देहरादून: देहरादून-हरिद्वार रेलवे ट्रैक पर 24 कोच की ट्रेन चलाने के लिए वैज्ञानिकों की तरफ से रिपोर्ट तैयार कर ली गई है. दरअसल, सरकार राजाजी नेशनल पार्क से गुजरने वाली ट्रेन को 18 कोच से बढ़ाकर 24 कोच का करना चाहती है. ऐसे में लूप लाइन की क्षमता को बढ़ाने से जुड़ी रिपोर्ट को तैयार किया गया है. देहरादून से हरिद्वार के बीच राजाजी नेशनल पार्क का करीब 28 किलोमीटर क्षेत्र ऐसा है जो वाइल्डलाइफ से जुड़ा है और यहां से रेलवे ट्रैक गुजरता है.
खास बात यह है कि इस रेलवे ट्रैक के कारण राजाजी नेशनल पार्क में मौजूद वाइल्ड लाइफ प्रभावित होता है. कई बार तो हाथी जैसे बड़े वन्यजीव भी इस रेलवे ट्रैक में अपनी जान गंवा चुके हैं. उधर दूसरी तरफ कांसरो रेलवे स्टेशन में मौजूद लूप लाइन के कारण हरिद्वार से आगे देहरादून तक केवल 18 कोच की ही ट्रेन चल पा रही है. जबकि आने वाले 1 से 2 सालों में देश भर में सभी जगह 24 कोच की ट्रेन चलने लगेगी. ऐसे में सरकार भी अब कांसरो रेलवे स्टेशन की लूप लाइन को डेवलप करने पर विचार कर रही है और इसके लिए वैज्ञानिक भी इसका अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट दे चुके हैं.
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भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. बिलाल हबीब कहते हैं कि कांसरो रेलवे स्टेशन में लूप लाइन की लंबाई फिलहाल 350 मीटर है, जिसमें केवल 18 कोच की ट्रेन ही आ सकती है. इसे बढ़ाकर अब 550 मीटर करना होगा, ताकि यहां 24 कोच की ट्रेन चल सके. इसके अलावा इस स्टेशन को चारों तरफ से सुरक्षित बनाकर स्टेशन पर ओवरपास और लेवल पास भी बनाए जाने चाहिए, ताकि वन्य जीवन को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके. एक तरफ राजाजी से गुजरने वाले रेलवे ट्रैक पर वैज्ञानिक और सरकार विचार कर रहे हैं.वहीं कांसरो रेलवे स्टेशन को लेकर भी अध्ययन किया गया है.
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उधर देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेस वे के निर्माण से मोहंड क्षेत्र में बनने वाले एलिवेटेड रोड पर वन्य जीवों के लिए कॉरिडोर बनाए जाएंगे. डॉ. बिलाल हबीब कहते हैं कि मोहंड से कलेसर तक एलिवेटेड रोड बनने से नई जंगल का विकास होगा और यह पूरा क्षेत्र वन्यजीवों की मौजूदगी वाला बन जाएगा. यही नहीं वन्यजीवों को इस क्षेत्र में हुए पिछले 100 साल के नुकसान की भी अब भरपाई हो पाएगी. वैज्ञानिकों की यह राय तब आयी है, जब पर्यावरणविद् इस क्षेत्र में बनने वाली सड़क के कारण काटने वाले पेड़ों से भारी नुकसान होने की बात कह रहे हैं.