ऋषिकेश: उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात में मजदूरों के लिए लागू नए श्रम कानून का राष्ट्रीय दलित जागरण मंच ने विरोध किया है. मंच ने डाक के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है. राष्ट्रपति से इस कानून को निरस्त करने की मांग की है.
पहले की तरह ही यथावत कानून बरकरार रखने की मांग की गई है. मंच के अध्यक्ष कदम सिंह बालियान का कहना है कि इस नए कानून से मजदूरों का शोषण होगा. उन्होंने इसे मजदूर विरोधी कानून बताया है. इसके अलावा आरक्षण के साथ छेड़छाड़ को भी बंद करने की मांग करते हुए रिजर्वेशन को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने और केंद्रीय कार्यालयों में आरक्षण का बैकलॉक कोटा भरवाने की मांग भी की गई है.
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उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश की सरकारें श्रम कानून में छेड़छाड़ कर दलितों का शोषण करने का प्रयास कर रही हैं. इसलिए नए श्रम कानून लागू नहीं होने चाहिए.