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मोदी कैबिनेट में निशंक को मिली अहम जिम्मेदारी, मानव संसाधन विकास मंत्री का मिला पद

रमेश पोखरियाल निशंक को दूसरी बार संसद पहुंचने पर उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्री पद से नवाजा है. जो काफी अहम पद माना जाता है.

रमेश पोखरियाल निशंक.
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Published : May 31, 2019, 1:12 PM IST

देहरादून: प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार लोकसभा के सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक अपनी राजनीतिक कुशलता से पीएम मोदी और अमित शाह का भरोसा जीतने में कामयाब रहे हैं. साथ ही डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को दूसरी बार संसद पहुंचने पर उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्री पद से नवाजा है. जो काफी अहम पद माना जाता है.

गौर हो कि पूर्व मुख्यमंत्री रहते हुए उनकी आठ साल बार उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है. इस उपलब्धि को उनका संघर्ष और जनता के बीच सीधा संवाद माना जा रहा है. साथ ही राज्य गठन के बाद पहली बार किसी भी सांसद को सीधे कैबिनेट मंत्री का बनाया गया है. इससे पहले पूर्व सीएम हरीश रावत को मनमोहन सरकार में राज्यमंत्री बनने के बाद कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. वहीं पिछली मर्तबा भी उनके कैबिनेट मंत्रिमंडल में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थी.

लेकिन दो पूर्व सीएम भी मैदान में होने से वे पीछे रह गए और बाजी अल्मोड़ा से सांसद अजय टम्टा ने मार ली थी. वहीं पार्टी हाईकमान ने उत्तराखंड में फिर जातीय समीकरण का संतुलन बैठाने की कोशिश की है. क्यों की सूबे के मुख्यमंत्री के तौर पर त्रिवेंद्र सिंह रावत राजपूत हैं जबकि हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ब्राह्मण हैं. वहीं मोदी कैबिनेट में रमेश पोखरियाल निशंक को मानव संसाधन विकास मंत्री के पद से नवाजा है. जिसे राजनीतिक पंडित मोदी कैबिनेट में उनकी मजबूती मान रहे हैं.

ये है निशंक का राजनीतिक सफरनामा

हरिद्वार लोकसभा सीट 1977 में बनी थी. साथ ही ये सीट 1997 से 2009 तक शेड्यूल कास्ट के लिए रिजर्व रही. इस सीट में 14 विधानसभाएं सम्मिलित हैं. पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल 'निशंक' शुरुआत से ही भाजपा से जुड़े रहे हैं. 1991 में वे पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए कर्णप्रयाग निर्वाचन-क्षेत्र से चुने गए. इसके बाद 1993 और 1996 में एक बार फिर से उसी निर्वाचन-क्षेत्र से चुने गए. वर्ष 1997 में उत्तर प्रदेश सरकार में कल्याण सिंह मंत्री मंडल में पर्वतीय विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री रहे और 1999 में रामप्रकाश गुप्त की सरकार में संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री रहे.वर्ष 2000 में उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के बाद प्रदेश के पहले वित्त, राजस्व, कर, पेयजल सहित 12 विभागों के मंत्री रहे. वहीं, वर्ष 2007 में उत्तराखण्ड सरकार में चिकित्सा स्वास्थ्य, भाषा और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री रहे. इसके बाद वर्ष 2009 से 2011 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में काम किया. वर्ष 2012 में डोईवाला क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए, जिसके बाद वर्ष 2014 में डोईवाला से इस्तीफा देकर हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से सांसद के रूप में चयनित हुए.

देहरादून: प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार लोकसभा के सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक अपनी राजनीतिक कुशलता से पीएम मोदी और अमित शाह का भरोसा जीतने में कामयाब रहे हैं. साथ ही डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को दूसरी बार संसद पहुंचने पर उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्री पद से नवाजा है. जो काफी अहम पद माना जाता है.

गौर हो कि पूर्व मुख्यमंत्री रहते हुए उनकी आठ साल बार उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है. इस उपलब्धि को उनका संघर्ष और जनता के बीच सीधा संवाद माना जा रहा है. साथ ही राज्य गठन के बाद पहली बार किसी भी सांसद को सीधे कैबिनेट मंत्री का बनाया गया है. इससे पहले पूर्व सीएम हरीश रावत को मनमोहन सरकार में राज्यमंत्री बनने के बाद कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. वहीं पिछली मर्तबा भी उनके कैबिनेट मंत्रिमंडल में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थी.

लेकिन दो पूर्व सीएम भी मैदान में होने से वे पीछे रह गए और बाजी अल्मोड़ा से सांसद अजय टम्टा ने मार ली थी. वहीं पार्टी हाईकमान ने उत्तराखंड में फिर जातीय समीकरण का संतुलन बैठाने की कोशिश की है. क्यों की सूबे के मुख्यमंत्री के तौर पर त्रिवेंद्र सिंह रावत राजपूत हैं जबकि हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ब्राह्मण हैं. वहीं मोदी कैबिनेट में रमेश पोखरियाल निशंक को मानव संसाधन विकास मंत्री के पद से नवाजा है. जिसे राजनीतिक पंडित मोदी कैबिनेट में उनकी मजबूती मान रहे हैं.

