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चैत्र नवरात्रि का आज दूसरा दिन, देवी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की हो रही पूजा - देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा

आज देवी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा हो रही है. ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी का अर्थ है आचरण करने वाली देवी.

देवी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की हो रही पूजा
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Published : Apr 7, 2019, 4:21 AM IST

देहरादून: चैत्र नवरात्रि का आज दूसरा दिन है. देशभर के मंदिरों में देवी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा हो रही है. देवी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा करने से सभी बिगड़े काम पूरे होते हैं. विजय की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही सभी प्रकार की परेशानियां भी दूर होती हैं.

नवरात्रि के दूसरे दिन देशभर के मंदिरों में भक्तों की तांता लगा हुआ है. लंबी-लंबी लाइनों में लगे भक्तों माता के जयकारा लगा रहे है. पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है.

पढ़ें- देहरादून: गाजियाबाद का पार्षद निकला चोरों का सरदार, पुलिस ने 118 मोबाइल के साथ किया गिरफ्तार

देवी ब्रह्मचारिणी का ध्यान मंत्र

वन्दे वांछित लाभायचन्द्रार्घकृतशेखराम्।
जपमालाकमण्डलु धराब्रह्मचारिणी शुभाम्॥

गौरवर्णा स्वाधिष्ठानस्थिता द्वितीय दुर्गा त्रिनेत्राम।
धवल परिधाना ब्रह्मरूपा पुष्पालंकार भूषिताम्॥

परम वंदना पल्लवराधरां कांत कपोला पीन।
पयोधराम् कमनीया लावणयं स्मेरमुखी निम्ननाभि नितम्बनीम्॥

देहरादून: चैत्र नवरात्रि का आज दूसरा दिन है. देशभर के मंदिरों में देवी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा हो रही है. देवी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा करने से सभी बिगड़े काम पूरे होते हैं. विजय की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही सभी प्रकार की परेशानियां भी दूर होती हैं.

नवरात्रि के दूसरे दिन देशभर के मंदिरों में भक्तों की तांता लगा हुआ है. लंबी-लंबी लाइनों में लगे भक्तों माता के जयकारा लगा रहे है. पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है.

पढ़ें- देहरादून: गाजियाबाद का पार्षद निकला चोरों का सरदार, पुलिस ने 118 मोबाइल के साथ किया गिरफ्तार

देवी ब्रह्मचारिणी का ध्यान मंत्र

वन्दे वांछित लाभायचन्द्रार्घकृतशेखराम्।
जपमालाकमण्डलु धराब्रह्मचारिणी शुभाम्॥

गौरवर्णा स्वाधिष्ठानस्थिता द्वितीय दुर्गा त्रिनेत्राम।
धवल परिधाना ब्रह्मरूपा पुष्पालंकार भूषिताम्॥

परम वंदना पल्लवराधरां कांत कपोला पीन।
पयोधराम् कमनीया लावणयं स्मेरमुखी निम्ननाभि नितम्बनीम्॥

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देहरादून: चैत्र नवरात्रि का आज दूसरा दिन है. देशभर के मंदिरों में देवी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा हो रही है. देवी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा करने से सभी बिगड़े काम पूरे होते हैं. विजय की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही सभी प्रकार की परेशानियां भी दूर होती हैं. 

नवरात्रि के दूसरे दिन देशभर के मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की तांता लगा हुआ है. लंबी-लंबी लाइनों में लगे भक्तों माता के जयकारे लगा रहे है. पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है.



देवी ब्रह्मचारिणी का ध्यान मंत्र



वन्दे वांछित लाभायचन्द्रार्घकृतशेखराम्।

जपमालाकमण्डलु धराब्रह्मचारिणी शुभाम्॥



गौरवर्णा स्वाधिष्ठानस्थिता द्वितीय दुर्गा त्रिनेत्राम।

धवल परिधाना ब्रह्मरूपा पुष्पालंकार भूषिताम्॥



परम वंदना पल्लवराधरां कांत कपोला पीन।

पयोधराम् कमनीया लावणयं स्मेरमुखी निम्ननाभि नितम्बनीम्॥


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