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ऋषिकेश रेप कांड: हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी उत्तराखंड पुलिस

पुलिस अभी हाई कोर्ट के फैसले का परीक्षण कर रही है. ताकि पुलिस मजबूती के साथ सुप्रीम कोर्ट के अपनी बात कर रखे और ऋषिकेश रेप कांड में पीड़िता को न्याय दिला सकें.

rishikesh
सुप्रीम कोर्ट जाएगी पुलिस
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Published : Dec 6, 2019, 7:15 PM IST

देहरादून: ऋषिकेश में साल 2017 में दो बच्चियों के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले में पुलिस एक बार फिर नए सिरे से जांच शुरू करेगी. इसके साथ ही पुलिस नैनीताल हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है.

बता दें कि मामला 15 जून 2017 का है. ऋषिकेश की श्यामपुर पुलिस चौकी के पास नेपाली मूल की एक महिला दो बेटियों (13 व तीन साल) और नौ वर्षीय बेटे के साथ रहती था. जिनकी बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने गुरुद्वारे के सेवादार परवान सिंह के गिरफ्तार किया.

सुप्रीम कोर्ट जाएगी पुलिस.

पढ़ें- हैदराबाद गैंगरेप: उत्तराखंड के DG बोले- ऐसे मामलों में जल्द मिलना चाहिये न्याय

पुलिस ने इस मामले में देहरादून की विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडेय की 14 गवाहों और पर्याप्त सबूत पेश किए थे. जिसके आधार पर पोक्सो कोर्ट परवान सिंह को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी. पोक्सो कोर्ट ने खिलाफ परवान सिंह ने नैनीताल हाई कोर्ट में अपील की थी. हाई कोर्ट ने पर्याप्त सबूत के अभाव में परवान सिंह के खिलाफ दोषमुक्त मानते हुए बरी कर दिया था. साथ ही इस मामले में जांच में हीलाहवाली करने पर विवेचक के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश भी दिए थे.

पढ़ें- प्याज की मारामारी: नहीं मिला सस्ता तो गुस्से में दांत से काट डाली दूसरे की अंगुली, किया लहूलुहान

हालांकि, अब उत्तराखंड पुलिस हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है. ताकि आरोपी को सजा मिल सके. इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने कहा कि परवान सिंह को हाईकोर्ट के आदेश पर बरी कर दिया गया था. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में पुलिस जांच विवेचना और पैरवी करने में कई तरह की खामियां पाई थी. इसीलिए पुलिस अब कोर्ट के आदेश का परीक्षण कर रही है. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी. इसके लिए देहरादून एसएसपी को आदेश दे दिए हैं. साथ ही इस मामले में पुलिस आईओ सहित अन्य लापरवाह लोगों के खिलाफ जांच की जाएगी.

देहरादून: ऋषिकेश में साल 2017 में दो बच्चियों के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले में पुलिस एक बार फिर नए सिरे से जांच शुरू करेगी. इसके साथ ही पुलिस नैनीताल हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है.

बता दें कि मामला 15 जून 2017 का है. ऋषिकेश की श्यामपुर पुलिस चौकी के पास नेपाली मूल की एक महिला दो बेटियों (13 व तीन साल) और नौ वर्षीय बेटे के साथ रहती था. जिनकी बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने गुरुद्वारे के सेवादार परवान सिंह के गिरफ्तार किया.

सुप्रीम कोर्ट जाएगी पुलिस.

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पुलिस ने इस मामले में देहरादून की विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडेय की 14 गवाहों और पर्याप्त सबूत पेश किए थे. जिसके आधार पर पोक्सो कोर्ट परवान सिंह को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी. पोक्सो कोर्ट ने खिलाफ परवान सिंह ने नैनीताल हाई कोर्ट में अपील की थी. हाई कोर्ट ने पर्याप्त सबूत के अभाव में परवान सिंह के खिलाफ दोषमुक्त मानते हुए बरी कर दिया था. साथ ही इस मामले में जांच में हीलाहवाली करने पर विवेचक के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश भी दिए थे.

