का पैसा नहीं है. ऐसे में वो इतने पैसों का इंतजाम कहां से करेंगे. उन्होने कहा कि उनके द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार से भी मदद करने की मांग की गई है. लेकिन वहां की सरकार ने कोई सकारत्मक कदम नहीं उठाया है. ऐसे में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: कोरोना: सरकार के लिए चुनौती के साथ मौका भी, आबाद हो सकते हैं भूतिया गांव

वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सतीश ढौंडियाल का कहना है कि सरकार द्वारा विभिन्न राज्यों को जाने वाले मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था करनी चाहिए. इसके अलावा जो मजदूर किराए के वाहनों से पैसे देकर जाना चहाते हैं. उनके लिए कम दामों में वाहनों का इंतजाम करना चाहिए. साथ ही सरकार ट्रांसपोर्टर के विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में जाने वाले वाहनों की दरें निधारित करनी चाहिए, जिससे इस आपात स्थिति में उनकी मनमानी ना चल सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.