देहरादून: पिछले महीने दिल्ली के एक ट्रांसपोर्टर कुलदीप सिंह दीगरा(गुड़गांव) ने आईईएलटीएस की परीक्षा में हुई गड़बड़ी की शिकायत दर्ज करवाई थी. इसके साथ ही परीक्षा देने वाले कुछ अभ्यर्थियों ने इस मामले में शिकायती पत्र भी एसआईटी को दिया था. जिसमें आईईएलटीएस एग्जाम में गड़बड़ी का बात कही गई थी. जिस पर जांच शुरू करते हुए एसटीएफ ने IELTS परीक्षा की OMR शीट से छेड़खानी करने वाले तीन नकल माफिया को अरेस्ट किया है.
इस तरह की गई आंसर शीट के साथ हेराफेरी: एसटीएफ की शुरुआती जांच में पाया गया कि 25 फरवरी को आईडीपी (इंटरनेशनल डेवलपमेंट प्रोगाम) द्वारा होटल एमजे पोर्टिगो, नेहरू कॉलोनी देहरादून में IELTS की परीक्षा आयोजित कराई गई थी. परीक्षा में 171 अभ्यर्थी सम्मिलित हुये थे. परीक्षा होने के बाद अभ्यर्थियों की ओएमआर और आन्सर शीट को सूटकेस में सील कर आईडीपी कार्यालय गुड़गांव में डिलीवर करने के लिए ब्लू डार्ट कूरियर सर्विस कार्यालय निरंजनपुर पटेलनगर देहरादून को दिया गया. ब्लू डार्ट कोरियर कम्पनी को इस वाहन के डिजिटल लॉक में छेड़छाड़ होने की सूचना प्राप्त हो गई थी. इस सूचना को आईडीपी कम्पनी से साझा किया गया. लेकिन दोनों ही कम्पनियों द्वारा इस सम्बन्ध में एक दूसरे पर विधिक कार्रवाई करने की जिम्मेदारी थोप दी गई.
आंसर शीट में पाई गई टेम्परिंग: जांच के दौरान परीक्षा आयोजित कराने वाली कम्पनी आईडीपी के प्रतिनिधि जयदीप सिंह से पूछताछ की गई. जिसमें उन्होंने बताया कि ब्लू डार्ट से लॉक टेम्परिंग की मेल मिलने के बाद हमारी इन्वेस्टीगेशन टीम द्वारा 171 अभ्यर्थियों की ओएमआर और आंसर शीट चेक की गई. जिसमें 15 अभ्यर्थियों की शीट में टेम्परिंग पाई गई. इन 15 अभ्यर्थियों के बारे में जांच की गई तो पता चला कि ये अभ्यर्थी परीक्षा के दौरान 4 अलग-अलग इंस्टिट्यूट संचालकों के सम्पर्क में थे. जो कि आईईएलटीएस की कोचिंग करवाते हैं, जिनकी जांच एसटीएफ द्वारा की जा रही है.
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तीन आरोपियों के पकड़ा: एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि एसटीएफ की टीम ने जितेंद्र, साहिल और शब्बीर खान को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही एसटीएफ द्वारा इस परीक्षा में नकल करने वाले अभ्यर्थियों और कोचिंग सेन्टर के संचालकों की जांच की जा रही है. पकड़े गये अभियुक्त साहिल कुमार द्वारा बताया गया कि वे इस काम को साल 2021 से कर रहे थे. अब तक 6 से 7 बार ऐसा कार्य करके कई अभ्यर्थियों को पास करवा चुके हैं. पुलिस टीम को दस हजार रुपये इनाम की घोषणा की गई है.
IELTS परीक्षा क्या है: भारत में आईडीपी IELTS (International English Language Testing System) एम्जाम के लिए रजिस्ट्रेशन करवाती है. यह एक इंग्लिश लैंग्वेज टेस्ट है. इसकी आवश्यकता विदेश में पढ़ाई करने जाने वाले छात्रों को होती है. विदेश में पढ़ाई के लिये अकादमिक IELTS और वर्क वीजा या परमानेंटली उन देशों में बसने के लिए जनरल पेपर्स IELTS एग्जाम देना होता है. IELTS एग्जाम हर महीने में 04 और साल में 48 बार अलग-अलग तारीखों पर होता है. इस एग्जाम को पास करने पर एक सर्टिफिकेट दिया जाता है, जो 2 वर्ष के लिए मान्य होता है.
