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'ऋषिकेश घाट क्लीनिंग प्रोजेक्ट' के लिए नगर निगम ने भेजा 4.5 करोड़ का DPR - rishikesh news

तीर्थनगरी ऋषिकेश में गंगाघाट और आस्थापथ की साफ-सफाई में आधुनिक तकनीक इस्तेमाल करने की योजना है. नगर-निगम ने इसके लिए करीब साढे़ चार करोड़ रुपये का 'ऋषिकेश घाट क्लीनिंग प्रोजेक्ट' बनाया है.

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गंगा
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Published : May 13, 2020, 1:59 PM IST

ऋषिकेश: तीर्थनगरी में गंगाघाट और आस्थापथ की साफ-सफाई में आधुनिक तकनीक इस्तेमाल करने की योजना है. नगर निगम ने इसके लिए साढे़ चार करोड़ रुपये का 'ऋषिकेश घाट क्लीनिंग प्रोजेक्ट' बनाया है. अब इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है. शासन से प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिलते ही ऋषिकेश में गंगाघाटों और आस्थापथ की सफाई को लेकर काम शुरू किया जाएगा.

'ऋषिकेश घाट क्लीनिंग प्रोजेक्ट' से बदलेगी गंगा घाटों की सूरत.

दरअसल, ऋषिकेश नगर-निगम का दावा है कि इस प्रोजेक्ट को यूपी के वाराणसी की तर्ज पर तैयार किया गया है. प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिलती है, तो मिली रकम से घाटों की सफाई दिन में तीन बार ऑटोमेटिक मशीन स्क्रब ड्रायर और प्रेस जेट्टिंग से की जाएगी. घाटों से लगने वाले नालों की रोजाना सफाई कर उनका रिकॉर्ड मेंटेन किया जाएगा, ताकि नालों की गंदगी गंगा में न बहे. हर 50 मीटर की दूरी पर 100 लीटर के डस्टबिन रखे जाएंगे. कूड़ा वाहन प्रतिदिन दो बार कचरा उठाएंगे. इस काम के लिए 70 सफाई कर्मचारी, तीन सुपरवाइजर और एक साइट मैनेजर की नियुक्ति भी की जाएगी.

पढ़ें: पुणे से हरिद्वार पहुंचे दो प्रवासियों में कोरोना जैसे लक्षण, किये गये आइसोलेट

हालांकि, अभी यह प्रोजेक्ट सिर्फ कागजों में ही है. अब योजना को शासन से वित्तीय मंजूरी मिलने का इंतजार है. प्रोजेक्ट पर शासन के रुख से ही यह तय होगा कि ऋषिकेश में गंगाघाट और आस्थापथ का काम किया जाएगा या नहीं.

ऋषिकेश: तीर्थनगरी में गंगाघाट और आस्थापथ की साफ-सफाई में आधुनिक तकनीक इस्तेमाल करने की योजना है. नगर निगम ने इसके लिए साढे़ चार करोड़ रुपये का 'ऋषिकेश घाट क्लीनिंग प्रोजेक्ट' बनाया है. अब इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है. शासन से प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिलते ही ऋषिकेश में गंगाघाटों और आस्थापथ की सफाई को लेकर काम शुरू किया जाएगा.

'ऋषिकेश घाट क्लीनिंग प्रोजेक्ट' से बदलेगी गंगा घाटों की सूरत.

दरअसल, ऋषिकेश नगर-निगम का दावा है कि इस प्रोजेक्ट को यूपी के वाराणसी की तर्ज पर तैयार किया गया है. प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिलती है, तो मिली रकम से घाटों की सफाई दिन में तीन बार ऑटोमेटिक मशीन स्क्रब ड्रायर और प्रेस जेट्टिंग से की जाएगी. घाटों से लगने वाले नालों की रोजाना सफाई कर उनका रिकॉर्ड मेंटेन किया जाएगा, ताकि नालों की गंदगी गंगा में न बहे. हर 50 मीटर की दूरी पर 100 लीटर के डस्टबिन रखे जाएंगे. कूड़ा वाहन प्रतिदिन दो बार कचरा उठाएंगे. इस काम के लिए 70 सफाई कर्मचारी, तीन सुपरवाइजर और एक साइट मैनेजर की नियुक्ति भी की जाएगी.

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हालांकि, अभी यह प्रोजेक्ट सिर्फ कागजों में ही है. अब योजना को शासन से वित्तीय मंजूरी मिलने का इंतजार है. प्रोजेक्ट पर शासन के रुख से ही यह तय होगा कि ऋषिकेश में गंगाघाट और आस्थापथ का काम किया जाएगा या नहीं.

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