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कोरोनाकाल में देवदूत बनी SDRF, घर-घर पहुंचा रही मेडिकल किट और भोजन

आमवाला के PRD सेंटर में एसडीआरएफ ने अपने एक्शन का बेस कैंप बनाया है. यहां से योजनाबद्ध तरीके से जरूरतमंद लोगों तक मदद पहुंचाई जाती है. इसके लिए SDRF की 14 अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं.

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कोरोनाकाल में मदददार बनी SDRF
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Published : May 13, 2021, 4:36 PM IST

Updated : May 15, 2021, 2:46 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में संकटमोचक के रूप में प्राकृतिक आपदाओं से लेकर तमाम रेस्क्यू ऑपरेशन तक राहत-बचाव कार्य में अहम भूमिका निभाने वाली एसडीआरएफ के कंधों पर इन दिनों बड़ी जिम्मेदारी है. एसडीआरएफ इन दिनों राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों के घर-घर तक पहुंचकर उन तक हर आवश्यक सेवा पहुंचाने के काम में जुटी हुई है. कोरोना संक्रमितों को भोजन, मेडिकल किट, सैनिटाइजेशन जैसे ये वो जरूरी काम हैं, जिन्हें इन दिनों एसडीआरएफ के जवान बखूबी अंजाम दे रहे हैं.

कोरोनाकाल में देवदूत बनी SDRF

बात अगर राजधानी देहरादून की करें तो यहां SDRF की 14 अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं. ये टीमें स्वास्थ्य विभाग से प्रतिदिन मिलने वाली संक्रमित लोगों की सूची के हिसाब से नगर निगम के 100 वार्डों तक सैकड़ों की संख्या में दवा-औषधि व ऑक्सीजन जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचा रही हैं. इतना ही नहीं एसडीआरएफ की टीम हर दिन फोन पर बात कर मरीजों का हालचाल भी जान रही हैं. इसके लिए बाकायदा सेंटर बनाया गया है.

पढ़ें-CM तीरथ ने केंद्र से मांगे 10 हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से हुई बात


कोरोना की दूसरी लहर में एक लाख कॉल रिसीव
देहरादून के आमवाला क्षेत्र में स्थित PRD सेंटर से संचालित होने वाले एसडीआरएफ कोविड-19 कंट्रोल रूम में दो अलग-अलग सेक्शन स्थापित किये गए हैं. यहां से प्रतिदिन दो शिफ्ट में होम आइसोलेशन कोरोना मरीजों को 26 अप्रैल 2021 से 11 मई 2021 तक 4,563 कोरोना होम आइसोलेशन मरीजों को मेडिकल किट पहुंचाई गई है. इस दौरान पूरे उत्तराखंड से एक लाख से अधिक फोन कॉल्स SDRF कोविड कंट्रोल रूम में आये हैं. जिन्हें अलग-अलग जनपदों के मुताबिक सहायता पहुंचाई गई है.

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कोरोनाकाल में मदददार बनी SDRF

पढ़ें- कोविड केयर सेंटर में बना ICU वॉर्ड शुरू, विधायक ने केरल से बुलाए टेक्नीशियन


होम आइसोलेशन में मेडिकल किट बांटने के चलते संक्रमित होते एसडीआरएफ जवान
वहीं, होम आइसोलेशन कोरोना मरीजों को उनके घरों तक मेडिकल किट पहुंचाने के दौरान देहरादून की बात करें तो यहां अभी तक 1 अप्रैल 2021 से 11 मई 2021 तक इस कार्य में 9 SDRF के जवान कोविड संक्रमित हो चुके हैं. सभी को पहले से कोरोना वैक्सीन के डबल डोज लगने के कारण उनकी हालत स्थिर है, लेकिन इसके बावजूद संक्रमित होने वाले एसडीआरएफ जवानों को जौलीग्रांट स्थित मुख्यालय के आइसोलेशन कैंप में स्वास्थ्य उपचार के लिए मेडिकल देख रेख में भर्ती कराया जाता है.

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वहीं, होम आइसोलेशन में कोरोना मरीजों को मेडिकल किट सहित अन्य सहायता देने वाले एसडीआरएफ जवानों की मानें तो, भले ही यह कार्य जोखिम भरा है, लेकिन जिस तरह से महामारी फैल रही है उसे देखते हुए फोर्स का सबसे बड़ा कर्तव्य लोगों तक मदद पहुंचाना है.