वर्तमान में पूरे भारत वर्ष में आईडीपी कम्पनी (maoni Devlopment Programmes) IELTS के एग्जाम करा रही है. आईडीपी की देहरादून में आयोजित होने वाली IELTS परीक्षा कराने की जिम्मेदारी प्लेनेट कम्पनी को दी है. ओएमआर शीट को आईडीपी के कार्यालय गुड़गांव तक सुरक्षित पहुंचाने का अनुबन्ध ब्लू डार्ट कम्पनी से किया गया है.
किस तरह से किया गया पेपर लीक: एसटीएफ की टीम द्वारा कन्टेनर चालक जितेन्द्र को हिरासत में लेकर कार्यालय से पूछताछ की गयी तो उसने बताया कि इस परीक्षा के कुछ रोज पहले समिन्दर मण्डी, साहिल कुमार और एक अन्य तीन व्यक्तियों ने उसे बुलाकर 25 फरवरी और 11 मार्च को होने वाली IELTS परीक्षाओं की ओएमआर शीट कुछ देर के लिये उन्हें सुपुर्द करने की एवज में तीन लाख रुपये देने तय किये थे. इस काम के लिये अपने ब्लू डार्ट कम्पनी के मैनेजर शब्बीर खान को भी साथ में मिला लिया.
पूरा रैकेट था सक्रिय: उसके बाद 25 फरवरी को देहरादून से रवाना होकर मोहन्ड का जंगल पार करते गाड़ी की साइड में खड़ा कर दिया. वहां पर समिन्दर मण्डी और साहिल ने गाड़ी के पीछे लगे लॉक को पेचकस के माध्यम से खोलकर उसके अन्दर रखी आईलेट्स के पेपर का सूटकेस अपने कब्जे में ले लिया और आगे-आगे चलकर दिल्ली बॉर्डर पर मिलने को कहा. दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचने पर समिन्दर मण्डी और साहिल द्वारा ओएमआर शीट वाला सूटकेस फिर ट्रक में रखकर लॉक लगा दिया गया. कन्टेनर गाड़ी में आईलेट्स वाला कोरियर कहां पर रखा गया है, इस बात की जानकारी कम्पनी के शब्बीर खान द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से समिन्दर मण्डी को दी जाती. फिर ये पूरे कन्टेनर में से उसी बैग को खोलते थे, जिसमें पेपर वाला सूटकेस रखा गया होता था.
जीजा साला ने किया पूरा खेल: पकड़े गये साहिल ने बताया कि समिन्दर मेरा सगा जीजा है. इसमें सारा गेम प्लान जीजा समिन्दर का होता है. समिन्दर की ही ड्राइवर जितेंद्र और शब्बीर खान से गाड़ी का लॉक खोलकर पेपर में बदलाव करने की सेटिंग की बात हुयी थी. 25 फरवरी को उसके द्वारा गाड़ी के ड्राइवर जितेन्द्र से सम्पर्क करके उसे मोहन्ड के पास रुकवा दिया. वहां पर अपने कंडीडेट्स को साथ ले जा कर गाड़ी से परीक्षा का सूटकेस को निकाल कर उसमें से जो अभ्यर्थी हमारे साथ आये उनकी कॉपियों को निकालकर वह कापियां दोबारा उनको दी गईं. इसके बाद अभ्यर्थियों से उनके आंसर सही करवा दिए. साथ ही जो गलतियां थी, वह उन्होंने ठीक करवा दी और जो अभ्यर्थी नहीं आये थे, उनकी आन्सर शीट को अन्य की आंसर शीट से चेंज करवा दिया.
ओएमआर शीट बदलने पर कमाते थे लाखों रुपए: उसके बाद उन कापियों को दोबारा उसी तरह से वापस सूटकेस में बंद करके ब्लू डार्ट की गाड़ी में रख दिया. इस काम के लिये ब्ल्यू डार्ट वाला शब्बीर खान हमसे 50 हजार रुपये और गाड़ी का ड्राइवर जितेन्द्र तीन लाख रुपए लेता था. आईलेट्स के पेपर में पेन्सिल का प्रयोग ज्यादा होता है. हम लोग एक ओएमआर शीट को अन्य बच्चों की ओएमआर शीट के साथ आसानी से बदल देते हैं. उसने बताया कि जो आईलेट्स की कोचिंग सेन्टर चलाते हैं, उनके साथ समिन्दर मण्डी के अच्छे सम्पर्क हैं. वो ही बच्चों को उपलब्ध कराते हैं और प्रत्येक बच्चे से 02 से 03 लाख रुपये लेकर कोचिंग सेन्टर वाला उनको देता है. एसटीएफ की टीम को 10 हजार रुपए इनाम देने की घोषणा की गई है.