देहरादून: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच देवस्थानम बोर्ड ने श्रद्धालुओं के लिए शर्तों के साथ चारधाम यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया है. जिसके बाद गंगोत्री और केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने इस निर्णय का पुरजोर विरोध किया है. ऐसे में कांग्रेस भी सरकार पर पलटवार करने से नहीं चूकी.
देवस्थानम् बोर्ड के फैसलों का विरोध कर रहे तीर्थ पुरोहितों पर सीएम त्रिवेंद्र रावत का कहना है कि चारधाम यात्रा सभी के लिए खोले जाने का तीर्थ पुरोहित विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि कांग्रेस के पदाधिकारी कर रहे हैं. इसपर कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि मुख्यमंत्री का यह बयान उनकी बौखलाहट का नतीजा है. उन्होंने कहा कि किसी के लिए भी कांग्रेसी होना गर्व की बात है, क्योंकि कांग्रेस का 145 सालों का गौरवशाली इतिहास रहा है.
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उन्होंने कहा कि भाजपा की यह मानसिकता हो गई है कि जो भी उनकी बात से सहमत नहीं होता वो या तो देशद्रोही होता है या फिर कांग्रेसी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आजकल इसलिए बौखलाए हुए हैं, क्योंकि एक तो राज्य की नौकरशाही उनकी बात नहीं सुन रही है. दूसरा जिन तीर्थ पुरोहितों को बीजेपी अपना बंधुआ मजदूर समझती थी, वो तीर्थ पुरोहित कोरोनाकाल में जबरदस्ती यात्रा शुरू करवाए जाने का विरोध कर रहे हैं. धस्माना ने कहा कि मुख्यमंत्री देवस्थानम् बोर्ड की लड़ाई को अपनी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा की लड़ाई बनाकर बैठे हुए हैं.