देहरादून/नैनीताल: उत्तराखंड में अब कड़ाके की ठंड पड़नी शुरू हो गई है. तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. पहाड़ से लेकर मैदान तक लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं. देहरादून शहर में नगर निगम की ओर से भी कई जगहों पर अलाव की व्यवस्था की गई है. इसके साथ निगम ने चारों रैन बसेरों में व्यवस्थाएं दुरुस्त होने की बात कही है, जरूरतमंद इन रैन बसेरों का लाभ मिल उठा सकते हैं.
देहरादून नगर निगम की ओर से शहर में 12 जगहों पर अलाव जलाए जा रहे हैं, जिसमें राजपुर रोड, आईएसबीटी चौक, निरंजनपुर सब्जी मंडी पुलिस पिकेट, प्रिंस चौक, घंटाघर, रेलवे स्टेशन, दिलाराम चौक पुलिस पिकेट, परेड ग्राउंड कनक चौक, सहस्त्रधारा चौक, गांधी रोड टैक्सी स्टैंड, चंदननगर कुष्ठ आश्रम, शनि मंदिर बिन्दाल और दून अस्पताल पर अलाव की व्यवस्था की है. इसके साथ ही कुछ स्थानों पर स्थानीय जनता और संस्थाओं ने अलाव जलाने शुरू कर दिए हैं. निगम ने का दावा है कि जरूरत पड़ने पर अलाव की संख्या बढ़ा दी जाएगी.
देहरादून नगर निगम की ओर से फिलहाल शहर में चार रैन बसेरों का संचालन किया जा रहा है. ट्रांसपोर्ट नगर, चूना भट्टी, लालपुर और घंटाघर के पास बने हुए हैं. रैन बसेरों में 100 से 150 लोग आराम से रात गुजार सकते हैं. नगर निगम ने लोगों को ठंड से बचाने के लिए इन चार रैन बसेरों में सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर दी हैं, जबकि पांचवें रैन बसेरे की शुरुआत जल्द हो जाएगी, यहां पर बिस्तर और अन्य व्यवस्थाएं की जा रही हैं. जरूरत पड़ने पर अस्थाई रैन बसेरों का इंतजाम किया जाएगा.
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वन विभाग दे रहा लकड़ी: नगर आयुक्त अभिषेक रुहेला ने बताया कि नगर निगम में अलाव के लिए लकड़ियों की आपूर्ति वन निगम और प्राइवेट वेंडरों के माध्यम से की जा रही है. इसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गई है. शहर की अलग-अलग स्थानों पर अलाव की व्यवस्था कर दी गई है. उन्होंने कहा कि जरूरत के अनुसार अलाव की संख्या बढ़ाई जाएगी.
उधर, मौसम विभाग ने नैनीताल समेत प्रदेश भर में एक माह अतिरिक्त ठंड पड़ने की चेतावनी जारी की है, जिसको लेकर जिला प्रशासन और नगर पालिका अलर्ट पर है. पालिका ने लोगों को ठंड से बचाने के लिए शहर के विभिन्न स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई है, ताकि स्थानीय लोगों और पर्यटकों को ठंड से बचाया जा सके.
वन विभाग नहीं दी पर्याप्त लकड़ी: नगर पालिका के वर्क एजेंट ईश्वर बहुगुणा ने बताया कि पालिका ने वन निगम से अलाव जलाने के लिए 100 कुंटल लकड़ी की मांग की गई थी, लेकिन अभी तक वन निगम ने आवश्यकता अनुरूप लकड़ी उपलब्ध नहीं कराई है, जिस वजह से पालिका मात्र 2 स्थानों पर ही अलाव जला रही है.
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि हर साल शहर में 31 दिसंबर से अलाव जलाने की व्यवस्था की जाती थी लेकिन इस बार कड़ाके की ठंड को देखते पहले ही अलाव जलाए जा रहे हैं. नैनीताल के संयुक्त मजिस्ट्रेट प्रतीक जैन ने बताया कि जिले में अलाव जलाने और रैन बसेरों में यात्रियों की बेहतर सुविधा के लिए जिलाधिकारी ने 5 लाख रुपए का बजट अवमुक्त किया है. नैनीताल शहर के लिए 80 हजार रुपए, जबकि हल्द्वानी, रामनगर समेत आसपास के क्षेत्रों के लिए 4 लाख 20 हजार रुपए से अलाव की व्यवस्था की जाएगी.