ये है निशंक का राजनीतिक सफरनामा

हरिद्वार लोकसभा सीट 1977 में बनी थी. साथ ही ये सीट 1997 से 2009 तक शेड्यूल कास्ट के लिए रिजर्व रही. इस सीट में 14 विधानसभाएं सम्मिलित हैं. पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल 'निशंक' शुरुआत से ही भाजपा से जुड़े रहे हैं. 1991 में वे पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए कर्णप्रयाग निर्वाचन-क्षेत्र से चुने गए. इसके बाद 1993 और 1996 में एक बार फिर से उसी निर्वाचन-क्षेत्र से चुने गए. वर्ष 1997 में उत्तर प्रदेश सरकार में कल्याण सिंह मंत्री मंडल में पर्वतीय विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री रहे और 1999 में रामप्रकाश गुप्त की सरकार में संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री रहे.वर्ष 2000 में उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के बाद प्रदेश के पहले वित्त, राजस्व, कर, पेयजल सहित 12 विभागों के मंत्री रहे. वहीं, वर्ष 2007 में उत्तराखण्ड सरकार में चिकित्सा स्वास्थ्य, भाषा और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री रहे. इसके बाद वर्ष 2009 से 2011 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में काम किया. वर्ष 2012 में डोईवाला क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए, जिसके बाद वर्ष 2014 में डोईवाला से इस्तीफा देकर हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से सांसद के रूप में चयनित हुए.

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निशंक को मिली अहम जिम्मेदारी, मोदी कैबिनेट में मिला मानव संसाधन विकास मंत्री का पद 

ramesh pokhriyal nishank become HRD Minister 

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देहरादून:  प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार लोकसभा के सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक अपनी राजनीतिक कुशलता से पीएम मोदी और अमित शाह का भरोसा जीतने में कामयाब रहे हैं. साथ ही डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को दूसरी बार संसद पहुंचने पर उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्री पद से नवाजा है. जो काफी अहम पद माना जाता है.

गौर हो कि पूर्व मुख्यमंत्री रहते हुए उनकी आठ साल बार उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है. इस उपलब्धि को उनका संघर्ष और जनता के बीच सीधा संवाद माना जा रहा है. साथ ही राज्य गठन के बाद पहली बार किसी भी सांसद को सीधे कैबिनेट मंत्री का बनाया गया है. इससे पहले पूर्व सीएम हरीश रावत को मनमोहन सरकार में राज्यमंत्री बनने के बाद कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. वहीं पिछली मर्तबा भी उनके कैबिनेट मंत्रिमंडल में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थी. 

लेकिन दो पूर्व सीएम भी मैदान में होने से वे पीछे रह गए और बाजी अल्मोड़ा से सांसद अजय टम्टा ने मार ली थी. वहीं पार्टी हाईकमान ने उत्तराखंड में फिर जातीय समीकरण का संतुलन बैठाने की कोशिश की है. क्यों की सूबे के मुख्यमंत्री के तौर पर त्रिवेंद्र सिंह रावत राजपूत हैं जबकि हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ब्राह्मण हैं.  वहीं मोदी कैबिनेट में रमेश पोखरियाल निशंक को मानव संसाधन विकास मंत्री  के पद से नवाजा है. जिसे राजनीतिक पंडित मोदी कैबिनेट में उनकी मजबूती मान रहे हैं.

ये है निशंक का राजनीतिक सफरनामा

हरिद्वार लोकसभा सीट 1977 में बनी थी. साथ ही ये सीट 1997 से 2009 तक शेड्यूल कास्ट के लिए रिजर्व रही. इस सीट में 14 विधानसभाएं सम्मिलित हैं. पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल 'निशंक' शुरुआत से ही भाजपा से जुड़े रहे हैं. 1991 में वे पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए कर्णप्रयाग निर्वाचन-क्षेत्र से चुने गए. इसके बाद 1993 और 1996 में एक बार फिर से उसी निर्वाचन-क्षेत्र से चुने गए. वर्ष 1997 में उत्तर प्रदेश सरकार में कल्याण सिंह मंत्री मंडल में पर्वतीय विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री रहे और 1999 में रामप्रकाश गुप्त की सरकार में संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री रहे.वर्ष 2000 में उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के बाद प्रदेश के पहले वित्त, राजस्व, कर, पेयजल सहित 12 विभागों के मंत्री रहे. वहीं, वर्ष 2007 में उत्तराखण्ड सरकार में चिकित्सा स्वास्थ्य, भाषा और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री रहे. इसके बाद वर्ष 2009 से 2011 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में काम किया. वर्ष 2012 में डोईवाला क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए, जिसके बाद वर्ष 2014 में डोईवाला से इस्तीफा देकर हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से सांसद के रूप में चयनित हुए.


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