नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें नैनीताल हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें कथित तौर पर टेंडर के मानकों की अनदेखी कर एक ही ठेकेदार को पार्किंग ठेका दिए जाने और मामले की जांच सीबीआई को करने का निर्देश दिया गया था. इस मामले में सिंचाई विभाग के कुछ इंजीनियर्स और पार्किंग पर काम करने वाली कंपनी संचालक के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है.
मामले में न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने कहा कि 'हमें यकीन है कि सीबीआई नैनीताल हाईकोर्ट की ओर से दिए गए आदेश पर निष्पक्ष तरीके से जांच करेगी. मामले में देखा गया है कि विशेष अनुमति याचिकाएं खारिज की जाती हैं. लंबित आवेदनों का भी निस्तारण किया जाए.' वहीं, सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता राज्य सरकार की तरफ से पेश हुए.
पंतदीप पार्किंग घोटाले को जानिएः दरअसल, साल 2019 में हरिद्वार में पंतदीप पार्किंग का आवंटन किया गया था. इसके लिए सिंचाई विभाग की भूमि को आवंटित किया गया था. नियम और शर्तों के अनुसार, इस भूमि का आवंटन 3 साल के लिए करीब 8 लाख रुपए में किया जाना था, लेकिन आरोप है कि इस भूमि को 629 दिन ज्यादा आवंटित कर दिया गया.
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टेंडर प्रक्रिया को हाईकोर्ट में दी गई चुनौती: वहीं, हरिद्वार के अशोक कुमार ने मामले में नैनीताल हाईकोर्ट एक याचिका दायर कर टेंडर प्रक्रिया को चुनौती दी. याचिकाकर्ता का कहना था कि पंतदीप पार्किंग के ठेके का समय पूरा हो चुका था. इसके बाद भी नया टेंडर नहीं निकलवाया गया. इतना ही नहीं पहले के ही ठेकेदार को ठेका दे दिया गया. जबकि, नियमानुसार ठेका खत्म होने के बाद नया टेंडर निकाला जाता है.
वहीं, याचिकाकर्ता ने ठेका रद्द करने और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी. बीते 20 अक्टूबर को दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया. जिसमें हाईकोर्ट ने मामले की सीबीआई से जांच कराने के निर्देश दे दिए. इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने ठेकेदार पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया था. साथ ही राज्य सरकार की एक्शन टेकन रिपोर्ट को रद्द कर दिया था.
नैनीताल हाईकोर्ट ने ठेकेदार को कोरोना काल में दिए गए ठेके के विस्तार को गलत ठहराया. इसके बाद मामले में जांच करते हुए सीबीआई केस दर्ज कर चुकी है. साथ ही हरिद्वार और देहरादून के कुछ जगहों पर छापेमारी भी कर चुकी है. खास बात ये कि सीबीआई ने नामजद केस दर्ज किया है. उधर, हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. जहां से उत्तराखंड सरकार को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है.