देहरादून: ऋषिकेश में साल 2017 में दो बच्चियों के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले में पुलिस एक बार फिर नए सिरे से जांच शुरू करेगी. इसके साथ ही पुलिस नैनीताल हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है.
बता दें कि मामला 15 जून 2017 का है. ऋषिकेश की श्यामपुर पुलिस चौकी के पास नेपाली मूल की एक महिला दो बेटियों (13 व तीन साल) और नौ वर्षीय बेटे के साथ रहती था. जिनकी बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने गुरुद्वारे के सेवादार परवान सिंह के गिरफ्तार किया.
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पुलिस ने इस मामले में देहरादून की विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडेय की 14 गवाहों और पर्याप्त सबूत पेश किए थे. जिसके आधार पर पोक्सो कोर्ट परवान सिंह को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी. पोक्सो कोर्ट ने खिलाफ परवान सिंह ने नैनीताल हाई कोर्ट में अपील की थी. हाई कोर्ट ने पर्याप्त सबूत के अभाव में परवान सिंह के खिलाफ दोषमुक्त मानते हुए बरी कर दिया था. साथ ही इस मामले में जांच में हीलाहवाली करने पर विवेचक के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश भी दिए थे.
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हालांकि, अब उत्तराखंड पुलिस हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है. ताकि आरोपी को सजा मिल सके. इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने कहा कि परवान सिंह को हाईकोर्ट के आदेश पर बरी कर दिया गया था. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में पुलिस जांच विवेचना और पैरवी करने में कई तरह की खामियां पाई थी. इसीलिए पुलिस अब कोर्ट के आदेश का परीक्षण कर रही है. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी. इसके लिए देहरादून एसएसपी को आदेश दे दिए हैं. साथ ही इस मामले में पुलिस आईओ सहित अन्य लापरवाह लोगों के खिलाफ जांच की जाएगी.