देहरादून: उत्तराखंड चारधाम के कपाट खुलने की तिथि निर्धारित हो गयी है. 26 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट और 30 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे, तो वहीं 21 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन बाबा केदारनाथ के कपाट खोलने की तिथि घोषित की जाएगी. इसे देखते हुए शासन स्तर पर तैयारियां तेज हो गई हैं. यही नहीं चारधाम देवस्थानम बोर्ड के एग्जीक्यूटिव काउंसिल के गठन को लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक की जाएगी.
चारधाम देवस्थानम बोर्ड की अधिसूचना जारी होते ही अस्तित्व में आ गया है. इसके बाद अब एक्ट में दिए गए प्रावधान के अनुसार एग्जीक्यूटिव काउंसिल का गठन होना है, जो मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक कर गठन किया जाएगा. इस संबंध में पहला शासनादेश जल्द ही जारी किया जाएगा. साथ ही चारधाम देवस्थानम बोर्ड की संरचना बनने के बाद संबंधित सदस्यों को नियुक्त किया जाएगा. देवस्थानम बोर्ड का स्वरूप तो बदरी केदार मंदिर समिति की तरह ही होगा, लेकिन मात्र बोर्ड का नाम बदल जाएगा. इसी तरह देवस्थानम बोर्ड में शामिल सभी अन्य मंदिरों की परंपराओं को भी यथावत रखा जाएगा.
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पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि चारधाम यात्रा से ही उत्तराखंड की पहचान है. लिहाजा मुख्य फोकस चारधाम यात्रा की व्यवस्था को व्यवस्थित करना है. हालांकि अभी तक चारधाम यात्रा में कोई व्यवधान उत्पन्न नहीं हुआ है और ना ही आगे उत्पन्न होगा. चारधाम की व्यवस्था सही ढंग से इस बोर्ड के अधीन आ जाये इसकी कोशिश है. साथ ही देवस्थानम बोर्ड लागू होने से चारधाम की व्यवस्थाओं में कोई कमी नहीं आएगी. वर्तमान समय में बदरी केदार मंदिर समिति पूर्ण रूप से चारधाम की व्यवस्थाओं पर काम कर रही है.