ऋषिकेश: कोरोना काल के बाद जहां एक ओर पर्यटन व्यवसाय दोबारा पटरी पर लौटने लगा था. वहीं, अब कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक और ओमीक्रोन की आहट (omicron alert in uttarakhand) के बाद लगी पाबंदियों से पर्यटन व्यवसाय पर ग्रहण लगाना शुरू कर दिया है. नए साल के मौके पर पर्यटकों के इंतजार में बैठे होटल, कैंप, रिजॉर्ट संचालक निराश दिखाई दे रहे हैं. 20 प्रतिशत पर्यटकों ने भी अभीतक प्री बुकिंग नहीं (tourists not reached to rishikesh) करवाई है.
बता दें कि हर साल देश के कोने-कोने से पर्यटक मुनिकी रेती, शिवपुरी, ब्रह्मपुरी और यमकेश्वर क्षेत्र के रत्तापनी, हैवल नदी और अन्य नदी के किनारों पर न्यू ईयर सेलिब्रेशन (New year celebration) के लिए पहुंचते हैं. कोरोना की पहली, दूसरी और अब तीसरी लहर की वजह से पर्यटक पिछले दो सालों से न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए इन क्षेत्रों में नहीं पहुंचे.
वहीं, इस साल बड़े पैमाने पर चले वैक्सीनेशन अभियान और घटते कोविड संक्रमण की वजह से उम्मीद थी कि न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए पर्यटक उत्तराखंड (New year celebration in uttarakhand) की ओर रुख करेगा, लेकिन जिस प्रकार देश में कोविड-19 के ओमीक्रोन वेरिएंट ने अपने पैर पसारने शुरू किए हैं. उससे पर्यटकों में एक बार फिर डर का माहौल देखने को मिल रहा है.
हाल यह है कि पर्यटकों से पैक रहने वाले मुनिकी रेती, शिवपुरी, ब्रह्मपुरी, कौड़ियाला, राम झूला, लक्ष्मण झूला, स्वर्गाश्रम, हैवल नदी व अन्य पर्यटक स्थल सुनसान दिखाई दे रहे हैं. हालांकि बीच कैंप, रिजॉर्ट और होटल संचालकों ने न्यू ईयर पार्टी की सेलिब्रेशन की अपनी पूरी तैयारियां की हैं. मगर, प्री बुकिंग नहीं आने की वजह से संचालकों का मनोबल टूटा हुआ दिखाई दे रहा है.
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बीच कैंप और रिजॉर्ट संचालक (Beach Camp & Resort Operator) दीपक बडोनी ने बताया कि न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए अभी तक सारे कैंप रिजॉर्ट और होटल खाली पड़े हैं. 20% पर्यटकों ने भी अभी तक प्री बुकिंग नहीं कराई है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोविड-19 के बढ़ते हुए संक्रमण ओमीक्रोन ने पर्यटन व्यवसाय पर फिर से ग्रहण लगा दिया है.
बडोनी कहना है कि दो साल बाद पर्यटकों का उत्तराखंड की ओर रुख हुआ था. उम्मीद जगी थी कि लगातार हो रहे नुकसान की भरपाई इस वर्ष होगी. मगर जिस तरीके से संक्रमण का खतरा बढ़ा है उससे पर्यटन व्यवसाई फिर से डरे हुए हैं. यदि इस वर्ष फिर से पर्यटकों के उत्तराखंड आगमन पर पाबंदी लगी तो पर्यटन व्यवसायियों के आगे कर्ज के साथ रोजी रोटी का बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा.