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उत्तराखंड: नए साल का तोहफा, घरवालों से फोन पर बात कर सकेंगे कैदी

नए साल से कैदियों को अपनों से फोन पर बात करने की सुविधा मिलेगी. ऐसे में एक कैदी एक हप्ते में दो बार और एक वक्त में सिर्फ पांच मिनट बात ही कर पाएंगे.

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Published : Dec 28, 2019, 6:13 PM IST

देहरादूनः नए साल से उत्तराखंड के जेलों में बंद कैदियों को तोहफे के रूप में अपने परिवारजनों से फोन पर बात करने की सुविधा मिलने जा रही है. इस मामले में शासन से अनुमति मिलने के बाद जेल प्रशासन देहरादून सहित प्रदेश के सभी 13 जिलों में संचालित होने वाली जेलों में ये सुविधा देगी.

बीएसएनएल की विशेष लैंडलाइन नंम्बर सर्विस प्रदेश की सभी जेलों में पीसीओ लगाने जा रही है. ये सुविधा कैदियों को हफ्ते में दो बार किसी दो नम्बरों पर दी जाएगी. जिससे वह अपने परिवार व परिचित लोगों से हाल-चाल जानने और अपनी खैर खबर बता सके. ये सुविधा जेल प्रशासन द्वारा कैदियों को मानवता के आधार पर इसलिए दी जा रही है, ताकि दूरदराज से उनसे मिलने वाले परिवारजनों को जेल आने की फजीहत से कुछ राहत मिल सके. ये सुविधा जनवरी 2020 के अंतिम सप्ताह से प्रदेश भर के जिलों में लागू कर दी जाएगी.

कैदियों को नए साल का तोहफा.

पढ़ेंः नये साल में बढ़ सकती है बांध प्रभावितों की मुश्किलें, जानें क्या है वजह

बता दें कि जेल में कैदियों को अपने परिवार से फोन पर बातचीत वाले विषय में देहरादून जेल प्रशासन ने इसका प्रयोग लगभग एक साल तक किया था, जिसका सकारात्मक परिणाम मिलने के बाद इस मामले में जेल प्रशासन ने एक प्रस्ताव बनाकर रिपोर्ट शासन में भेजी थी.

पढ़ेंः करोड़ों के घाटे में चल रही डोइवाला शुगर मिल, एथेनॉल प्लांट लगाने की तैयारी

कैदियों की बातचीत की होगी जांच
उत्तराखंड के जेलों में बंद कैदियों को जेल में लगे सरकारी पीसीओ फोन से बात करने की ही अनुमति होगी. नियम के अनुसार, इसके लिए कैदी को एक एफिडेविट में लिखित तौर अपने परिवार के सदस्यों की जानकारी फोन नंबर समेत देनी होगी. ताकि किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि की आशंका पर जेल प्रशासन फोन सर्विसलांस द्वारा बातचीत की जानकारी जुटा सके.

पढ़ेंः रुड़कीः मनचलों की बढ़ती हरकतों से छात्राएं परेशान, सरेराह कसते हैं फब्तियां

सप्ताह में दो बार और एक वक्त में सिर्फ 5 मिनट की बात
कैदियों को हफ्ते में सिर्फ दो बार ही अपनों से बातचीत करने की सुविधा मिलेगी. जिसमें भी एक वक्त में सिर्फ पांच मिनट बात करने की अनुमति होगी. गौरतलब है कि कैदियों को कारागार के सरकारी फोन पर अपने परिवारजन से बातचीत करने की सुविधा उत्तराखंड के अलावा देश के कई राज्यों में पहले ही जारी हैं.

देहरादूनः नए साल से उत्तराखंड के जेलों में बंद कैदियों को तोहफे के रूप में अपने परिवारजनों से फोन पर बात करने की सुविधा मिलने जा रही है. इस मामले में शासन से अनुमति मिलने के बाद जेल प्रशासन देहरादून सहित प्रदेश के सभी 13 जिलों में संचालित होने वाली जेलों में ये सुविधा देगी.

