मुंबई: टाटा कैपिटल ने 25 फरवरी को कहा कि उसने आरंभिक सार्वजनिक पेशकश की योजना को मंजूरी दे दी है, जिसमें 23 करोड़ इक्विटी शेयरों का नया निर्गम और मौजूदा शेयरधारकों द्वारा बिक्री की पेशकश शामिल होगी. बोर्ड ने कंपनी के मौजूदा शेयरधारकों को राइट्स बेसिस पर 1,504 करोड़ रुपये तक के शेयर जारी करने का फैसला किया है. गौरतलब है कि 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज की बंपर लिस्टिंग के बाद यह टाटा ग्रुप की किसी कंपनी का पहला आईपीओ होगा.
टाटा समूह का यह कदम आरबीआई की 'अपर लेयर' एनबीएफसी के लिए अधिसूचित होने के तीन साल के भीतर यानी सितंबर 2025 तक सूचीबद्ध होने की अनिवार्य आवश्यकता के अनुरूप है. टाटा कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज, जिसका बाद में जनवरी 2024 में टाटा कैपिटल के साथ विलय हो गया, नियामक की सूची में है.
टाटा कैपिटल के बारे में
टाटा कैपिटल एक गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवा (एनबीएफसी) फर्म है और व्यवसाय समूह की प्रमुख निवेश होल्डिंग कंपनी टाटा संस की सहायक कंपनी है. टाटा कैपिटल की स्थापना 2007 में हुई थी और यह विभिन्न प्रकार के लोन देता है, जिसमें होम लोन, व्यक्तिगत लोन, व्यवसाय लोन और संपत्ति के विरुद्ध लोन शामिल हैं. यह पैसे मैनेजमेंट और निवेश सेवाएं भी देता है.
क्रिसिल रेटिंग्स की सितंबर की एक रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च, 2024 तक फर्म के पास 158,479 करोड़ रुपये का एयूएम था. टाटा संस के पास 31 मार्च, 2024 तक टाटा कैपिटल लिमिटेड के 92.83 फीसदी इक्विटी शेयरों का डायरेक्ट ओनरशिप था, जबकि शेष अधिकांश हिस्सेदारी टाटा समूह की अन्य कंपनियों और ट्रस्टों के पास थी.