देहरादून: उत्तरकाशी के पुरोला धर्मांतरण मामले (purola conversion case) में नए संशोधित कानून के तहत चल रही कानूनी कार्रवाई के तहत पादरी की गिरफ्तारी हुई है. अब पुलिस मामले में अन्य मुख्य आरोपियों की भी गिरफ्तारी (Action in Purola conversion case) करने की तैयारी कर रही है. हालांकि, इससे पहले ही एक स्थानीय और दो बाहर के आरोपियों ने कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की है. जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी. जिसके बाद ही मामले में आगे की कार्रवाऊ होगी.
एविडेंस के आधार गिरफ़्तारी होगी: राज्य में अपराध व कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी निभा रहे एडीजी डॉक्टर वी. मुरुगेशन के मुताबिक तीन नामजद आरोपियों ने Anticipatory bail के लिए कोर्ट में अपील लगाई है. जिसक निर्णय के अनुसार अन्य आरोपियों की भी नए कानून के तहत एविडेंस एकत्र कर गिरफ्तारी कार्रवाई को देखा जाएगा. उन्होंने कहा सामूहिक धर्मांतरण का मामला बेहद गंभीर विषय है. ऐसे में उत्तराखंड में लागू धर्मांतरण के नए कानून के तहत पुलिस कार्रवाई जारी है
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बता दें उत्तरकाशी के पुरोला इलाके में बीते 23 दिसंबर 2022 के दिन एक साथ कई गांव के लोगों का धर्मांतरण करने का मामला सामने आया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रारंभिक जांच के आधार पर मुख्य आरोपी पादरी सहित 7 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया. इधर राज्य सरकार ने उत्तराखंड में धर्मांतरण के तेजी से बढ़ते मामले को देखते हुए 22 दिसंबर 2022 को धर्मांतरण कानून को सख्त प्रावधान के तहत संशोधन करते हुए नोटिफिकेशन जारी कर राज्य में नया कानून लागू किया.
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नए एक्ट के तहत 10 साल की सजा आर्थिक जुर्माना और सीधे गिरफ्तारी का प्रावधान है. इसी के तहत जांच पड़ताल और साक्ष्यों के आधार पर 12 जनवरी 2023 की देर रात पादरी की गिरफ्तारी देहरादून से की गई. अब अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए भी कार्रवाई प्रचलित है.