बीएसएनएल की विशेष लैंडलाइन नंम्बर सर्विस प्रदेश की सभी जेलों में पीसीओ लगाने जा रही है. ये सुविधा कैदियों को हफ्ते में दो बार किसी दो नम्बरों पर दी जाएगी. जिससे वह अपने परिवार व परिचित लोगों से हाल-चाल जानने और अपनी खैर खबर बता सके. ये सुविधा जेल प्रशासन द्वारा कैदियों को मानवता के आधार पर इसलिए दी जा रही है, ताकि दूरदराज से उनसे मिलने वाले परिवारजनों को जेल आने की फजीहत से कुछ राहत मिल सके. ये सुविधा जनवरी 2020 के अंतिम सप्ताह से प्रदेश भर के जिलों में लागू कर दी जाएगी.

कैदियों को नए साल का तोहफा.

पढ़ेंः नये साल में बढ़ सकती है बांध प्रभावितों की मुश्किलें, जानें क्या है वजह

बता दें कि जेल में कैदियों को अपने परिवार से फोन पर बातचीत वाले विषय में देहरादून जेल प्रशासन ने इसका प्रयोग लगभग एक साल तक किया था, जिसका सकारात्मक परिणाम मिलने के बाद इस मामले में जेल प्रशासन ने एक प्रस्ताव बनाकर रिपोर्ट शासन में भेजी थी.

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कैदियों की बातचीत की होगी जांच
उत्तराखंड के जेलों में बंद कैदियों को जेल में लगे सरकारी पीसीओ फोन से बात करने की ही अनुमति होगी. नियम के अनुसार, इसके लिए कैदी को एक एफिडेविट में लिखित तौर अपने परिवार के सदस्यों की जानकारी फोन नंबर समेत देनी होगी. ताकि किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि की आशंका पर जेल प्रशासन फोन सर्विसलांस द्वारा बातचीत की जानकारी जुटा सके.

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सप्ताह में दो बार और एक वक्त में सिर्फ 5 मिनट की बात
कैदियों को हफ्ते में सिर्फ दो बार ही अपनों से बातचीत करने की सुविधा मिलेगी. जिसमें भी एक वक्त में सिर्फ पांच मिनट बात करने की अनुमति होगी. गौरतलब है कि कैदियों को कारागार के सरकारी फोन पर अपने परिवारजन से बातचीत करने की सुविधा उत्तराखंड के अलावा देश के कई राज्यों में पहले ही जारी हैं.

Intro:summary- नए साल से उत्तराखंड के जेल में सजायाफ्ता कैदियों को मिलेगी अपनो से फोन पर बात करने का सुविधा, शासन से मिली इस मामले में अनुमति, उत्तराखंड के सभी जिलों में लगेगा कैदियों के लिए पीसीओ, हफ्ते में दो बार बात करने की आजादी।


नए साल से उत्तराखंड के जेलों में बंद सजायाफ्ता कैदियों को तोहफे के रूप में अपने परिवारजनों से फोन पर बात करने की सुविधा मिलने जा रही है। इस मामले में शासन से अनुमति मिलने के बाद जेल प्रशासन देहरादून सहित प्रदेश के 13 जिलों में संचालित होने वाली जेलों में बीएसएनएल की विशेष लैंडलाइन नंम्बर सर्विस द्वारा पीसीओ लगाने जा रहा है, यह सुविधा कैदियों को हफ्ते में दो बार किसी दो नम्बरों पर दी जाएगी, जिससे वह अपने परिवार व परिचित लोगों से हाल-चाल जानने और अपनी खैर ख़बर बता सके। यह सुविधा जेल प्रशासन द्वारा कैदियों को मानवता के आधार पर इसलिए दी जा रही है, ताकि दूरदराज से उनसे मिलने वाले परिवार जन को जेल आने की फ़जीहत से कुछ राहत मिल सके। यह सुविधा नए साल 2020 जनवरी के अंतिम सप्ताह से प्रदेश भर के जिलों में लागू कर दी जाएगी।