पढ़ें- कोविड केयर सेंटर में बना ICU वॉर्ड शुरू, विधायक ने केरल से बुलाए टेक्नीशियन


सीएमओ कार्यालय से जानकारी, ग्राउंड पर जवान
ईटीवी भारत ने कोरोना होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की मदद के संबंध में एसडीआरएफ कोविड कंट्रोल रूम प्रभारी इंस्पेक्टर प्रमोद रावत से बात की. उन्होंने बताया कि प्रत्येक दिन देहरादून सीएमओ कार्यालय द्वारा कोरोनावायरस पॉजिटिव लोगों की सूची, फोन नंबर सहित उन्हें मिलती है. इसी आधार पर वह अपनी पूरी टीम के साथ संक्रमित लोगों को मेडिकल किट सहित अन्य स्वास्थ्य सुविधा के लिए फोन करते हैं. ऐसे में होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को मेडिकल सुविधा देने के लिए देहरादून नगर निगम क्षेत्र में आने वाले 100 वार्ड में बैकअप सहित कुल 14 एसडीआरएफ की टीमें लगाई गई हैं, जो फोन नंबर्स पर कॉल कर उनको मेडिकल किट पहुंचाने के साथ ही उनकी स्वास्थ्य उपचार देखरेख के लिए फोन करते हैं.

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कोरोनाकाल में मदददार बनी SDRF

पढ़ें- उत्तराखंड के मंत्रियों के निशाने पर क्यों हैं पूर्व CM त्रिवेंद्र, जानिए अंदर की कहानी

40 लोगों को प्लाज्मा देकर जिंदगी बचा चुकी SDRF

उसी के आधार पर टीमें आइसोलेशन में लोगों तक दवा व अन्य आवश्यक सेवाएं पहुंचाते हैं. इतना ही नहीं इसके अलावा घरों में अकेले रहने व सीनियर सिटीजन जैसे लोगों को भी फोन कॉल कर उनकी आवश्यक सेवाओं के लिए मदद मुहैया करवाई जाती है. होम आइसोलेशन में मेडिकल किट स्वास्थ्य विभाग के डेटा के अनुसार लोगों तक पहुंचती है. वहीं, देहरादून की बात करें तो अभी तक दूसरी लहर में 40 से अधिक एसडीआरएफ जवानों ने प्लाज्मा देकर कई जिंदगियां बचाई हैं. एंटीबॉडी प्लाज्मा देने का काम एसडीआरएफ जवानों द्वारा जारी है.

पढ़ें- उत्तराखंड : 14 मई को खुलेंगे यमुनोत्री धाम के कपाट


कर्फ्यू के दौरान भी आवश्यक सेवाओं की मदद जारी: असिस्टेंट कमांडेंट
वहीं, एसडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट अनिल शर्मा के मुताबिक SDRF राहत दल न सिर्फ अपनी जान जोखिम में डालकर पहाड़ों में होने वाली आपदा रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटा है, बल्कि वैश्विक महामारी कोरोना में भी वह चट्टान के रूप में खड़ा है. SDRF लगातार संक्रमित मरीजों तक स्वास्थ सुविधाएं पहुंचाने के हरसंभव प्रयास में लगी है. वर्तमान समय में कर्फ्यू के चलते घर में अकेले रहने वाले सीनियर सिटीजन जैसे अन्य जरूरतमंद लोगों तक भी खाना, राशन-पानी जैसी आवश्यक सेवाए पहुंचाई जा रही हैं. एसडीआरएफ की टीमें लगातार फोन कॉल्स से मिल रही सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई करते हुए मदद के लिए पहुंचती हैं.

देहरादून: उत्तराखंड में संकटमोचक के रूप में प्राकृतिक आपदाओं से लेकर तमाम रेस्क्यू ऑपरेशन तक राहत-बचाव कार्य में अहम भूमिका निभाने वाली एसडीआरएफ के कंधों पर इन दिनों बड़ी जिम्मेदारी है. एसडीआरएफ इन दिनों राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों के घर-घर तक पहुंचकर उन तक हर आवश्यक सेवा पहुंचाने के काम में जुटी हुई है. कोरोना संक्रमितों को भोजन, मेडिकल किट, सैनिटाइजेशन जैसे ये वो जरूरी काम हैं, जिन्हें इन दिनों एसडीआरएफ के जवान बखूबी अंजाम दे रहे हैं.

कोरोनाकाल में देवदूत बनी SDRF

बात अगर राजधानी देहरादून की करें तो यहां SDRF की 14 अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं. ये टीमें स्वास्थ्य विभाग से प्रतिदिन मिलने वाली संक्रमित लोगों की सूची के हिसाब से नगर निगम के 100 वार्डों तक सैकड़ों की संख्या में दवा-औषधि व ऑक्सीजन जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचा रही हैं. इतना ही नहीं एसडीआरएफ की टीम हर दिन फोन पर बात कर मरीजों का हालचाल भी जान रही हैं. इसके लिए बाकायदा सेंटर बनाया गया है.

पढ़ें-CM तीरथ ने केंद्र से मांगे 10 हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से हुई बात


कोरोना की दूसरी लहर में एक लाख कॉल रिसीव
देहरादून के आमवाला क्षेत्र में स्थित PRD सेंटर से संचालित होने वाले एसडीआरएफ कोविड-19 कंट्रोल रूम में दो अलग-अलग सेक्शन स्थापित किये गए हैं. यहां से प्रतिदिन दो शिफ्ट में होम आइसोलेशन कोरोना मरीजों को 26 अप्रैल 2021 से 11 मई 2021 तक 4,563 कोरोना होम आइसोलेशन मरीजों को मेडिकल किट पहुंचाई गई है. इस दौरान पूरे उत्तराखंड से एक लाख से अधिक फोन कॉल्स SDRF कोविड कंट्रोल रूम में आये हैं. जिन्हें अलग-अलग जनपदों के मुताबिक सहायता पहुंचाई गई है.

