हरिद्वार: राजकीय मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड पर दिए जाने का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. छात्र बीते कई दिन से इसका विरोध कर रहे हैं.
आज शुक्रवार सुबह सीएम से वार्ता के लिए देहरादून जा रहे छात्र- छात्राओं को पुलिस प्रशासन ने कॉलेज से निकलने से पहले ही रोक दिया. आरोप है कि कॉलेज का मुख्य गेट बंद कर दिया गया. बताया जा रहा है कि इस दौरान एक छात्रा की हालत बिगड़ गई.
हरिद्वार मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड पर देने का विरोध: छात्र-छात्राओं का आरोप है कि देहरादून जाने के लिए उनकी ओर से बुक की गई बस के ड्राइवर को भी पुलिस प्रशासन की ओर से बाहर निकाल दिया गया है. हरिद्वार राजकीय मेडिकल कॉलेज के छात्र आज तीसरे दिन भी अपनी क्लास को छोड़कर विरोध कर रहे हैं. जब इस विषय पर राजकीय मेडिकल कॉलेज जगजीतपुर के प्रिंसिपल रंगील सिंह रैना से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि-
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— Congress (@INCIndia) January 9, 2025
हरिद्वार में सरकारी जमीन पर जनता के पैसे से मेडिकल कॉलेज बनाया गया।
अब इस 'सरकारी' मेडिकल कॉलेज को 'प्राइवेट' कंपनी को दिया जा रहा है, जिसे बनाने में करीब 800 करोड़ रुपए खर्च हुए।
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हमारे द्वारा छात्रों को समझा लिया गया है. वह अब शांत हैं. आज शाम को जिला प्रशासन और कई अधिकारियों से मिलकर छात्रों से वार्तालाप करेंगे. उन्हें जो भी डाउट है, उन सबको क्लियर करने का कार्य करेंगे. छात्रों से यह कहा गया है कि वह शाम तक का इंतजार करें. अपने हर डाउट को प्रशासन के सामने रखें.
-रंगील सिंह रैना, प्रिंसिपल, हरिद्वार मेडिकल कॉलेज-
प्रिंसिपल ने क्या कहा: वहीं जब प्रिंसिपल रंगील सिंह रैना से छात्र-छात्राओं के देहरादून सीएम से मिलने जाने की बात पूछी गई, तो उनका कहना था कि-
हमें यह नहीं मालूम कि छात्र-छात्राएं कहां जा रहे थे. लेकिन छात्रों की जिम्मेदारी कॉलेज प्रशासन की है. इसीलिए छात्रों को कॉलेज कैंपस में ही रखा गया है.
-रंगील सिंह रैना, प्रिंसिपल, हरिद्वार मेडिकल कॉलेज-
सीएम से वार्ता करने जाना चाहते थे छात्र: इधर हरिद्वार में राजकीय मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड पर दिए जाने का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. छात्र बीते कई दिन से इसका विरोध कर रहे हैं. आज सुबह छात्र छात्राओं का वार्ता के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से देहरादून जाने का कार्यक्रम था. छात्रों ने इसके लिए बस भी बुक कर ली थी. आरोप है कि छात्र- छात्राओं को पुलिस प्रशासन ने कॉलेज से बाहर ही नहीं निकलने दिया. कॉलेज का मुख्य गेट बंद कर दिया गया. बताया जा रहा है कि इस दौरान एक छात्रा को तबीयत भी बिगड़ी गई.
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