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बैक डोर नियुक्ति जांच: विधानसभा अध्यक्ष ने लिया चार्ज, एक महीने में सामने आएगा सच, ये होगी टीम - देहरादून लेटेस्ट हिंदी न्यूज

विदेश से लौटने के बाद विधानसभा स्पीकर ऋतु खंडूड़ी सीधे देहरादून पहुंचीं और प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. ऋतु खंडूड़ी ने साफ कहा कि विधानसभा की गरिमा को बचाना उनका कर्तव्य है, विधानसभा की छवि पर जो सवाल उठ रहे हैं उसके लिए तीन जानकारों की विशेषज्ञ समिति बनाई गई है जो बैक डोर भर्ती की जांच करेगी. एक महीने में इसकी रिपोर्ट आएगी. वहीं, जांच प्रभावित न हो इसके लिए विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को एक महीने के अवकाश पर भेज दिया गया है.

speaker ritu khanduri
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी
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Published : Sep 3, 2022, 2:31 PM IST

Updated : Sep 3, 2022, 4:20 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा बैक डोर भर्ती मामले को लेकर मचे घमासान के बीच पहली बार विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी (Assembly Speaker Ritu Khanduri) ने मीडिया के सामने अपनी बात रखी. विदेश दौरे से लौटने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने पत्रकारों से सवालों के सीधे जवाब दिए. उन्होंने बताया कि भर्ती जांच को लेकर उन्होंने दो बड़े फैसले लिए हैं. पहला फैसला विशेषज्ञ समिति बनाने का है और दूसरा विधानसभा सचिव को छुट्टी पर भेजने का.

ऋतु खंडूड़ी ने उत्तराखंड विधानसभा में साल 2000 से अबतक हुई भर्तियों की जांच कराने की घोषणा की. पहली जांच 2012 से 2022 तक की नियुक्तियों की होगी. इस जांच के लिए एक महीने का समय निर्धारित किया गया है. दूसरे फेज में 2000 से 2011 तक की भर्तियों की जांच होगी. इस एक्सपोर्ट कमेटी में दिलीप कुमार कोठिया को अध्यक्ष, सुरेंद्र सिंह रावत को सदस्य और अविनेंद्र सिंह नयाल को सदस्य बनाया गया है. इसके साथ ही विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को एक महीने के अवकाश पर भेज दिया गया है.
इसे भी पढ़ें- विधानसभा बैक डोर भर्ती: एक महीने में जांच करेगी एक्सपर्ट कमेटी, छुट्टी पर भेजे गए सचिव मुकेश सिंघल

ऋतु खंडूड़ी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि इन घोटालों से विधानसभा की गरिमा गिरी है. युवाओं को ऋतु खंडूड़ी ने नियुक्ति को लेकर निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है. ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि, वो प्रधानमंत्री मोदी की टैग लाइन- न खाऊंगा, न खाने दूंगा पर काम करती हैं. वो विधानसभा की सुचिता बरकरार रखने के लिए न खाएंगी और न किसी को खानें देंगी क्योंकि विधानसभा की छवि पर वो दाग नहीं लगने देंगी. बता दें कि, बैक डोर भर्ती को लेकर बुरी तरह घिरने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने ऋतु खंडूड़ी से इस मामले में हाई लेवल निष्पक्ष जांच करने को कहा है.
पढ़ें- संवैधानिक अधिकारों को चुनौती देती उत्तराखंड विधानसभा की नियुक्तियां, जानिए नियमावली

बीजेपी है निशब्द: दरअसल, उत्तराखंड विधानसभा में मनमाफिक भर्ती मामले को लेकर मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. आलम यह है कि जिस तरह भाजपा-आरएसएस के नेताओं के रिश्तेदारों और करीबियों के नाम इस भर्ती में आ रहे हैं, उसके बाद कांग्रेस लगातार हमलावर है. हालांकि, इसमें कोई दो राय नहीं कि भर्तियां कांग्रेस के समय में भी इसी तरह हुईं. लेकिन जिस तरह से बीजेपी सरकार में भर्तियों को लेकर अनियमितताएं बरती गईं, उसके बाद सरकार सवालों के कटघरे में खड़े हो गई है. हालांकि, खास बात ये है कि सीएम धामी विधानसभा भर्ती मामले की जांच करवाने की बात कह चुके हैं. इधर बीजेपी और संघ से जुड़े नेता इस मामले पर कुछ बोल नहीं पा रहे हैं.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा बैक डोर भर्ती मामले को लेकर मचे घमासान के बीच पहली बार विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी (Assembly Speaker Ritu Khanduri) ने मीडिया के सामने अपनी बात रखी. विदेश दौरे से लौटने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने पत्रकारों से सवालों के सीधे जवाब दिए. उन्होंने बताया कि भर्ती जांच को लेकर उन्होंने दो बड़े फैसले लिए हैं. पहला फैसला विशेषज्ञ समिति बनाने का है और दूसरा विधानसभा सचिव को छुट्टी पर भेजने का.

ऋतु खंडूड़ी ने उत्तराखंड विधानसभा में साल 2000 से अबतक हुई भर्तियों की जांच कराने की घोषणा की. पहली जांच 2012 से 2022 तक की नियुक्तियों की होगी. इस जांच के लिए एक महीने का समय निर्धारित किया गया है. दूसरे फेज में 2000 से 2011 तक की भर्तियों की जांच होगी. इस एक्सपोर्ट कमेटी में दिलीप कुमार कोठिया को अध्यक्ष, सुरेंद्र सिंह रावत को सदस्य और अविनेंद्र सिंह नयाल को सदस्य बनाया गया है. इसके साथ ही विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को एक महीने के अवकाश पर भेज दिया गया है.
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ऋतु खंडूड़ी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि इन घोटालों से विधानसभा की गरिमा गिरी है. युवाओं को ऋतु खंडूड़ी ने नियुक्ति को लेकर निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है. ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि, वो प्रधानमंत्री मोदी की टैग लाइन- न खाऊंगा, न खाने दूंगा पर काम करती हैं. वो विधानसभा की सुचिता बरकरार रखने के लिए न खाएंगी और न किसी को खानें देंगी क्योंकि विधानसभा की छवि पर वो दाग नहीं लगने देंगी. बता दें कि, बैक डोर भर्ती को लेकर बुरी तरह घिरने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने ऋतु खंडूड़ी से इस मामले में हाई लेवल निष्पक्ष जांच करने को कहा है.
पढ़ें- संवैधानिक अधिकारों को चुनौती देती उत्तराखंड विधानसभा की नियुक्तियां, जानिए नियमावली

बीजेपी है निशब्द: दरअसल, उत्तराखंड विधानसभा में मनमाफिक भर्ती मामले को लेकर मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. आलम यह है कि जिस तरह भाजपा-आरएसएस के नेताओं के रिश्तेदारों और करीबियों के नाम इस भर्ती में आ रहे हैं, उसके बाद कांग्रेस लगातार हमलावर है. हालांकि, इसमें कोई दो राय नहीं कि भर्तियां कांग्रेस के समय में भी इसी तरह हुईं. लेकिन जिस तरह से बीजेपी सरकार में भर्तियों को लेकर अनियमितताएं बरती गईं, उसके बाद सरकार सवालों के कटघरे में खड़े हो गई है. हालांकि, खास बात ये है कि सीएम धामी विधानसभा भर्ती मामले की जांच करवाने की बात कह चुके हैं. इधर बीजेपी और संघ से जुड़े नेता इस मामले पर कुछ बोल नहीं पा रहे हैं.

Last Updated : Sep 3, 2022, 4:20 PM IST
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