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होम आइसोलेशन में मेडिकल किट बांटने के चलते संक्रमित होते एसडीआरएफ जवान
वहीं, होम आइसोलेशन कोरोना मरीजों को उनके घरों तक मेडिकल किट पहुंचाने के दौरान देहरादून की बात करें तो यहां अभी तक 1 अप्रैल 2021 से 11 मई 2021 तक इस कार्य में 9 SDRF के जवान कोविड संक्रमित हो चुके हैं. सभी को पहले से कोरोना वैक्सीन के डबल डोज लगने के कारण उनकी हालत स्थिर है, लेकिन इसके बावजूद संक्रमित होने वाले एसडीआरएफ जवानों को जौलीग्रांट स्थित मुख्यालय के आइसोलेशन कैंप में स्वास्थ्य उपचार के लिए मेडिकल देख रेख में भर्ती कराया जाता है.

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वहीं, होम आइसोलेशन में कोरोना मरीजों को मेडिकल किट सहित अन्य सहायता देने वाले एसडीआरएफ जवानों की मानें तो, भले ही यह कार्य जोखिम भरा है, लेकिन जिस तरह से महामारी फैल रही है उसे देखते हुए फोर्स का सबसे बड़ा कर्तव्य लोगों तक मदद पहुंचाना है.

पढ़ें- कोविड केयर सेंटर में बना ICU वॉर्ड शुरू, विधायक ने केरल से बुलाए टेक्नीशियन


सीएमओ कार्यालय से जानकारी, ग्राउंड पर जवान
ईटीवी भारत ने कोरोना होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की मदद के संबंध में एसडीआरएफ कोविड कंट्रोल रूम प्रभारी इंस्पेक्टर प्रमोद रावत से बात की. उन्होंने बताया कि प्रत्येक दिन देहरादून सीएमओ कार्यालय द्वारा कोरोनावायरस पॉजिटिव लोगों की सूची, फोन नंबर सहित उन्हें मिलती है. इसी आधार पर वह अपनी पूरी टीम के साथ संक्रमित लोगों को मेडिकल किट सहित अन्य स्वास्थ्य सुविधा के लिए फोन करते हैं. ऐसे में होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को मेडिकल सुविधा देने के लिए देहरादून नगर निगम क्षेत्र में आने वाले 100 वार्ड में बैकअप सहित कुल 14 एसडीआरएफ की टीमें लगाई गई हैं, जो फोन नंबर्स पर कॉल कर उनको मेडिकल किट पहुंचाने के साथ ही उनकी स्वास्थ्य उपचार देखरेख के लिए फोन करते हैं.

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कोरोनाकाल में मदददार बनी SDRF

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40 लोगों को प्लाज्मा देकर जिंदगी बचा चुकी SDRF

उसी के आधार पर टीमें आइसोलेशन में लोगों तक दवा व अन्य आवश्यक सेवाएं पहुंचाते हैं. इतना ही नहीं इसके अलावा घरों में अकेले रहने व सीनियर सिटीजन जैसे लोगों को भी फोन कॉल कर उनकी आवश्यक सेवाओं के लिए मदद मुहैया करवाई जाती है. होम आइसोलेशन में मेडिकल किट स्वास्थ्य विभाग के डेटा के अनुसार लोगों तक पहुंचती है. वहीं, देहरादून की बात करें तो अभी तक दूसरी लहर में 40 से अधिक एसडीआरएफ जवानों ने प्लाज्मा देकर कई जिंदगियां बचाई हैं. एंटीबॉडी प्लाज्मा देने का काम एसडीआरएफ जवानों द्वारा जारी है.

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कर्फ्यू के दौरान भी आवश्यक सेवाओं की मदद जारी: असिस्टेंट कमांडेंट
वहीं, एसडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट अनिल शर्मा के मुताबिक SDRF राहत दल न सिर्फ अपनी जान जोखिम में डालकर पहाड़ों में होने वाली आपदा रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटा है, बल्कि वैश्विक महामारी कोरोना में भी वह चट्टान के रूप में खड़ा है. SDRF लगातार संक्रमित मरीजों तक स्वास्थ सुविधाएं पहुंचाने के हरसंभव प्रयास में लगी है. वर्तमान समय में कर्फ्यू के चलते घर में अकेले रहने वाले सीनियर सिटीजन जैसे अन्य जरूरतमंद लोगों तक भी खाना, राशन-पानी जैसी आवश्यक सेवाए पहुंचाई जा रही हैं. एसडीआरएफ की टीमें लगातार फोन कॉल्स से मिल रही सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई करते हुए मदद के लिए पहुंचती हैं.

Last Updated : May 15, 2021, 2:46 PM IST
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