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दून मेडिकल कॉलेज में राष्ट्रीय सेमिनार का आगाज, क्लीनिकल एनाटॉमी से जुड़े विषयों पर चर्चा

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Published : May 28, 2022, 7:34 AM IST

दून मेडिकल कॉलेज और नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ सोसाइटी ऑफ क्लीनिकल एनाटॉमिस्ट के संयुक्त प्रयासों से तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आगाज हो गया है. सेमिनार में पहले दिन क्लीनिकल एनाटॉमी से जुड़े कई पहलुओं पर चर्चा की गई.

Doon Medical College Dehradun
दून मेडिकल कॉलेज

देहरादून: राजधानी देहरादून के राजकीय दून मेडिकल कॉलेज और नेशनल कॉन्फ्रेंस सोसाइटी ऑफ क्लीनिकल एनाटॉमिस्ट (National Conference Society of Clinical Anatomists) के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार की शुरुआत हो गई है. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ हेमचंद्र पांडे पहुंचे और विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. सेमिनार के पहले दिन क्लिनिकल एनाटॉमी से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई.

सेमिनार का शुभारंभ एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ हेमचंद्र पांडे और दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना ने किया. इस मौके पर डॉ हेमचंद्र पांडे ने कहा कि मेडिकल साइंस में एनाटॉमी का महत्वपूर्ण स्थान होता है. उन्होंने बताया कि एनाटॉमी का बेहतर ज्ञान बीमारी के इलाज के साथ ही शल्यक्रिया की सफलता में सहायक सिद्ध होता है. डॉ. पांडे के अनुसार शारीरिक संरचना और अंगों की वस्तुस्थिति से रोगों की पहचान में भी आसानी होती है.
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प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने कहा कि कॉलेज में भ्रूण विज्ञान से संबंधित एक सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया जा रहा है. उन्होंने दून मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग का मॉडर्नाइजेशन किए जाने पर जोर देते हुए कहा कि क्लीनिकल एनाटॉमी को बढ़ावा देने के लिए कॉलेज प्रबंधन हर संभव प्रयास करने जा रहा है. सेमिनार में मौजूद आयोजन सचिव डॉक्टर महेंद्र कुमार पंत ने कहा कि एनाटॉमी केवल लेक्चरर थिएटर तक सीमित ना रहे, बल्कि सीधे मरीजों तक इसका लाभ पहुंचे इसके लिए जरूरी है कि डायग्नोस्टिक सिस्टम को इस्तेमाल किया जाए.

देहरादून: राजधानी देहरादून के राजकीय दून मेडिकल कॉलेज और नेशनल कॉन्फ्रेंस सोसाइटी ऑफ क्लीनिकल एनाटॉमिस्ट (National Conference Society of Clinical Anatomists) के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार की शुरुआत हो गई है. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ हेमचंद्र पांडे पहुंचे और विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. सेमिनार के पहले दिन क्लिनिकल एनाटॉमी से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई.

सेमिनार का शुभारंभ एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ हेमचंद्र पांडे और दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना ने किया. इस मौके पर डॉ हेमचंद्र पांडे ने कहा कि मेडिकल साइंस में एनाटॉमी का महत्वपूर्ण स्थान होता है. उन्होंने बताया कि एनाटॉमी का बेहतर ज्ञान बीमारी के इलाज के साथ ही शल्यक्रिया की सफलता में सहायक सिद्ध होता है. डॉ. पांडे के अनुसार शारीरिक संरचना और अंगों की वस्तुस्थिति से रोगों की पहचान में भी आसानी होती है.
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प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने कहा कि कॉलेज में भ्रूण विज्ञान से संबंधित एक सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया जा रहा है. उन्होंने दून मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग का मॉडर्नाइजेशन किए जाने पर जोर देते हुए कहा कि क्लीनिकल एनाटॉमी को बढ़ावा देने के लिए कॉलेज प्रबंधन हर संभव प्रयास करने जा रहा है. सेमिनार में मौजूद आयोजन सचिव डॉक्टर महेंद्र कुमार पंत ने कहा कि एनाटॉमी केवल लेक्चरर थिएटर तक सीमित ना रहे, बल्कि सीधे मरीजों तक इसका लाभ पहुंचे इसके लिए जरूरी है कि डायग्नोस्टिक सिस्टम को इस्तेमाल किया जाए.

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