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राम मंदिर भूमिपूजन: उत्तराखंड पुलिस अलर्ट, संतों की मांग- आंदोलन में बलिदान देने वालों के लिए बने स्मारक

5 अगस्त को राम मंदिर भूमि पूजन को लेकर उत्तराखंड पुलिस अलर्ट पर है. वहीं, हरिद्वार के संतों ने राम मंदिर के बगल में अयोध्या आंदोलन में बलिदान देने वाले लोगों के लिए स्मारक बनाने की मांग की है.

Ram Mandir Andolan 1992
उत्तराखंड पुलिस अलर्ट
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Published : Aug 4, 2020, 4:19 PM IST

Updated : Aug 4, 2020, 7:14 PM IST

देहरादून/हरिद्वार/कालाढूंगी/खटीमा/रुड़की/उत्तरकाशी: अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं. 5 अगस्त का दिन ऐतिहासिक होने जा रहा है, ऐसे में इसके लिए विशेष तैयारियां की गई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर भूमि पूजन के लिए पहली ईंट रखेंगे, इसके साथ अयोध्या में एक नए युग की शुरूआत हो जाएगा.

वहीं, राम मंदिर भूमि पूजन को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस भी हाई अलर्ट पर है. प्रदेश के सभी 13 जिलों के संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है. इसके साथ ही हर जिले और बॉर्डर से लगे इलाकों में पेट्रोलिंग तेज कर दी गई है. उत्तराखंड में प्रवेश करने वालों पर सीसीटीवी फुटेज से भी नजर रखी जा रही है.

डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार का कहना है कि अयोध्या में होने वाले भूमि पूजन को लेकर पूरे प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद हैं. पुलिस फोर्स एहतियातन हाई अलर्ट है. संवेदनशील इलाकों में फोर्स की तैनाती की गई है और हालात पर बारीकी से नजर रखा जा रहा है.

उत्तराखंड के सभी जिले अलर्ट- अशोक कुमार.

ये भी पढ़ें: राम मंदिर आंदोलन की यादें: मुलायम ने कहा था- 'परिंदा पर नहीं मार सकता'

वहीं, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर हरिद्वार के संतों का कहना है कि राम मंदिर की राह आसान नहीं थी. अयोध्या आंदोलन को सफल बनाने के लिए लोगों ने बलिदान दिया है, जिसके बाद राम मंदिर बनने का रास्ता साफ हुआ है.

हरिद्वार के शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी अच्युतानंद तीर्थ ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में हजारों लोगों ने अपना बलिदान दिया है. ऐसे में राम मंदिर के पास शहीद स्मारक बनना बहुत आवश्यक है. शहीद स्मारक में राम मंदिर आंदोलन में बलिदान देने वाले लोगों का नाम लिखा जाए. ऐसे में हम प्रधानमंत्री मोदी और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से राम मंदिर आंदोलन में में बलिदान देने वाले लोगों को राम मंदिर में जगह देने की मांग करते हैं.

आंदोलन में बलिदान देने वालों के लिए बने स्मारक.

अखिल भारतीय संत समिति के प्रवक्ता बाबा हठ योगी का कहना है कि जिन लोगों ने भी राम मंदिर के लिए बलिदान दिया है, उन सबका ध्यान और सम्मान रखा जाएगा. बाबा हठ योगी का कहना है कि अयोध्या आंदोलन का पूरा इतिहास राम मंदिर में दर्शाया जाएगा. जिस तरह से हम किसी ऐतिहासिक स्थल को देखने जाते हैं. वहां पूरी कहानी लिखी रहती हैं, उसी तरह राम मंदिर आंदोलन में बलिदान देने वालों को भी राम मंदिर में स्थान जरूर मिलेगा.

ये भी पढ़ें: धर्मनगरी से फूंका था राम मंदिर आंदोलन का बिगुल, 500 साल का सपना हुआ साकार

वहीं, राम मंदिर भूमि पूजन के लिए नैनीताल के कालाढूंगी विधानसभा के मोटेश्वर महादेव धाम, सीतावनी धाम, ब्रह्मबुबु मंदिर और टिटेश्वरी माता मंदिर से मिट्टी और जल अयोध्या भेजा गया है. इसके साथ ही उत्तराखंड मंडी परिषद के अध्यक्ष गजराज बिष्ट ने एक लाख मिट्टी के दिये स्थानीय लोगों के बीच बांटे हैं.

Ram Mandir Andolan 1992
कालाढूंगी से अयोध्या भेजा गया पवित्र जल और मिट्टी.

वहीं, खटीमा में राम मंदिर भूमि पूजन को लेकर स्थानीय प्रशासन ने राजनीतिक, धार्मिक दलों और व्यापार मंडल के साथ मीटिंग कर भूमि पूजन कार्यक्रम को लेकर किसी प्रकार से आयोजन करने पर रोक लगाई है. इसके साथ ही उधम सिंह नगर जिले से सटे नेपाल और यूपी के बॉर्डर पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है. जिला प्रशासन का कहना है कि यदि कोई भी संगठन या व्यक्ति धार्मिक भावनाओं को भड़काने की कोशिश करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Ram Mandir Andolan 1992
खटीमा में जिला प्रशासन की मीटिंग.

वहीं, रुड़की के अंबर तालाब स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर के पुजारी और पुरोहित महासभा के अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य पंडित रजनीश शास्त्री ने कहा कि ये वो पल है, जिसको लेकर सभी ने बहुत संघर्ष किया है. अब वो शुभ घड़ी आ गई है, जब अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का निर्माण हो रहा है. संतों के संघर्ष और आशीर्वाद से राम मंदिर बनने का सपना पूरा हो रहा है.

