देहरादून: उत्तराखंड में दो नेताओं की लड़ाई न केवल राज्य बल्कि बाहर भी खूब चर्चाओं में रहती है. यह नेता हैं हरिद्वार के खानपुर से वर्तमान निर्दलीय विधायक उमेश कुमार (पूर्व पत्रकार) और इसी सीट से पूर्व विधायक और बीजेपी के नेता कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन. दोनों ही एक दूसरे की कमियां ढूंढते हुए सोशल मीडिया पर खूब पोस्ट करते हैं. आए दिन अपने बयानों को लेकर भी ये दोनों नेता चर्चाओं में बने रहते हैं. अब एक बार फिर से एमएलए उमेश कुमार की चर्चा उठी है.
विधायक के खिलाफ कार्रवाई के आदेश क्यों? दरअसल, विधायक उमेश कुमार के खिलाफ केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. भारत सरकार के केंद्रीय मंत्रालय द्वारा राजस्व विभाग की तरफ से उत्तराखंड के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर विदेशी मुद्रा मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कहा है कि उमेश कुमार के खिलाफ जो पुराना मामला विदेशी मुद्रा यानी Money laundering का चल रहा है, उस पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जाए. मुख्य सचिव को ये पत्र 29 मार्च 2023 को प्राप्त हुआ है.
ये कार्रवाई के निर्देश इसलिए भी दिए गये हैं क्योंकि 2 दिसंबर 2022 को पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने भारत सरकार को उमेश कुमार के खिलाफ एक पत्र लिखकर शिकायत की थी. इस पत्र में कहा गया था कि उमेश कुमार के खिलाफ उत्तराखंड समेत तमाम राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं और उनके पास कुछ साल पहले अवैध विदेशी मुद्रा भी मिली थी. लेकिन राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने इस पर कोई भी एक्शन नहीं लिया.
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चैंपियन ने PMO को भेजा था लेटर: पीएमओ ने पहले कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के पत्र को वित्त मंत्रालय भेजा और उसके बाद वित्त मंत्रालय ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव को इसमें आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही यह पत्र डायरेक्टर ईडी और कमिश्नर सीबीआईसी (केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड) और सीबीडीटी (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) को भेजा गया है. प्रणव सिंह चैंपियन ने अपने पत्र में ये भी कहा था कि बीजेपी की त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल के दौरान उमेश कुमार के घर पर बाकायदा छापेमारी भी की गई थी, लेकिन उस छापेमारी के बाद कोई भी कार्रवाई नहीं हुई जबकि उमेश कुमार के पास अवैध रूप से अकूत संपत्ति है जिसकी जांच चल रही है.
चैंपियन को कार्रवाई की उम्मीद: इसके बाद अब उमेश कुमार और प्रणव सिंह चैंपियन के बीच जुबानी जंग और भी तेज हो गई है. इस बात की पुष्टि करते हुए प्रणव सिंह चैंपियन का कहना है कि प्रधानमंत्री कार्यालय को उन्होंने सारे दस्तावेजों के साथ पत्र लिखा था, लेकिन राज्य सरकार के अधिकारी किसी दबाव के चलते कार्रवाई की फाइल दबा रहे थे. अब प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से राज्य सरकार को पत्र लिखा गया है और उम्मीद है कि इस पूरे मामले पर जल्द ही कोई कार्रवाई होगी.
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उमेश शर्मा ने बताया रूटीन प्रक्रिया: इस मामले पर ईटीवी भारत ने विधायक उमेश कुमार से फोन पर बात की. उनका कहना है कि इस तरह के पत्राचार होते रहते हैं. ये जरूर है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के दौरान उनके घर में छापेमारी हुई थी और जो भी कुछ मिला था उस मामले में 21 दिसंबर 2018 को उन्हें पहला नोटिस विभाग द्वारा दिया गया था. लेकिन जांच के दौरान ऐसा कोई मामला उनके खिलाफ न तो मिला और न ही बनता है. उमेश कुमार ने कहा कि ये जो भी पत्राचार हो रहा है वो रूटीन प्रक्रिया है. अगर आगे किसी जांच या जांच में सहयोग के लिए उनको बुलाया जाएगा तो वो हाजिर रहेंगे.
उमेश-चैंपियन की पुरानी लड़ाई: कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और उमेश कुमार की लड़ाई की एक वजह ये भी है कि जिस खानपुर विधानसभा से मौजूदा समय में विधायक उमेश कुमार विधायक हैं, वहीं से चार बार से अपनी विधायकी की मजबूत जीत को लेकर कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन राज्य में राजनीति में सक्रिय रूप से चर्चाओं में रहे हैं. उमेश कुमार की जीत पर कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन कहते रहे हैं कि छल-बल से उमेश कुमार ने भोली भाली गांव की जनता को भ्रमित किया है और वो उनकी विधायकी को चुनौती देते रहेंगे.