देहरादूनः राज्य आंदोलनकारी 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की मांग को लेकर मुखर हैं. राज्य आंदोलनकारी मंच के तत्वाधान में आंदोलनकारी शहीद स्मारक पर धरने और उपवास पर बैठे हुए हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया है.
आज देहरादून शहीद स्मारक स्थल पर विकासनगर से रामकिशन, यमकेश्वर से महिमानंद भटकोटी, चिन्यालीसौड़ से पंकज रावत, कोटद्वार मनोज जोशी से क्रांति कुकरेती और देहरादून से अंबुज शर्मा और विकास रावत धरने पर बैठे. इस दौरान राज्य आंदोलनकारी प्रदीप कुकरेती ने कहा कि यह आंदोलनकारी, कर्मचारियों के सम्मान और अस्तित्व दोनों की लड़ाई है. इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने के लिए संघर्ष किया जाना बेहद जरूरी है.
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उन्होंने कहा कि सरकार राज्य आंदोलनकारियों की मांग को अनसुना कर रही है. जिन लोगों को राजकीय सेवा में होना चाहिए था, वो अपने घर बार और कार्यालय छोड़कर धरने पर बैठे हैं. प्रदेश सरकार ने 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण (10 percent horizontal reservation in Uttarakhand) को क्रियान्वित करने और एक्ट को लागू करने का वादा किया था, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. जो दुर्भाग्य की बात है.
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राज्य आंदोलनकारी मंच (state agitators forum) का कहना है कि विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री से कई बार इस विषय में बातचीत की गई थी. मामले में मुख्यमंत्री की पहल पर मंत्री परिषद ने अंतिम बैठक में राज्यपाल से राजभवन में हस्ताक्षर का आग्रह भी किया, लेकिन अभी भी इस विषय में कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है, इसलिए विवश होकर उन्हें आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ रहा है.