देहरादून: कोरोना की दूसरी लहर में पर्यटन गतिविधियों से जुड़े व्यवसायियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रह रहा है. पर्यटन गतिविधियों से जुड़े व्यापारी राज्य सरकार से लगातार मदद की गुहार लगा रहे है. तो वहीं, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने व्यापारियों को राहत देने के लिए कुछ योजनाएं तैयार की हैं, जिन योजनाओं को लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात करेंगे.
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पर्यटन विभाग की कुछ योजनाएं हैं, जिसे जल्द ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, जिससे पर्यटन गतिविधियों से जुड़े व्यवसायियों को लाभ मिलेगा. क्योंकि पर्यटन विभाग ने जो योजना तैयार की है, उसमें पैराग्लाइडिंग, स्पोर्ट्स, एडवेंचर टूरिज्म की एक्टिविटी को धीरे-धीरे शुरू की जाएगी. इसके साथ ही प्रदेश में अत्याधिक होमस्टे तैयार हैं, जिसमें work-from-home के कॉन्सेप्ट के तहत पर्यटकों को प्रदेश में लाना चाहते हैं.
पर्यटकों को स्पूतनिक वी वैक्सीन लगाने की योजना
स्पूतनिक वी वैक्सीन के दोनों डोज की कीमत 2500 रुपये हैं, जिसे देखते हुए प्रदेश के बड़े होटल व्यवसायियों से बातचीत की गई है कि अगर कोई पर्यटक उत्तराखंड आना चाहता है, तो उसे स्पूतनिक वी वैक्सीन की पहली डोज होटल में प्रवेश करते ही लगाया जाए. फिर 14 दिन बाद जब पर्यटक उत्तराखंड से जाने लगे, तो उसे स्पूतनिक वी वैक्सीन की दूसरी डोज भी लगा दी जाए. ऐसे में पर्यटक को स्पूतनिक वी वैक्सीन की पहली डोज लगने के बाद वह उत्तराखंड में कहीं भी भ्रमण कर सकेगा, जिससे पर्यटन गतिविधियां तो बढ़ेंगी ही साथ ही व्यापारियों को भी इसका फायदा मिलेगा.
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स्थानीय निवासियों को पहले मिलेगी दर्शन करने की अनुमति
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू समाप्त होने के बाद ही चारधाम यात्रा पर विचार किया जाएगा. पहले यह इनपुट लिया जाएगा कि कहीं प्रदेश में संक्रमण फैलने की गुंजाइश तो नहीं है. इसके बाद सबसे पहले चारधाम के समीप के गांवों में रहने वाले स्थानीय निवासियों को चारधाम यात्रा के लिए अनुमति दी जाएगी. इसके बाद प्रदेश स्तर पर श्रद्धालुओं को चारधाम के दर्शन की अनुमति दी जाएगी, लेकिन आरटी पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य होगी.
चारधाम यात्रा के लिए जारी की जाएगी एसओपी
सतपाल महाराज ने कहा कि पिछले साल की तर्ज पर ही इस साल भी चारधाम की यात्रा संचालित की जाएगी, लेकिन इसके लिए सभी तरह के इनपुट लेने के बाद चारधाम से संबंधित एसओपी तैयार की जाएगी, जिसके अनुरूप ही चारधाम की यात्रा को संचालित किया जाएगा, ताकि प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में एक बार फिर संक्रमण फैलने का खतरा ना रहे. लिहाजा चारधाम की यात्रा के लिए कोरोना कर्फ्यू समाप्त होने के बाद ही तत्काल मुख्यमंत्री से मुलाकात कर विचार किया जाएगा.