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हालांकि, अब उत्तराखंड पुलिस हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है. ताकि आरोपी को सजा मिल सके. इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने कहा कि परवान सिंह को हाईकोर्ट के आदेश पर बरी कर दिया गया था. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में पुलिस जांच विवेचना और पैरवी करने में कई तरह की खामियां पाई थी. इसीलिए पुलिस अब कोर्ट के आदेश का परीक्षण कर रही है. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी. इसके लिए देहरादून एसएसपी को आदेश दे दिए हैं. साथ ही इस मामले में पुलिस आईओ सहित अन्य लापरवाह लोगों के खिलाफ जांच की जाएगी.

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summary-मासूम बच्चियों से दुष्कर्म हत्या मामलें उत्तराखंड पुलिस आरोपी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगी...


हैदराबाद में डॉक्टर महिला के साथ दुष्कर्म हत्या जैसे जघन्य अपराध में तेलंगाना पुलिस द्वारा आरोपियों का एनकाउंटर होने के बाद उत्तराखंड पुलिस भी राज्य में दुष्कर्म हत्या जैसे गंभीर अपराधों को लेकर पहले से अधिक अलर्ट मोड पर नजर आ रही है। 15 जून 2017 में ऋषिकेश स्थित गुरुद्वारे के सेवादार परवान सिंह द्वारा दो मासूम बच्चियों का रेप करने के बाद उनकी निर्मम हत्या मामले में आरोपी सेवादार को नैनीताल हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद...मृतक मासूम बच्चियों को न्याय दिलाने और दुष्कर्म आरोपी परवान सिंह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने जा रही है। जबकि इससे पहले इस घटनाक्रम में दोनों मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म व हत्या जैसे जघन्य मामलें में 14 गवाहों और पर्याप्त सबूत के आधार पर देहरादून की पॉक्सो कोर्ट रमा पांडे की विशेष अदालत ने 24 अगस्त 2018 को दोषी करार दिए गए परवान सिंह को फांसी की सजा सुनाई थी।




Body:

देशभर में महिलाओं पर मासूम बच्चों के साथ लगातार दुष्कर्म हत्या जैसे गंभीर अपराध को लेकर पूरे देशभर में आक्रोश व्याप्त है। इस तरह के जघन्य अपराधिक मामलों में अदालतों से फांसी होने के बावजूद दोषी करार अभियुक्तों का समय से फांसी के तख्ते तक ना पहुंचाना कहीं ना कहीं संशोधित होने वाली कानून व्यवस्था पर भी अब लगातार सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में इस तरह के मामले में देश भर में आए उबाल के चलते उत्तराखंड पुलिस भी 2017के ऋषिकेश मासूम दो बच्चों के साथ बलात्कार और हत्या करने मामले में निचली अदालत से फांसी होने के बावजूद हाईकोर्ट से आरोपी के बरी होने के मामले को गंभीर मानते हुए न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने का मन बना चुकी है।

हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक पैरवी और जांच विवेचना में कई खामियां: पुलिस मुख्यालय

राज्य में अपराध को कानून व्यवस्था की कमान संभालने वाले महानिदेशक अशोक कुमार के मुताबिक वर्ष 2017 में ऋषिकेश में हुए मासूम बच्चियों के साथ बलात्कार हत्या मामले में आरोपी परवान सिंह को हाईकोर्ट से बरी होने के आदेश के मुताबिक पीड़ित पक्ष सहित पुलिस जांच विवेचना और पैरवी करने में कई तरह की खामियां पाई गई है... इसी के मद्देनजर कोर्ट आदेश का परीक्षण कर अब उत्तराखंड पुलिस दोनों मासूम बच्चों की न्याय दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी ...साथ ही इस मामले में पुलिस आईओ सहित अन्य लापरवाह लोगों के खिलाफ जांच भी करेगी।


बाइट- अशोक कुमार,अपराध व कानून व्यवस्था, उत्तराखंड


Conclusion:
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