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पीठासीन अधिकारी सम्मेलन: राजस्थान स्पीकर सीपी जोशी ने कहा-लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं दल बदल

राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी ने दल बदल कानून में बदलाव की मांग की है.

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पीठासीन अधिकारी सम्मेलन
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Published : Dec 18, 2019, 11:37 PM IST

देहरादून: देश के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों के 79वें सम्मेल में राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी ने भी हिस्सा लिया. सम्मेलन में उन्होंने भी अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि दल बदल लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है.

पीठासीन अधिकारी सम्मेलन.

स्पीकर जोशी के मुताबिक दल बदल को देखते हुए इस पर अंकुश के मद्देनजर संविधान की 10वीं अनुसूची में अध्यक्ष को शक्ति दी गई. इस बीच देश में अलग-अलग राज्यों में अध्यक्षों ने अलग-अलग निर्णय दिए. बाद में सदस्यों का त्यागपत्र दिलवाकर इसका तोड़ निकाल दिया गया. ऐसे में कोई निर्णय कैसे आएगा. लिहाजा, 10वीं अनुसूची के मसले को रिव्यू करने की आवश्यकता है.

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स्पीकर जोशी ने कहा कि दल बदल की इस प्रक्रिया से लोकतंत्र प्रक्रिया कमजोर न हो इसके लिए इस पर नए सिरे से चर्चा करने की आवश्यकता है. इसके साथ ही टेन शेड्यूल को नए सिरे से दोबारा रिव्यू करने की जरूरत है.

देहरादून: देश के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों के 79वें सम्मेल में राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी ने भी हिस्सा लिया. सम्मेलन में उन्होंने भी अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि दल बदल लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है.

पीठासीन अधिकारी सम्मेलन.

स्पीकर जोशी के मुताबिक दल बदल को देखते हुए इस पर अंकुश के मद्देनजर संविधान की 10वीं अनुसूची में अध्यक्ष को शक्ति दी गई. इस बीच देश में अलग-अलग राज्यों में अध्यक्षों ने अलग-अलग निर्णय दिए. बाद में सदस्यों का त्यागपत्र दिलवाकर इसका तोड़ निकाल दिया गया. ऐसे में कोई निर्णय कैसे आएगा. लिहाजा, 10वीं अनुसूची के मसले को रिव्यू करने की आवश्यकता है.

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स्पीकर जोशी ने कहा कि दल बदल की इस प्रक्रिया से लोकतंत्र प्रक्रिया कमजोर न हो इसके लिए इस पर नए सिरे से चर्चा करने की आवश्यकता है. इसके साथ ही टेन शेड्यूल को नए सिरे से दोबारा रिव्यू करने की जरूरत है.

Intro:नोट - फीड ftp से भेजी गई है.....
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विधायी निकाय के पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे राजस्थान के विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने दलबदलू कानून पर बताया कि संविधान की दसवीं अनुसूची में सुप्रीम कोर्ट को स्पीकर के निर्णय को रिव्यू करने का अधिकार दिया गया है लेकिन दल परिवर्तन के नियम को संशोधन की जरूरत है। 


Body:जोशी ने बताया कि दल बदल कानून की वजह से देश मे दसवीं अनुसूची आयी है। और दसवीं अनुसूची के अंदर स्पीकर को निर्णय लेने की पावर दी गयी है। लेकिन स्पीकर का जो भी निर्णय होगा उसे सुप्रीम कोर्ट रिव्यू करेगी। और ये पावर सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के बाद आयी है। और जिस तरह से अध्यक्षों ने अलग-अलग निर्णय दिया है उस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अलग अलग तरीके से निर्णय दिया है।


लिहाजा दल-बदल लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है लेकिन टेन शेड्यूल में भी एक कमी है कि पार्टी लाइन के खिलाफ जाने वाले सदस्यों की सदस्यता रद्द कर दी जाती है। ऐसे में टेन शेडूल का रिलीवेंस कुछ नहीं रह जाता है। साथ ही बताया कि सदस्य को पार्टी से ही इस्तीफा दिलाने पर ना ही स्पीकर कोई निर्णय दे पाएगा और ना ही सुप्रीम कोर्ट इस पर कोई निर्णय दे पाएगा। दल-बदल की इस प्रक्रिया से लोकतंत्र प्रक्रिया कमजोर ना हो इसके लिए इस पर नए सिरे से चर्चा करने की आवश्यकता है इसके साथ ही टेन शेड्यूल को नए सिरे से वापिस दोबारा रिव्यू करने की जरूरत है।

बाइट - सीपी जोशी, विधानसभा अध्यक्ष, राजस्थान




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