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उत्तराखंड: निशानेबाज जसपाल राणा को मिलेगा द्रोणाचार्य पुरस्कार

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Published : Aug 18, 2020, 6:53 PM IST

जसपाल राणा का जन्म 28 जून 1976 को उनके मूल गांव चिलामू, टिहरी गढ़वाल में हुआ. साल 1995 में इटली के मिलान शहर में आयोजित हुए कॉमनवेल्थ गेम्स की शूटिंग स्पर्धा में आठ गोल्ड जीतकर उन्होंने नया रिकॉर्ड बनाया था. उस समय भारत के किसी भी निशानेबाज का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था.

जसपाल राणा
जसपाल राणा

देहरादून: राष्ट्रीय पुरस्कार खेल दिवस के मौके पर इस बार निशानेबाज जसपाल राणा को द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. जसपाल राणा को ओलंपिक कोटा हासिल करने और मनु भास्कर की सफलता करने के लिए इस साल द्रोणाचार्य अवार्ड से नवाजा जाएगा.

पढ़ें- एडवेंचर टूरिज्म की दिशा में उत्तराखंड सरकार का बड़ा कदम, नयार घाटी में भी राफ्टिंग और कयाकिंग शुरू

जसपाल राणा को निशानेबाजी विरासत में मिली है. उनके पिता नारायण सिंह राणा भी एक निशानेबाज रह चुके हैं. साल 1995 के कॉमनवेल्थ गेम्स की शूटिंग चैंपियनशिप में राणा ने गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया था. राणा की बेटी देवांशी राणा भी राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीत चुकी हैं.

अब तक मिले पुरस्कार

  • अर्जुन पुरस्कार 1994,
  • यश भारती पुरस्कार (1994)
  • राजधानी रत्न पुरस्कार
  • इंदिरा गांधी प्रियदर्शिनी पुरस्कार

पिछले साल भी भेजा गया था नाम

भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ ने पिछले साल भी द्रोणाचार्य अवॉर्ड के लिए जसपाल राणा का नाम खेल मंत्रालय को भेजा था, लेकिन उन्हें ये पुरस्कार नहीं मिला था. जिस पर काफी विवाद भी हुआ था. एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता राणा ने मनु भाकर, सौरभ चौधरी और अनीश भानवाला जैसे विश्व स्तरीय निशानेबाज तैयार किए हैं. देहरादून के पौंधा में उनकी शूटिंग एकेडमी भी है, जहां जसपाल राणा अपने पिता नारायण सिंह राणा के साथ मिलकर युवा निशानेबाजों को तैयार कर रहे हैं.

देहरादून: राष्ट्रीय पुरस्कार खेल दिवस के मौके पर इस बार निशानेबाज जसपाल राणा को द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. जसपाल राणा को ओलंपिक कोटा हासिल करने और मनु भास्कर की सफलता करने के लिए इस साल द्रोणाचार्य अवार्ड से नवाजा जाएगा.

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जसपाल राणा को निशानेबाजी विरासत में मिली है. उनके पिता नारायण सिंह राणा भी एक निशानेबाज रह चुके हैं. साल 1995 के कॉमनवेल्थ गेम्स की शूटिंग चैंपियनशिप में राणा ने गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया था. राणा की बेटी देवांशी राणा भी राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीत चुकी हैं.

अब तक मिले पुरस्कार

  • अर्जुन पुरस्कार 1994,
  • यश भारती पुरस्कार (1994)
  • राजधानी रत्न पुरस्कार
  • इंदिरा गांधी प्रियदर्शिनी पुरस्कार

पिछले साल भी भेजा गया था नाम

भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ ने पिछले साल भी द्रोणाचार्य अवॉर्ड के लिए जसपाल राणा का नाम खेल मंत्रालय को भेजा था, लेकिन उन्हें ये पुरस्कार नहीं मिला था. जिस पर काफी विवाद भी हुआ था. एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता राणा ने मनु भाकर, सौरभ चौधरी और अनीश भानवाला जैसे विश्व स्तरीय निशानेबाज तैयार किए हैं. देहरादून के पौंधा में उनकी शूटिंग एकेडमी भी है, जहां जसपाल राणा अपने पिता नारायण सिंह राणा के साथ मिलकर युवा निशानेबाजों को तैयार कर रहे हैं.

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