उत्तरकाशी में राम मंदिर भूमि पूजन को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. यमुनोत्री धाम के पुरोहित बागेश्वर उनियाल ने बताया कि आगामी 5 अगस्त को राम मंदिर भूमि पूजन के उपलक्ष्य में यमुनोत्री मंदिर समिति और पुरोहित समाज की तरफ से मां यमुना जी के शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव में स्थित यमुना मंदिर में अखण्ड रामायण पाठ का आयोजन किया जा रहा है.

देहरादून/हरिद्वार/कालाढूंगी/खटीमा/रुड़की/उत्तरकाशी: अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं. 5 अगस्त का दिन ऐतिहासिक होने जा रहा है, ऐसे में इसके लिए विशेष तैयारियां की गई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर भूमि पूजन के लिए पहली ईंट रखेंगे, इसके साथ अयोध्या में एक नए युग की शुरूआत हो जाएगा.

वहीं, राम मंदिर भूमि पूजन को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस भी हाई अलर्ट पर है. प्रदेश के सभी 13 जिलों के संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है. इसके साथ ही हर जिले और बॉर्डर से लगे इलाकों में पेट्रोलिंग तेज कर दी गई है. उत्तराखंड में प्रवेश करने वालों पर सीसीटीवी फुटेज से भी नजर रखी जा रही है.

डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार का कहना है कि अयोध्या में होने वाले भूमि पूजन को लेकर पूरे प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद हैं. पुलिस फोर्स एहतियातन हाई अलर्ट है. संवेदनशील इलाकों में फोर्स की तैनाती की गई है और हालात पर बारीकी से नजर रखा जा रहा है.

उत्तराखंड के सभी जिले अलर्ट- अशोक कुमार.

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वहीं, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर हरिद्वार के संतों का कहना है कि राम मंदिर की राह आसान नहीं थी. अयोध्या आंदोलन को सफल बनाने के लिए लोगों ने बलिदान दिया है, जिसके बाद राम मंदिर बनने का रास्ता साफ हुआ है.

हरिद्वार के शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी अच्युतानंद तीर्थ ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में हजारों लोगों ने अपना बलिदान दिया है. ऐसे में राम मंदिर के पास शहीद स्मारक बनना बहुत आवश्यक है. शहीद स्मारक में राम मंदिर आंदोलन में बलिदान देने वाले लोगों का नाम लिखा जाए. ऐसे में हम प्रधानमंत्री मोदी और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से राम मंदिर आंदोलन में में बलिदान देने वाले लोगों को राम मंदिर में जगह देने की मांग करते हैं.

आंदोलन में बलिदान देने वालों के लिए बने स्मारक.

अखिल भारतीय संत समिति के प्रवक्ता बाबा हठ योगी का कहना है कि जिन लोगों ने भी राम मंदिर के लिए बलिदान दिया है, उन सबका ध्यान और सम्मान रखा जाएगा. बाबा हठ योगी का कहना है कि अयोध्या आंदोलन का पूरा इतिहास राम मंदिर में दर्शाया जाएगा. जिस तरह से हम किसी ऐतिहासिक स्थल को देखने जाते हैं. वहां पूरी कहानी लिखी रहती हैं, उसी तरह राम मंदिर आंदोलन में बलिदान देने वालों को भी राम मंदिर में स्थान जरूर मिलेगा.

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वहीं, राम मंदिर भूमि पूजन के लिए नैनीताल के कालाढूंगी विधानसभा के मोटेश्वर महादेव धाम, सीतावनी धाम, ब्रह्मबुबु मंदिर और टिटेश्वरी माता मंदिर से मिट्टी और जल अयोध्या भेजा गया है. इसके साथ ही उत्तराखंड मंडी परिषद के अध्यक्ष गजराज बिष्ट ने एक लाख मिट्टी के दिये स्थानीय लोगों के बीच बांटे हैं.

Ram Mandir Andolan 1992
कालाढूंगी से अयोध्या भेजा गया पवित्र जल और मिट्टी.

वहीं, खटीमा में राम मंदिर भूमि पूजन को लेकर स्थानीय प्रशासन ने राजनीतिक, धार्मिक दलों और व्यापार मंडल के साथ मीटिंग कर भूमि पूजन कार्यक्रम को लेकर किसी प्रकार से आयोजन करने पर रोक लगाई है. इसके साथ ही उधम सिंह नगर जिले से सटे नेपाल और यूपी के बॉर्डर पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है. जिला प्रशासन का कहना है कि यदि कोई भी संगठन या व्यक्ति धार्मिक भावनाओं को भड़काने की कोशिश करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Ram Mandir Andolan 1992
खटीमा में जिला प्रशासन की मीटिंग.

वहीं, रुड़की के अंबर तालाब स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर के पुजारी और पुरोहित महासभा के अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य पंडित रजनीश शास्त्री ने कहा कि ये वो पल है, जिसको लेकर सभी ने बहुत संघर्ष किया है. अब वो शुभ घड़ी आ गई है, जब अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का निर्माण हो रहा है. संतों के संघर्ष और आशीर्वाद से राम मंदिर बनने का सपना पूरा हो रहा है.

उत्तरकाशी में राम मंदिर भूमि पूजन को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. यमुनोत्री धाम के पुरोहित बागेश्वर उनियाल ने बताया कि आगामी 5 अगस्त को राम मंदिर भूमि पूजन के उपलक्ष्य में यमुनोत्री मंदिर समिति और पुरोहित समाज की तरफ से मां यमुना जी के शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव में स्थित यमुना मंदिर में अखण्ड रामायण पाठ का आयोजन किया जा रहा है.

Last Updated : Aug 4, 2020, 7:14 PM IST
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