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सिंचाई सचिव की मेहनत रंग लायी, फिर से स्कूल जाएगी हलीमा, पिता ने बंद करा दिया था

राजधानी में स्कूल छोड़ चुकी नवीं क्लास की छात्रा का सिंचाई सचिव भूपिंदर कौर औलख ने प्रयास कर पुनः स्कूल प्रारंभ कराया.

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Published : Sep 6, 2019, 11:58 AM IST

सिंचाई सचिव

देहरादूनः एक तरफ जहां केंद्र और राज्य सरकार बेटियों को आगे बढ़ाने और सशक्त बनाने को लेकर 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' के नारे को साकार करने में जुटी है. तो वहीं, समाज का एक तबका, सरकार के इस अभियान पर ग्रहण लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. जी हां ये मामला राजधानी देहरादून के कारगी का है जहां एक पिता ने नौंवी कक्षा में पढ़ने वाली बेटी की पढ़ाई छुड़ा दी थी. हालांकि, अधिकारियों के लाख समझने के बाद आखिरकार उस पिता की आंख खुली और वह अपनी बेटी को दोबारा से स्कूल भेजने के लिए राजी हुआ.

स्कूल ड्रॉप आउट छात्रा फिर से स्कूल जाएगी.

प्रदेश में सभी बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिले इसको लेकर राज्य सरकार समय-समय पर पहल करती रहती है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देशानुसार समय-समय पर अधिकारियों को जिलों में भ्रमण कर निरीक्षक करना होता है.

इसी क्रम में सिंचाई सचिव भूपिंदर कौर औलख भी अपने बच्चों के साथ राजकीय बालिका इंटर कॉलेज कारगी स्थित स्कूल निरीक्षण पर गयी थीं जहा उनको इस बात की जानकारी मिली कि एक हलीमा नाम की बच्ची, जिसके पिता उसके स्कूल जाने से सहमत नहीं हैं.

यह भी पढ़ेंः मां नंदा- सुनंदा यहां खुद लेती हैं अपना स्वरूप, महोत्सव में देखने को मिलती है देवभूमि की संस्कृति की झलक

जिस वजह से हलीमा को स्कूल छोड़ना पड़ा था. लिहाजा सचिव ने तमाम कोशिश कर आखिरकार उस बच्ची को फिर से स्कूल भेजने के लिए उसके पिता को मना लिया.

बच्ची ने पत्र लिखकर किया धन्यवाद
वहीं,दोबारा से स्कूल जा पाने को लेकर हलीमा ने एक पत्र के माध्यम से सचिव भूपिंदर कौर औलख का धन्यवाद दिया. उसने कहा कि वो सचिव की मदद से दोबारा पढ़ पाएंगी.

देहरादूनः एक तरफ जहां केंद्र और राज्य सरकार बेटियों को आगे बढ़ाने और सशक्त बनाने को लेकर 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' के नारे को साकार करने में जुटी है. तो वहीं, समाज का एक तबका, सरकार के इस अभियान पर ग्रहण लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. जी हां ये मामला राजधानी देहरादून के कारगी का है जहां एक पिता ने नौंवी कक्षा में पढ़ने वाली बेटी की पढ़ाई छुड़ा दी थी. हालांकि, अधिकारियों के लाख समझने के बाद आखिरकार उस पिता की आंख खुली और वह अपनी बेटी को दोबारा से स्कूल भेजने के लिए राजी हुआ.

स्कूल ड्रॉप आउट छात्रा फिर से स्कूल जाएगी.

प्रदेश में सभी बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिले इसको लेकर राज्य सरकार समय-समय पर पहल करती रहती है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देशानुसार समय-समय पर अधिकारियों को जिलों में भ्रमण कर निरीक्षक करना होता है.

इसी क्रम में सिंचाई सचिव भूपिंदर कौर औलख भी अपने बच्चों के साथ राजकीय बालिका इंटर कॉलेज कारगी स्थित स्कूल निरीक्षण पर गयी थीं जहा उनको इस बात की जानकारी मिली कि एक हलीमा नाम की बच्ची, जिसके पिता उसके स्कूल जाने से सहमत नहीं हैं.

यह भी पढ़ेंः मां नंदा- सुनंदा यहां खुद लेती हैं अपना स्वरूप, महोत्सव में देखने को मिलती है देवभूमि की संस्कृति की झलक

जिस वजह से हलीमा को स्कूल छोड़ना पड़ा था. लिहाजा सचिव ने तमाम कोशिश कर आखिरकार उस बच्ची को फिर से स्कूल भेजने के लिए उसके पिता को मना लिया.

बच्ची ने पत्र लिखकर किया धन्यवाद
वहीं,दोबारा से स्कूल जा पाने को लेकर हलीमा ने एक पत्र के माध्यम से सचिव भूपिंदर कौर औलख का धन्यवाद दिया. उसने कहा कि वो सचिव की मदद से दोबारा पढ़ पाएंगी.

Intro:Note - फीड ftp पर है.... uk_deh_03_thank_you_letter_vis_7205803


एक तरफ जहाँ केंद्र और राज्य सरकार, बेटियों को आगे बढ़ाने और सशक्त बनाने को लेकर "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" के नारे को साकार करने में जुटी है तो वही समाज का एक तापका, सरकार के इस अभियान पर ग्रहण लगाने में कोई कोर कसर नही छोड़ रही है। जी हाँ ये मामला राजधानी देहरादून के कारगी की है जहाँ एक पिता, नौंवी कक्षा में पढ़ने वाली बेटी की पढ़ाई छुड़ा दी थी। हालांकि अधिकारियों के लाख समझने के बाद आखिरकार उस पिता की आंख खुली और वह अपनी बेटी को दोबारा से स्कूल भेजने के लिए राजी हुआ। 


Body:प्रदेश के भीतर सभी बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिले इसको लेकर राज्य सरकार समय समय पर पहल करती रहती है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देशानुसार, समय- समय पर अधिकारियों को जिलों में भ्रमण कर निरीक्षक करना होता है। इसी क्रम में सिचाई सचिव, भूपिंदर कौर औलख भी अपने बच्चों के साथ राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, कारगी स्थित स्कूल निरीक्षण पर गयी थी, जहाँ उनके इस बात की जानकारी मिली कि एक हलीमा नाम की बच्ची, जिसके पिता उसके स्कूल जाने से सहमत नही है। जिस वजह से हलीमा को स्कूल छोड़ना पड़ा था। लिहाजा सचिव ने तमाम कोशिश कर आखिरकार उस बच्ची को फिर से स्कूल भेजने के लिए उसके पिता को मना लिया। 


बच्ची ने पत्र लिखकर सचिव का किया धन्यवाद....

वही दोबारा से स्कूल जा पाने को लेकर, हलीमा ने एक पत्र के माध्यम से सचिव भूपिंदर कौर औलख का धन्यवाद देते हुए कहा कि वो सचिव की मदद से दोबारा पढ़ पाएगी। इसके लिए दिल से धन्यबाद।


बाइट - हलीमा, छात्रा
बाइट - भूपिंदर कौर औलख, सचिव, सिचाई विभाग





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