दिल्ली/देहरादून: जोशीमठ भूधंसाव मामले (joshimath landslide case) पर सुप्रीम कोर्ट से बड़ी खबर आई है. सुप्रीम कोर्ट ने जोशीमठ भूधंसाव मामले पर जल्द सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने मामले में याचिकाकर्ता को केस को मेंशनिंग लिस्ट में शामिल करवाने के निर्देश दिये हैं. मेंशनिंग लिस्ट में शामिल होने के बाद ही इस मामले पर सुनवाई पर विचार किया जाएगा.
बता दें जोशीमठ और आसपास के क्षेत्र में भू-धंसाव का मामले में ज्योतिषपीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी. याचिका में जोशीमठ में भूमि धंसाव की घटना को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और प्रभावित परिवारों को राज्य सरकार द्वारा त्वरित राहत देने और पुनर्वास की व्यवस्था करने की मांग की गई है.
पढे़ं- जोशीमठ में दहशत की 'दरार', जिस भवन में रुके हैं अधिकारी, उसी की हालत 'नाजुक'
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा ज्योर्तिमठ में भी दीवारों में दरारें आ गई हैं और जमीन भी धंस रही है. इतना ही नहीं नृसिंह मंदिर की दीवारों में भी दरारें आने लग गई हैं. जब कोई विद्वान आपकी सुरक्षा के लिए कोई बात या फिर अध्ययन करके किसी चीज को समाज के सामने रखता है, तब उसकी बातों को हंसी में उड़ा दिया जाता है. उन्हें विकास विरोधी बताया जाता है. उन्होंने कहा विकास के नाम पर जो विनाश होने की संभावनाएं होते हैं, उस विकास के विरोधी हम हैं.
पढे़ं- जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर PMO में हाईलेवल मीटिंग, ग्राउंड जीरो पर अधिकारियों ने संभाला मोर्चा
जोशीमठ में अब तक कुल 603 भवनों में दरारें (cracks in joshimath) आई हैं. जिसमें रविग्राम के 161, गांधीनगर के 134, परसारी के 51, लोअर बाजार के 24, सिंगधार के 56, मनोहर बाग के 80, अपर बाजार के 31 घरों में दरारें आई हैं.शहर में घरों और सड़कों पर पड़ी दरारें लगातार चौड़ी होती जा रही (land subsidence in Joshimath) है. इलाके में भू-धंसाव से प्रभावित लोगों के घरों पर लाल क्रॉस के निशान लगाए जा रहे हैं. वहीं, सूत्रों का कहना है कि सीएसआईआर-केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान की टीम ने जोशीमठ भू-धंसाव वाले इलाके में दरार पड़ी भवनों का भी निरीक्षण किया है. जिन्हें जल्द टीम तोड़ सकती है.
सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट की एक टीम मुआवजे के लिए इमारतों को हुए नुकसान का जायजा लेने जोशीमठ भू-धंसाव क्षेत्र का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट तैयार कर रही है. सीएम धामी के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम का कहना है कि जिस क्षेत्र को तुरंत खाली करने की जरूरत है उसे 'डेंजर जोन' के रूप में नामित किया गया है. जो क्षेत्र जल्द ही असुरक्षित हो सकता है वह है 'बफर जोन' और तीसरा वह है जो पूरी तरह से सुरक्षित है.