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देहरादून के इस क्षेत्र में 'महामारी' की दोहरी मार

देहरादून के ग्रामीण इलाके कड़वापानी क्षेत्र में लोग मवेशियों के शवों को फेंके जाने से परेशान है.

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देहरादून में महामारी
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Published : Mar 23, 2020, 4:42 PM IST

Updated : Mar 23, 2020, 7:27 PM IST

देहरादून: महामारी के खौफ के बीच देहरादून के लोगों में एक और महमारी का खौफ सता रहा है. देहरादून के ग्रामीण इलाके कारबारी ग्रांट के कड़वापानी क्षेत्र में लोग मवेशियों के शवों को फेंके जाने से परेशान है. स्थानीय लोगों का कहना है कि एक तरफ कोरोना वायरस का खतरा है तो दूसरी तरफ कुछ लोग इलाके में मवेशियों के शव फेंक जाते हैं. जिसके वजह हो रही दुर्गंध महामारी को दावत दे रही है.

दरअसल, कड़वापनी क्षेत्र के गौ-सदन में पर्याप्त सुविधा ना होने के चलते कई मवेशियां दम तोड़ देती हैं, जिसके बाद गौ-सदन के लोग मवेशियों के शवों को ग्रामीण क्षेत्र के पास फेंक देते हैं, जो इलाके में महामारी को दावत दे रहा है. मवेशियों के शव जंगल किनारे फेंकने से ग्रामीण नाराज हो गए और गौ सदन के बाहर जमकर हंगामा किया. हंगामे की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों को शांत कराया.

'महामारी' को दोहरी मार!

ये भी पढ़ें: सीएम रावत का आदेश, लॉकडाउन का हो सख्ती से पालन

स्थानीय लोगों का आरोप है कि लंबे समय से गौ-सदन में पर्याप्त जगह ना होने के कारण मवेशियों को मरने के लिए छोड़ दिया जा रहा है. जबकि मवेशियों के रख रखाव के लिए गौ-सदन नगर निगम से मोटी रकम वसूलता है. वहीं, आरोपों पर बोलते हुए गौ सदन के संचालक का कहना है कि उनकी तरफ से किसी तरह की लापरवाही नहीं की जा रही है. उनके पास दुर्घटनाग्रस्त और सड़कों पर बीमार मवेशियों को नगर निगम पहुंचाता है, ऐसे में मवेशियों के शवों को फेंकने के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

देहरादून: महामारी के खौफ के बीच देहरादून के लोगों में एक और महमारी का खौफ सता रहा है. देहरादून के ग्रामीण इलाके कारबारी ग्रांट के कड़वापानी क्षेत्र में लोग मवेशियों के शवों को फेंके जाने से परेशान है. स्थानीय लोगों का कहना है कि एक तरफ कोरोना वायरस का खतरा है तो दूसरी तरफ कुछ लोग इलाके में मवेशियों के शव फेंक जाते हैं. जिसके वजह हो रही दुर्गंध महामारी को दावत दे रही है.

दरअसल, कड़वापनी क्षेत्र के गौ-सदन में पर्याप्त सुविधा ना होने के चलते कई मवेशियां दम तोड़ देती हैं, जिसके बाद गौ-सदन के लोग मवेशियों के शवों को ग्रामीण क्षेत्र के पास फेंक देते हैं, जो इलाके में महामारी को दावत दे रहा है. मवेशियों के शव जंगल किनारे फेंकने से ग्रामीण नाराज हो गए और गौ सदन के बाहर जमकर हंगामा किया. हंगामे की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों को शांत कराया.

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स्थानीय लोगों का आरोप है कि लंबे समय से गौ-सदन में पर्याप्त जगह ना होने के कारण मवेशियों को मरने के लिए छोड़ दिया जा रहा है. जबकि मवेशियों के रख रखाव के लिए गौ-सदन नगर निगम से मोटी रकम वसूलता है. वहीं, आरोपों पर बोलते हुए गौ सदन के संचालक का कहना है कि उनकी तरफ से किसी तरह की लापरवाही नहीं की जा रही है. उनके पास दुर्घटनाग्रस्त और सड़कों पर बीमार मवेशियों को नगर निगम पहुंचाता है, ऐसे में मवेशियों के शवों को फेंकने के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

Last Updated : Mar 23, 2020, 7:27 PM IST
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