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राजधानी में पेड़ों को बचाने की मुहिम शुरू, रीजन फॉर क्लीन एंड ग्रीन का 'चिपको अभियान' - देहरादून में 22,00 पेड़ों को बचाने की मुहिम

राजधानी देहरादून में इन दिनों उसी आंदोलन को याद करते हुए 22,00 पेड़ों को बचाने की मुहिम शुरू हुई है. जिसे 'चिपको अभियान' नाम दिया गया है.

Chipko campaign to save trees at dehradun
Chipko campaign to save trees at dehradun
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Published : Sep 27, 2021, 1:10 PM IST

Updated : Sep 27, 2021, 1:18 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में वनों को बचाने के लिए चिपको आंदोलन 70 के दशक में शुरू हुआ था. जिसमें महिलाओं ने अहम भूमिका निभाते हुए इस आंदोलन के जरिए वनों को बचाने का काम किया गया. इस दौरान गौरा देवी के नेतृत्व में इस आंदोलन ने बड़ी सफलता पाई, वहीं, राजधानी देहरादून में इन दिनों उसी आंदोलन को याद करते हुए 22,00 पेड़ों को बचाने की मुहिम शुरू हुई है. खास बात यह है कि इस आंदोलन में युवाओं की भागेदारी सबसे अधिक है.

Chipko campaign to save trees at dehradun
चिपको अभियान से जुड़े कई युवा.

दरअसल, देहरादून से मसूरी के सफर को आसान करने के लिए इस मार्ग को फोरलेन किया जा रहा है. ऐसे में देहरादून के जोगीवाला से कोल्हान तक सड़क का चौड़ीकरण होना है. जिसके लिए देहरादून शहर में 22,00 पेड़ चिन्हित किए गए हैं, जो सड़क चौड़ीकरण के लिए काटे जाने हैं.

Chipko campaign to save trees at dehradun
पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश.

खास बात यह है कि पेड़ों को काटे जाने के लिए रूपरेखा तैयार की जा चुकी है लेकिन अब तमाम संगठनों ने पेड़ों को काटे जाने से बचाने के लिए अभियान शुरू किया है.

Chipko campaign to save trees at dehradun
स्लोगन लिखे बैनरों के साथ युवा.

पढ़ें- विश्व पर्यटन दिवस 2021: 'समावेशी विकास के लिए पर्यटन' पर खरा उतर रहा कॉर्बेट पार्क

इसी कड़ी में रीजन फॉर क्लीन एंड ग्रीन दून संगठन की तरफ से पेड़ों को बचाने के लिए 'चिपको आंदोलन' के नाम से यह अभियान को शुरू किया गया है. इसके तहत कई युवाओं ने इसमें हिस्सा लेकर पेड़ों को बचाने के लिए वृक्षों पर धागा बांधकर उनकी रक्षा का संकल्प लिया. साथ ही पेड़ों से लिपटकर सांकेतिक रूप से उन्हें बचाने की बात कही. इस दौरान कई युवा पोस्टर और बैनर लेकर अलग-अलग स्लोगन के साथ पर्यावरण को संरक्षण देने के लिए वृक्षों की महत्ता को बताते भी नजर आए.

Chipko campaign to save trees at dehradun
2200 पेड़ों को बचाने की मुहिम.

देहरादून: उत्तराखंड में वनों को बचाने के लिए चिपको आंदोलन 70 के दशक में शुरू हुआ था. जिसमें महिलाओं ने अहम भूमिका निभाते हुए इस आंदोलन के जरिए वनों को बचाने का काम किया गया. इस दौरान गौरा देवी के नेतृत्व में इस आंदोलन ने बड़ी सफलता पाई, वहीं, राजधानी देहरादून में इन दिनों उसी आंदोलन को याद करते हुए 22,00 पेड़ों को बचाने की मुहिम शुरू हुई है. खास बात यह है कि इस आंदोलन में युवाओं की भागेदारी सबसे अधिक है.

Chipko campaign to save trees at dehradun
चिपको अभियान से जुड़े कई युवा.

दरअसल, देहरादून से मसूरी के सफर को आसान करने के लिए इस मार्ग को फोरलेन किया जा रहा है. ऐसे में देहरादून के जोगीवाला से कोल्हान तक सड़क का चौड़ीकरण होना है. जिसके लिए देहरादून शहर में 22,00 पेड़ चिन्हित किए गए हैं, जो सड़क चौड़ीकरण के लिए काटे जाने हैं.

Chipko campaign to save trees at dehradun
पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश.

खास बात यह है कि पेड़ों को काटे जाने के लिए रूपरेखा तैयार की जा चुकी है लेकिन अब तमाम संगठनों ने पेड़ों को काटे जाने से बचाने के लिए अभियान शुरू किया है.

Chipko campaign to save trees at dehradun
स्लोगन लिखे बैनरों के साथ युवा.

पढ़ें- विश्व पर्यटन दिवस 2021: 'समावेशी विकास के लिए पर्यटन' पर खरा उतर रहा कॉर्बेट पार्क

इसी कड़ी में रीजन फॉर क्लीन एंड ग्रीन दून संगठन की तरफ से पेड़ों को बचाने के लिए 'चिपको आंदोलन' के नाम से यह अभियान को शुरू किया गया है. इसके तहत कई युवाओं ने इसमें हिस्सा लेकर पेड़ों को बचाने के लिए वृक्षों पर धागा बांधकर उनकी रक्षा का संकल्प लिया. साथ ही पेड़ों से लिपटकर सांकेतिक रूप से उन्हें बचाने की बात कही. इस दौरान कई युवा पोस्टर और बैनर लेकर अलग-अलग स्लोगन के साथ पर्यावरण को संरक्षण देने के लिए वृक्षों की महत्ता को बताते भी नजर आए.

Chipko campaign to save trees at dehradun
2200 पेड़ों को बचाने की मुहिम.
Last Updated : Sep 27, 2021, 1:18 PM IST
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