देहरादून जेल में एक साल तक इसका प्रयोग किया गया: जेल ADG

बता दें कि जेल में कैदियों को अपने परिवार से फोन पर बातचीत वाले विषय में देहरादून जेल प्रशासन ने इसका प्रयोग लगभग 1 साल तक किया था, जिसका परिणाम सकरात पर मिलने के बाद इस मामले में जेल प्रशासन द्वारा इसको लागू करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था, जो अब पूरे प्रदेश के जेलों के लिए मिल गया है।

उत्तराखंड के 2 जिलों को छोड़कर इन स्थानों में है जेल

देहरादून, हरिद्वार ,रुड़की, उधम सिंह नगर, नैनीताल, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, चमोली , चंपावत पिथौरागढ़,अल्मोड़ा,हल्द्वानी, सितारगंज ।


Body:अवैध गतिविधि की आशंका पर कैदियों के बातचीत को सर्विलांस के जरिए जेल प्रशासन जांच पड़ताल भी करेगा

उत्तराखंड के जेलों में बंद कैदियों को जेल में लगे सरकारी पीसीओ फोन से बात करने के लिए जेल प्रशासन के नियम कायदे अनुसार बाकयदा एक एफिडेविट में लिखित तौर पर किस परिवार जन व परिचित से बात करनी है,उनकी जानकारी फोन नंबर व अन्य विषयों की भी डिटेल देनी होगी, ताकि किसी भी तरह की संदिग्ध या अपराधिक गतिविधियों की आशंका होने पर जेल प्रशासन फोन सर्विस लांस द्वारा बातचीत की जानकारी जुटाकर संबंधित कैदी के वार्तालाप की जांच पड़ताल समय-समय पर कर सके। इतना ही फोन बातचीत के दौरान किसी भी अवैध गतिविधि को लेकर पहले से लिए गए एफिडेविट के मुताबिक सारी जिम्मेदारी कैदी और उसके परिवार जन की होगी।

जेल के सरकारी पीसीओ से कैदियों को हफ्ते में दो बार अपनों से बातचीत करने की सुविधा हफ्ते में दो बार ही मिलेगी,जिसमें वह एक समय पर 5 मिनट से तक ही बात कर सकेंगे। वही कैदियों को जेल में लगे सरकारी पीसीओ से बात करने वाली सुविधा के लिए जेल नियम कायदे के मुताबिक कुछ आधिकारिक दस्तावेजों पर औपचारिकता पूरी करनी होंगी। उसके बाद अलग-अलग अभी दिन के अनुसार क्रमबद्ध पर बात करने की सुविधा दी जाएगी।
बता दें कि, जेल में बंद कैदियों को कारागार के सरकारी फोन पर अपने परिवार जन से बातचीत करने की सुविधा उत्तराखंड के अलावा देश के कई राज्यों में पहले जारी हैं, हालांकि कई राज्यों में अभी यह सुविधा नहीं हैं।





Conclusion:जेल से फोन सुविधा मिलने के बाद कैदियों में सकारात्मक विचार आएगा,परिजनों को भी मिलेगी जेल आने से बड़ी राहत:जेल ADG

वहीं उत्तराखंड के जिलों में लगने वाले सरकारी पीसीओ से कैदियों को बात करने की सुविधा मामले में उत्तराखंड राज्य के जेल अपर पुलिस महानिदेशक पीवीके प्रसाद ने बताया कि इस विषय पर शासन से अनुमति मिल चुकी है,ऐसे आने वाले वर्ष 2020 जनवरी के अंतिम सप्ताह तक यह सुविधा राज्य के सभी 13 जिलों में यह सुविधा मिल सकेगी। एडीजे प्रसाद के मुताबिक इस सुविधा मिलने से जहाँ एक तरफ जेल में बंद कैदियों में सकारात्मक विचार आएगा, वही दूसरी ओर दूर दराज उनसे मिलने वाले परिवार जनों को कई बार जेल में मिलने में समस्या का भी समाधान इस पहल से राहत के रूप में होने जा रहा है।

बाइट-पी0 वी 0के0 प्रसाद ,जेल, अपर पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड
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